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Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
मै चिल्लाता रहा मोहब्बत - मोहब्बत, पर उसके मुख से आवाज न आई। मै करता रहा इंतजार मुलाकात का, पर वो किसी गैर से मिलकर आई। ये खेल किस्मत का है या फरेब का, अभी तक ये बात " रसिक" समझ न आई।। तन्हाइयों की आवाज......!
Shabdhim
अकेला नहीं हूं मैं, मेरी तन्हाईयों की नजदीकियां बहुत गहरी हैं मेरे साथ, मैं जागता हूँ उनकी आगोश में, सोता हूँ उनकी गोद में, बातें करता हूँ बेपनाह उनसे, सब से छुप के अकेले में चूम भी लेता हूँ उनके हाथों को जो बरसों से मेरे साथ हैं, मेरे सपनों की गहराई में भी वो हैं, और ख़यालो के उस पार भी, घूम आता हूँ उनकी सोहबत में, न जाने कितने गलियों, कूचों, बाज़ारों से मेरे दिन की हर घड़ी का हिसाब भी देता हूँ उन्हें घर लौटने के बाद, बहुत प्यार है उन्हें मुझसे की सबसे दूर रखने की हर कोशिश वो जीत जाती हैं, शिकायत नहीं है मुझे ऐसे तलबगार से, जैसे कि किस्मत मेरी मगर उनके हाथ, अकेला नहीं हूं मैं, मेरी तन्हाईयों की नजदीकियां बहुत गहरी हैं मेरे साथ, मेरी तन्हाइयों की नजदीकियां.... #shabdhim #shabdjhankar #hksquotes #love #zindagiji #lonliness #life #nojoto #nojotohindi #you
Kallu Bhadoriya
||स्वयं लेखन||
हम अकेले कहां हैं साहब, तन्हाइयों की चादर में लिपटे, शर्माती शाम के साथ चाय का लुफ्त ले रहे हैं। हम अकेले कहां हैं साहब, तन्हाइयों की चादर में लिपटे, शर्माती शाम के साथ चाय का लुफ्त ले रहे हैं। #चाय #शाम #chai #जज़्बात #दर्द #हमदर्द #
Suresh Kumar Bangarwa
आँखें जो खुली तो उन्हें अपने करीब पाया ना था, कभी थे रूह में शामिल आज उनका साया ना था, बेपनाह मोहब्बत की जिनसे उम्मीदें लिये बैठे थे, उनसे तन्हाइयों की सौगातें मिलेंगी बताया ना था, एक हम ही कसीदे हुस्न के हर बार पढ़ते रहे पर, उसने तो कभी हाल-ए-दिल सुनाया ना था..! आँखें जो खुली तो उन्हें अपने करीब पाया ना था, कभी थे रूह में शामिल आज उनका साया ना था, बेपनाह मोहब्बत की जिनसे उम्मीदें लिये बैठे थे, उनस
Saty Brat
वो खुश तो है न अपनी मोहब्बत में...? फिर बात करके मुझसे रोती क्यों है...? वो जताती है क्या कि बिछड़नें का ग़म है उसको... फिर दूर मुझसे दूर - बहुत दूर जाती क्यों है...? यहाँ तो रात तन्हाइयों की होती है... फिर वो आधी रात को ऑनलाइन आती क्यों है...? बिछड़नें का ग़म तो है न उसको... फिर गैरों से नज़रें मिलाती क्यों है...? वो खुश तो है न अपनी मोहब्बत में...? फिर बात करके मुझसे रोती क्यों है...? वो जताती है क्या कि बिछड़नें का ग़म है उसको... फिर दूर मुझसे दूर - बह
सुसि ग़ाफ़िल
तन्हाइयों की कमाई से जाना पड़ेगा गहरी खाईयों से गुजर कर जाना पड़ेगा करी है मोहब्बत सुशील ने एक नादान से दुनिया को भुला उसको प्यार जताना पड़ेगा निभाना पड़ेगा जो वादा किया ही नहीं है बेहाय दुनिया की करतूत को बताना पड़ेगा गम है कई परंतु मुझे छुपाना पड़ेगा ना चाहते हुए भी मुझे मुस्कुराना पड़ेगा कितना कुछ छुपाऊँ छुपता नहीं मुझसे फिर भी मकान का अव्यवस्थित हिस्सा छुपाना पड़ेगा एक दौर रहा है गमगीन जिंदगी का गहरा अब सब बुलाकर तेरी याद में मुस्कुराना पड़ेगा मैं जिंदा रहूंगा तो सिर्फ तेरे साथ रहूंगा वरना जिंदा रहकर भी मौत का राज छुपाना पड़ेगा | तन्हाइयों की कमाई से जाना पड़ेगा गहरी खाईयों से गुजर कर जाना पड़ेगा करी है मोहब्बत सुशील ने एक नादान से दुनिया को भुला उसको प्यार जताना