Nojoto: Largest Storytelling Platform

New मरघट में Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about मरघट में from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मरघट में.

Related Stories

    PopularLatestVideo

Ayesha Aarya Singh

#talaash #मरघट में भी कुंठित होते #nojotohindi #jivan #Ayesha shayari #alfaj #Khyaal Sethi Ji R K Mishra " सूर्य " R Ojha SIDDHARTH.SHEND

read more
mute video

kunwar Surendra

मैं ढूंढता रहा एक ठिकाना जहाँ बैठ कर लिख सकू एक सकूं भरी कविता मैं झील किनारे गया वहां लिखी कविता शांत लगी फिर बाजार में गया वहाँ जो लिखी क #Poetry #Life #poem #nojotohindi #kunwarsurendra

read more
मैं ढूंढता रहा एक ठिकाना
जहाँ बैठ कर 
लिख सकू एक सकूं भरी कविता
मैं झील किनारे गया
वहां लिखी कविता शांत लगी
फिर बाजार में गया
वहाँ जो लिखी कविता तो
वो मुझे व्यापार लगी
भीड़ वाली आक्रोशित थी
सफर वाली व्याकुल
समाज में सांसारिकता दिखी
मंदिर में परेशान त्रस्त दुनिया दिखी
मरघट में जाकर 
जमीन पर आखिरी सांस लिखी
वो सकूं वाली कविता आखिरी लिखी
Kunwarsurendra मैं ढूंढता रहा एक ठिकाना
जहाँ बैठ कर 
लिख सकू एक सकूं भरी कविता
मैं झील किनारे गया
वहां लिखी कविता शांत लगी
फिर बाजार में गया
वहाँ जो लिखी क

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

*बदतहज़ीबो ने बहुत दिल दुखाया,आज अपनों का ऐसा रंग भी मुझे नजर आया//१ * बुरी तमीज बाद मुद्दत के लौटके आई जो शहर में,न साये ही*शीरीन थे,न था #nojotohindi #hindiwritings #Dikku #रिश्ते_आजकल #shamawritesBebaak #MeriChaupal

read more
mute video

प्रियजीत प्रताप

पहली बार महादेव के लिए कोई रचना🙏आपके विचार आमंत्रित हैं।❤ ______________________________________________________ मैं जीवन हूँ, मैं मरण भी हू

read more
मैं जीवन हूँ,
मैं मरण भी हूँ,
मैं ही मरु,
उपवन भी हूँ,
मैं ही पुष्प,मैं भंवरा हूँ,
विष समेट खड़ा चन्दन भी हूँ,
मैं ही आकाश,
मैं तारों में,
मैं शून्य में भी,हजारों में,
मैं पतझड़ में,बहारों में,
मैं ही नदी,समंदर हूँ,
शशि शीश धरे दिगम्बर हूँ,
मैं बादल की गर्जना भी हूँ,
असीमित अलौकिक कल्पना भी हूँ,
मुझमें बसे ये झड़ने,पहाड़,
खाली मैदान,ऊंचे पठार,
मैं ही बारिश की बूंदों में,
मैं ही सूक्ष्म रूप,
मैं कण-कण में,
मैं खेतों की हरियाली हूँ,
बच्चों की किलकारी हूँ,
मैं ब्रम्ह में बसा निर्णायक हूँ,
मैं ही कृष्ण अधिनायक हूँ,
मैं रावण में छुपे अहंकार में हूँ,
मैं राम के दिये संस्कार में हूँ,
मैं ही आदि हूँ,
मैं अंत भी हूँ,
मैं बलशाली हनुमन्त भी हूँ,
मैं हूँ बसा उष्ण फिजाओं में,
मैं ठंडक हूँ बहती हवाओं में,
मैं वीरानों में सुनसानों में,
मरघट में हूँ,श्मशानों में,
मैं सूरज के तपते ज्वालों में,
मैं चाँद के भी उजालों में,
मैं लघु रूप,अति विशाल हूँ मैं,
जो सब में है,महाकाल हूँ मैं।
       ©प्रियजीत✍️ पहली बार महादेव के लिए कोई रचना🙏आपके विचार आमंत्रित हैं।❤
______________________________________________________
मैं जीवन हूँ,
मैं मरण भी हू

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #लक्ष्मी_की_अस्थियां साँझ ढ़ले, ​पिछली कई रातों से, ​नैनों के दरिया से एकत्रित, ​आँसुओं के, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #bestyqhindiquotes

read more
​साँझ ढ़ले,
​पिछली कई रातों से,
​नैनों के दरिया से एकत्रित,
​आँसुओं के,
​ईंधन को सुलगाकर,
​वो बैठी थी..रसोई मे,
​अपने भाग्य की,
​रोटियां बनाने,
​
​वो गूँथ रही थी,
​परम्पराओं के श्मशान से मिली,
​अपने जैसी स्त्रियों की,
​और..अपनी पुरखिनों की,
​अस्थियों मे,
​पुरातात्विक वेदना का,
जल ​मिलाके, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे 

#लक्ष्मी_की_अस्थियां

साँझ ढ़ले,
​पिछली कई रातों से,
​नैनों के दरिया से एकत्रित,
​आँसुओं के,

अमित सिंह

मरघट

read more
mute video

Manish Nagar

मरघट, #विचार

read more
एक मरघट हैं मेरे अंदर,
जहां चिता जलती रहती हैं,
मेरे कुछ स्वपनों की,
कुछ स्मृतियों की,
कुछ रिश्तों को बांधे रखनें वाली 
उन कच्ची डोरियों की,
और यह निरंतर जलती रहती हैं,
यही सब चुभते हैं मेरे कपाल में,
मैं इन्हें समय पर चिता में फैंक देता हुं,
ताकी पीड़ा कम हो,
जला देता हुं सबको,
और कभी कभी धधक जाती हैं चिता,
जब कुछ भारी जलावन पड़ता हैं,
लेकिन अंत में सब शांत चित,
बचती हैं तो केवल राख,
जिससें ईंटे बना लेता हुं,
दीवार में चुननें के लिऐ,
जो कपाल के आसपास खड़ी हैं,
ताकी अगली बार यह चुभनें को आऐं
तो दीवार सें टकरा कर
मरघट की चिता में गिरे 
और भस्म हो जाऐ,
और मुझे पीड़ा ना हो, मरघट,

Parasram Arora

मरघट......

read more
मृत्यु ही मृत्यु क़े  दाग़ है सब तरफ
कितनी बार  तुम नहीं  जन्मे
कितनी बार  तुम नहीं मरे हो
तुम तो  चलते फिरते एक जीवंत  मरघट हो 
न जाने  कितनी  आर्थियों का जोड़ हो
तुम्हारे पीछे  आर्थियों की  लम्बी कतारे लगी है
तुम्हारे आगे न  जाने  कितनी लबी कतारे आर्थियों क़ी
"इ मुर्दन का गाँव है "  कबीर  ठीक  ही  कहते थे
ये बस्तीया नहीं मरघट  हैँ

©Parasram Arora मरघट......

Ravindra Singh

मरघट #Poetry

read more
mute video

vs dixit

mute video
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile