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Ajay Amitabh Suman

#poem #Poetry #kavita #New_Year #sadness Lonliness   अनगिनत शक्तिशाली महान राष्ट्रों को धराशायी करते हुए ,मानव के स्वछंदिता, संप्रभुता एवं #HappyNewYear

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विगत साल भी बीत गया

जग हारा अंतक जीत गया आमोद  मोद मधुगीत गया,
थे तन्हा तन्हा रात दिन  वक्त  शोकाकुल  व्यतीत गया।
कुछ राष्ट्र   बड़े जो  बनते थे दीनों  पर तनकर  रहते थे ,
उनकी मर्यादा अनुशासित वो अहमभाव अपनीत गया।  
खाली  खाली  सारी सड़कें थी  सुनीं  सुनी  सब गलियां,
जीवन की वीणा  बजती ना वो  राग मधुर   संगीत गया। 
गत साल भरा था काँटों से मन शंकित शंकित रहता था,
शोक  संदेशे   सुन सुन कर  उर का सारा वो गीत गया।
मदमाता सावन आया कब कब कोयल कूक सुनाती थी,
विस्मृत   बाग   में फूलों  के हिलने  डुलने का रीत गया।
निजनिलयों में रहकर जीना था डर का विषप्याला पीना,
बढ़ती दुरी  थी  अपनों में  वो अपनापन  वो प्रीत  गया।
तन पर तो  थोड़े चोट  पड़े पर  मन पर  थे  वो बड़े बड़े ,
अब तक चित्त पर जो हरे भरे देकर  कैसा अतीत गया। 
पर बुरी  बात  की एक बात अच्छी सबको हीं लगती है,
जो दौर बुरा ले विगत साल आया था अब वो बीत गया।
बाधा  आती   हैं आयेंगी  जग में जीवन  कब रुकता है,
नए आगत का स्वागत मन से ऊर्जा आशा संप्रीत नया।
चित्त के  पल्लव  मुस्काएंगे उल्लास  कुसुम छा जाएंगे,  
नव साल पुनः  हम गायेंगे   जीवन का न्यारा गीत नया।

©Ajay Amitabh Suman #Poem #Poetry #Kavita #New_year #Sadness #Lonliness  

अनगिनत शक्तिशाली महान राष्ट्रों को धराशायी करते हुए ,मानव के स्वछंदिता, संप्रभुता एवं

Adi_writes04

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद होने वाले माँ भारती के वीर पुत्रों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ! हम सभी देशवासि आपके शौर्य साहस पराक

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Ajay Amitabh Suman

#नया_साल #बुरा_वक्त बुरा_दौर  #तन्हाई #एकाकीपन   #poem Poetry #kavita #New_Year अनगिनत शक्तिशाली महान राष्ट्रों को धराशायी करते हुए ,मानव #कविता

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©Ajay Amitabh Suman #नया_साल #बुरा_वक्त #बुरा_दौर  #तन्हाई #एकाकीपन   #Poem #Poetry #Kavita #New_year

अनगिनत शक्तिशाली महान राष्ट्रों को धराशायी करते हुए ,मानव

Ajay Amitabh Suman

#नया_साल #बुरा_वक्त बुरा_दौर  #तन्हाई   #poem Poetry #kavita #New_Year #sadness Lonliness   अनगिनत शक्तिशाली महान राष्ट्रों को धराशायी क #कविता

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Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🇮🇳 *“14/2/2022”*📚 ❤️ *“सोमवार”* 🇮🇳 *#“परिवार”* *#“मतभेद”* #Thoughts #PulwamaAttack #“प्रेम” #“मन” #“सुख” #“आनंद” #“एकता #“बिखरना”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
🇮🇳 *“14/2/2022”*📚
❤️ *“सोमवार”* 🇮🇳 

