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Anuj Ray
White ख़ामोशी की लय में डूबे" रात की ख़ामोशी की लय में डूबे, जैसे नीरस जीवन के काले अंधियारे । बियाबान जंगल में जैसे ,बिन इंजन के पड़ी रेल की पटरी के दो धारे। ©Anuj Ray ख़ामोशी की लय में डूबे"
ख़ामोशी की लय में डूबे" #कविता
read moreRajesh vyas kavi
बेजुबान पंछी था _जन्म के बाद धीरे _ धीरे उड़ान सीख रहा था । घर आंगन में इधर _उधर फुदकते देख, हमारा दिन बीत रहा था । आज भीषण गर्मी के कारण , देखते _ देखते ही उसके प्राण पखेरू उड़ गए । मन उदास हो गया । © Rajesh vyas kavi गर्मी ने ली जान ___ #वेदना #पंछी #की #आंखों #देखा #दृश्य
Neelam Modanwal ..
🙏 मेंरी छंद की अवधारणा 🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा.. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी. फूल से फल तक मधुर मकरंद की अवधारणा.. जीव ईश्वर का अनाविल नित्य चेतन अंश है. द्वन्द से होती प्रगट निर्द्वन्द की अवधारणा.. एक रचनाकार तो स्थितप्रज्ञ होता है उसे आँसुओं में भी मिली आनंद की अवधारणा.. प्यार से ही स्पष्ट होती है, अघोषित अनलिखे और अनहस्ताक्षरित अनुबंध की अवधारणा.. प्रेम में सात्विक समर्पण के सहज सुख से पृथक. अन्य कुछ होती न ब्रम्हानंद की अवधारणा.. मुक्तिका मेरी पढ़ी हो तो निवेदन है लिखें क्या बनी सामान्य पाठक वृन्द की अवधारणा.........✍️ प्लीज़....... 🙏🙏 ©Neelam Modanwal 🙏मेंरी छंद की अवधारणा🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी.
🙏मेंरी छंद की अवधारणा🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी. #कविता
read moreShubhendra Jaiswal
White धड़कनें हैं तीव्र लेकिन श्वास क्यों तिरती नहीं इस उमस में भी हवाएं वेदना हरती नहीं, हो रहा आकुल हृदय भी तप्त अन्तस भाव से पीर की बदली घनी है बूंँद पर गिरती नहीं। ©Shubhendra Jaiswal #शुभाक्षरी #मुक्तक #वेदना
#शुभाक्षरी #मुक्तक #वेदना #कविता
read moreAnkur tiwari
White कभी मन से मन की बात करों कभी खुद से भी मुलाकात करो दुनियां की भीड़ में खोवो मत थोड़ा सा खुद पर ध्यान करों माना कि फुर्सत नही तुम्हें दिनभर की आपाधापी से माना कि कठिन परीक्षा में दौड़ रहे हो तुम आगे बाकी से फिर भी थोड़ा सा धीर धरो खुद के मन को वश में लो कर आगे अभी और कठिनता हैं इतने भी मत बन जाओ निडर हां माना हिम्मत भी है तुझमें पर थोड़ा डरना भी होता हैं जीत की लय में मत पालो गुरुर कभी हार से भी मिलना होता हैं बस वही एक क्षण जीवन का हर मार्ग निर्धारित करता हैं पर्वत सा उठने की खातिर मिट्टी में झुकना पड़ता हैं ©Ankur tiwari #Free कभी मन से मन की बात करों कभी खुद से भी मुलाकात करो दुनियां की भीड़ में खोवो मत थोड़ा सा खुद पर ध्यान करों माना कि फुर्सत नही तुम्ह
Santosh Jangam
Love या कवितेतून कवी एका अज्ञात प्रेमाची वेदना व्यक्त करत आहे. त्याला ती व्यक्ती कधीच भेटली नाही, तरीही तिच्यासाठी त्याच्या मनात प्रेम आणि #मराठीकविता
read moreN S Yadav GoldMine
hanuman jayanti 2024 {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्मा प्रकति से पृथक सत्ता है, ये सब किसी के भी वस में नही है, यह केवल एक उस परमसत्ता भगवान श्री कृष्ण के नियंत्रण में है, नया, पुरानापन, उतपत्ति-लय, होकर भी न होना आदि, जगत का कार्य, यह हम सबको आस्तिक भाव दर्षाता हैं।। ©N S Yadav GoldMine #hanumanjayanti24 {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्मा प्रकति से पृथक सत्ता है, ये सब किसी के भी वस में नही है, यह केवल एक उस परमसत्ता भगवान श्र
#hanumanjayanti24 {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्मा प्रकति से पृथक सत्ता है, ये सब किसी के भी वस में नही है, यह केवल एक उस परमसत्ता भगवान श्र #भक्ति
read moreSantosh Jangam
#tumharesaath मराठी गझल "मनस्वप्न" प्रेमाची खोलवर जळणारी ज्योत आणि विरहाची वेदना हे या गझलेचे सार आहे. प्रेमाची आठवण आणि भेटीची आस असलेली व #मराठीशायरी
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया :- रखना खुद को है सुखी , हर जन की यह चाह । भटक रहा फिर भी मगर , कहीं न पाये राह ।। कहीं न पाये राह , वेदना यूँ ही बढ़ता मंदिर मस्जिद देख , दुवाएं में है झुकता ।। दीन-हीन को कष्ट , दिलाने आगे बढ़ना । चाहे फिर भी आज , स्वयं को सुख में रखना ।। ०५/०४/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- रखना खुद को है सुखी , हर जन की यह चाह । भटक रहा फिर भी मगर , कहीं न पाये राह ।। कहीं न पाये राह , वेदना यूँ ही बढ़ता मंदिर मस्जि
कुण्डलिया :- रखना खुद को है सुखी , हर जन की यह चाह । भटक रहा फिर भी मगर , कहीं न पाये राह ।। कहीं न पाये राह , वेदना यूँ ही बढ़ता मंदिर मस्जि #कविता
read moreAwadheshPSRathore_7773
मृत्युंजय महादेव मंत्र मेरी आवाज़ में सुनेगा और please don't mind अगर कुछ लय ताल और छन्द उपर नीचे हो गए हों तो.......OK thank you so much fo #पौराणिककथा
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