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Shravan Goud
हमने देखा है ज्यादातर प्यार आकर्षण का होता है जो जल्दी ही टुट ज्याता है। सच्चे प्यार में कई तरह की परीक्षाओं से होकर गुजरना पड़ता है तब जाकर वह परिपक्व होता है। चकाचौंध की दुनिया में कोई भी आकर्षित हो जाता है।
NASAR
इस चकाचौंध की दुनिया में कविता का कोई बोल नही, मिलता है सबकुछ पैसो में,'भावों' का कोई मोल नही! इस चकाचौंध की दुनिया में कविता का कोई बोल नही, मिलता है सबकुछ पैसो में,'भावों' का कोई मोल नही! - नसर #yqbaba #yqdidi #yqtales
Kajalife....
2 Years of Nojoto तुमसा अभी तक नही देखा ; जो इन बडे - बड़े और ऊँचे - ऊँचे मकानों से परे होकर उस अनोखे चॉद को प्रेम करता हो , अपनें हर किस्सें में , उसे शामिल करता हो! जो इस जगमगाती दुनिया की रोशनी की बजाए , चॉद की ठण्डी रोशनी में , उसे देखते अपनी रात बिताता हो..... # ..... # बहुत कम हैं ऐसे लोग जो अब भी इस शहर की चकाचौंध की बजाए चॉद की सफेंद रोशनी को देखना पसंद करते हो , खुद को सुकू उसे चॉद के जहां तले आकर मिल
Monika jayesh Shah
जगमग-जगमग रोशनी; चकाचौंध की दुनिया में! जग-मगाये पूरा शहर; चमकती-धमकतीं हमारी खूबसूरत रंगीन दुनिया.. खो जाती हैं..अक्सर सन्नाटे भरी रातों में.. जब सपनों की नयी चाहत .. एक नयी रंगीन दुनिया बसाने! ©Monika Shah जगमग-जगमग रोशनी; चकाचौंध की दुनिया में! जग-मगाये पूरा शहर; चमकती-धमकतीं हमारी खूबसूरत रंगीन दुनिया.. खो जाती हैं..अक्सर सन्नाटे भरी रात
Nisheeth pandey
गाँव का धर्मपरिवर्तन ********************* शहर बना मैं गाँव को उजाड़ , मैं शहरी लाले लाल। दीवानी मैं चकाचौंध की,तु कीचड़ की धूल।। जैसी रखते सोच हम, वैसी ऊंची बोल। हम पालते रंगा सियार भी ,पहने कोई खोल।। हम देते फैशन को जादुई मुकाम, ऊँची ऊँची इमारत छूता आसमान। सोहरतवाजी में सभी को नचाते, गॉव का काट रहें हैं मान सम्मान कान।। मेरे पास जो है बनाते उसे शिक्षित बहुरिया, यकीनन करती खूब कमाल। गाँव को टाटा बाये - बाए बोलते, करते धर्म परिवर्तन गाँवों की ,अन्तः होते शहर में तब्दील ।। #निशीथ ©Nisheeth pandey #merasheher शहर बना मैं गाँव को उजाड़ , मैं शहरी लाले लाल। दीवानी मैं चकाचौंध की,तु कीचड़ की धूल।। जैसी रखते सोच हम, वैसी ऊंची बोल। हम पा
Mili Saha
// अंतरजाल - इंटरनेट // ऐसा यह वरदान जिसके बिना असंभव अब ज़िन्दग़ी की ताल। एक उंगली के टच पे है दुनिया पूरी ऐसा अद्भुत ये अंतरजाल।। प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से संपूर्ण मानव जाति इससे है ऐसे जुड़ी। कि पलभर को भी गायब हो जाए अगर तो हो जाता बुरा हाल।। हो गया है इंटरनेट भी ज़रूरी रोटी कपड़ा और मकान की तरह। क्यों न हो आखिर इसी से रहन-सहन में बदलाव आया कमाल।। सात समंदर पार बैठे अपनों से संपर्क साधना हो गया आसान। जुड़े रहते हैं अब अपनो से ऐसे जैसे आपस में जुड़े रहते जाल।। बच्चों की स्कूल क्लास,ऑफिस की मीटिंग सबका ये समाधान। जीने का आधार बन चुका है इंटरनेट, बन गया यही मायाजाल।। मोबाइल लैपटॉप माध्यम से आ चुका यह हमारी उंगलियों पर। इसके बिना अब जीवन की कल्पना करना भी हो गया मुहाल।। ऑनलाइन शॉपिंग व्यापार बैंकिंग शिक्षा मनोरंजन का ये स्त्रोत। साथ-साथ चिकित्सा और कृषि क्षेत्र में भी उपयोगी अंतरजाल।। विशाल नेटवर्क सिस्टम का विश्वव्यापी कनेक्शन बन चुका यह। जिसके बिना एक कदम भी चलना आज बन गया एक सवाल।। कितने नए दोस्त बन जाते इंटरनेट पे मिले अनंत जानकारी भी। पल में हो संवाद पल में पहुंँचते संदेश सच यह इंटरनेट कमाल।। रोजगार के कई नए- नए विकल्पों को, इंटरनेट ने किया उत्पन्न। जिसकी मदद से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मचा है धमाल।। लाखों-करोड़ों लोग कमा रहे हैं, इंटरनेट बना तरक्की का द्वार। ज्ञान का स्रोत भी है ये, छात्रों बुद्धिजीवियों के लिए है कमाल।। किंतु हर सिक्के के दो पहलू होते कुछ लाभ हैं तो नुकसान भी। लत लग जाए गर इसकी बुरी तो बदल जाती जीवन की चाल।। ( पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़ें ) ©Mili Saha ऐसा यह वरदान जिसके बिना असंभव अब ज़िन्दग़ी की ताल। एक उंगली के टच पे है दुनिया पूरी ऐसा अद्भुत ये अंतरजाल।। प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सं
Agrawal Vinay Vinayak
स्वदेशी मसाला-जगत् के महाराजा ने दुनिया को कहा अलविदा [ READ CAPTAIN ] मसालों के शहंशाह एमडीएच (महाशियाँ दी हट्टी) के संस्थापक धर्मपाल गुलाटी जी का आज 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। कभी तांगा चलाकर आजीविका कमान
Vickram
शहरों की चकाचौंध में मन कहां लगता,, याद तो गांव की रातों के जुगनू ही आते थे,, वो दिलकश हवाएं और वो चांदनी रातें,, जब शाम को खुली छत में मिलकर खाते थे,, आज दिखावे की दुनिया में ले रहे हैं सांसे,, कभी हवाओं से बाल भी मुलाकात किया करते थे,,, ©Vickram #lonelynight दिखावे की चकाचौंध,,