देखिए ये बात हर एक “व्यक्ति”,
हर एक “परिवार”,हर एक “सम्प्रदाय”,
हर एक “राज्य” पर ये बात लागू हो सकती है,
“परिवार” में यदि “मतभेद” यदि “बढ़” जाए 
तो परिवार टूटकर “बिखर” जाता है,
इतिहास गवाह है यदि “समाज के लोग” 
आपस में ही लड़ने लगे तो 
वो “लोग” राजा नहीं बनते अपितु 
कोई उनका “लाभ” उठाकर स्वयं को “राजा” बना लेता है,
“एकता का महत्व” समझिए,
आज आकर बात आती है “प्रेम” की,
क्योंकि ये “प्रेम” ही जो सबकों 
“एक” रखकर के “आनंदित” रख सकता है,
“प्रेम” से “शक्तिशाली” और कुछ नहीं,
तो इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” किजिए 
और अपने “परिवार” में,“समाज” में लाइए,
आपके “जीवन” में “आनंद” और
 “सुख” दोनों अवश्य होगा...
 *“अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
🇮🇳 *“14/2/2022”*📚
❤️ *“सोमवार”* 🇮🇳 

*#“परिवार”*

*#“मतभेद”*

Umesh Rathore

भारतवर्ष की एकता अखंडता संप्रभुता भिन्नता में भी एक सब धर्मों की समानता सबका सम्मान शांति के रूप से पर्याप्त विद्यमान है, पर भारतीयों को जित #lovequotes #yourquote #IndianArmy #yqdidi #yqtales #yourquotebaba

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जो केसरिया बाना ओढ़े,
युद्ध का इतिहास रखें,
सर कट जाए पर सर ना झुके,
मातृभूमि की शान रखें,
हरे-भरे से फूल खिले,
लहराए हरियाली से धरती,
श्वेत वर्ण धारण करके,
जो शांति का पैगाम दिया,
तिरंगा यूं ही नहीं बना दोस्तों,
इसका पहले प्रमाण दिया,
एकता से हमने दिल को जीता।
और आज एक बात याद दिलाता हूं ,
पंडित जरूर है, हम पर शास्त्रों के ज्ञाता भी। भारतवर्ष की एकता अखंडता संप्रभुता भिन्नता में भी एक सब धर्मों की समानता सबका सम्मान शांति के रूप से पर्याप्त विद्यमान है,
पर भारतीयों को जित

Vibhor VashishthaVs

Meri Diary Vs❤❤ भारतीय लोकतंत्र के मंदिर 'संसद' पर हुए कायराना हमले को अपने प्राणों की आहुति देते हुए विफल कर भारतीय गणराज्य की संप्रभुता #yourquote #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yourquotebaba #yourquotedidi #13december #vs❤❤

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Meri Diary #Vs❤❤
भारतीय लोकतंत्र के मंदिर 'संसद' पर हुए 
कायराना हमले को अपने प्राणों की आहुति 
देते हुए विफल कर भारतीय गणराज्य की संप्रभुता 
की रक्षा करने वाले वीर जवानों को भावपूर्ण 
श्रद्धांजलि एवं कोटि कोटि नमन..।
🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏
















आप सभी का बलिदान हर भारतवासी को राष्ट्र सेवा के लिए सदैव प्रेरित करता रहेगा।
🙏🇮🇳भारत माता की जय🇮🇳🙏
 🙏🇮🇳 जय हिंद जय भारत🇮🇳🙏
✍️Vibhor vashishtha vs
     Meri Diary #Vs❤❤
भारतीय लोकतंत्र के मंदिर 'संसद' पर हुए 
कायराना हमले को अपने प्राणों की आहुति 
देते हुए विफल कर भारतीय गणराज्य की संप्रभुता

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*🇮🇳 📘 *“26/1/2022”*👮🏻‍♀️ 🇮🇳 *“बुधवार”* 👮🏻‍♂️ *#“सूर्य”* *#“ऊर्जादाता ईश्वर”* #Thoughts #RepublicDay #“जीवन #“दृष्टिकोण” #“नदी” #“सागर” #“प्यास #“अनंत #“सही

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*✍🏻“सुविचार"*🇮🇳 
📘*“26/1/2022”*👮🏻‍♀️
🇮🇳*“बुधवार”* 👮🏻‍♂️

“सूर्य”...किसी के लिए “ऊर्जादाता ईश्वर”
 तो किसी “उल्लू” के लिए आंख बंद 
कर देने वाली “प्रकाशपथ”,
“नदी” ...किसी के लिए “प्यास बुझाने का स्त्रोत” तो किसी के लिए “बाढ़” बनकर “विनाश” कर देने वाली “विपदा”,
“सागर”...किसी के लिए “खारे पानी का भंडार” तो किसी के लिए “अनंत जीवों का साथ”,
प्रश्न ये है कि “हर व्यक्ति” के लिए किसी भी “भाव” या “वस्तु” की “परिभाषा भिन्न” क्यों होती है ?
उत्तर है- हम “वस्तुओं” को या “भावों” को वैसे देखते है जैसी हमारी “मानसिकता” होती है,
अब इसका “निवारण” क्या है ?
“स्वयं की मानसिकता” 
और “दृष्टिकोण” को शुभ करें,
सबकुछ “सही” और “शुभ” लगेगा...
*“अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*🇮🇳 
📘 *“26/1/2022”*👮🏻‍♀️
🇮🇳 *“बुधवार”* 👮🏻‍♂️

*#“सूर्य”*

*#“ऊर्जादाता ईश्वर”*

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#RepublicDay 🙏🌹सादर समीक्षार्थ🌹🙏 विषय - गणतंत्र दिवस विधा - सरसी छन्द जन गन मन में हुआ समाहित , भारत का अभिमान । जिसकी संप #शायरी

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जन गन मन में हुआ समाहित , भारत का अभिमान ।
जिसकी संप्रभुता का करते , निशिदिन हम गुणगान ।।

यही आलोकिक शक्ति रहती , यही अवतरित राम 
सुन राधा से रास रचाते ,दिखते हैं घनश्याम ।।
यही वह भारत भूमि देखो , जिसकी है यह शान ।
इसके कण-कण में है दिखता , हमारा स्वाभिमान ।।
जन गन मन में हुआ समाहित ....।

रंग अलग हैं रूप अलग है , लेकिन उच्च विचार ।
जीव-जन्तु से प्यार यही है , गाते सब मलहार ।
पक्षी की कलरव में खोजे , तानसेन की तान ।
नर नारी के प्राण प्रिये हैं , दिलवाती पहचान ।।
जन गन मन में हुआ समाहित...

खण्ड-खण्ड से अखण्ड देखो , भारत आज विशाल ।
जाति धर्म से ऊपर उठकर , बुनता अपना जाल ।।
वीरो और जवानों से ही , बढ़े तिरंगा शान ।
हाथ बटाता है बढ़कर वह , देखो खड़ा किसान ।।
जन गन मन में हुआ समाहित .....

निर्भिक होकर आगे बढ जा , दुश्मन बैठा घात ।
चौकन्ना रहना तू हर पल , सुनकर मेरी बात ।।
संग सितारों के ही चमके , भारत का अभिमान ।
बलिदानों की यह धरती है , जाँ तक है कुर्बान ।।
जन गन मन में हुआ समाहित......

जन गन मन में हुआ समाहित , भारत का अभिमान ।
जिसकी संप्रभुता का करते , निशिदिन हम गुणगान ।।

२६/०१/२०२३   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR #RepublicDay 🙏🌹सादर समीक्षार्थ🌹🙏

विषय     -    गणतंत्र दिवस
विधा      -    सरसी छन्द 

जन गन मन में हुआ समाहित , भारत का अभिमान ।
जिसकी संप
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