Nojoto: Largest Storytelling Platform

New सुमित्रानंदन पंत की प्रकृति पर कविता Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about सुमित्रानंदन पंत की प्रकृति पर कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सुमित्रानंदन पंत की प्रकृति पर कविता.

    LatestPopularVideo

HintsOfHeart.

#सुमित्रानंदन_पंत #good_night 💖 1. सुमित्रानंदन पंत की कविता 'स्त्री' का अंश। #womensday

read more

ankita bhatt

# श्रद्धान्जली सुमित्रानंदन पंत🙏 #nojotovideo

read more

नवीन बहुगुणा(शून्य)

महान कविवर श्री सुमित्रानंदन पंत जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन🙏🙏🇮🇳🍃 #सुमित्रानंदनपंत#महानकविnojoto#Nojotoindia

read more

nikhil thakur

प्रकृति पर छोटा सा कविता

read more

Geetkar Niraj

प्रकृति पर कविता। #natre #Poemonnature #geetkarniraj

read more

Alok tripathi

मानव प्रेम का चित्रण पंत की इस कविता में देखिए। Ramleela #NojotoRamleela

read more
सुन्दर हैं विहग, सुमन सुंदर,
मानव!तुम सबसे सुंदरतम्,
निर्मित सबकी तिल सुषमा से,
तुम निखिल सृष्टि में चिर निरूपम्।

©आलोक त्रिपाठी मानव प्रेम का चित्रण पंत की इस कविता में देखिए।

#NojotoRamleela

DR. SANJU TRIPATHI

प्रकृति की सुंदरता(कविता) #कोराकागज #collabwithकोराकागज #kkpc16 #विशेषप्रतियोगिता

read more
प्रकृति की सुंदरता (कविता)

सुबह सवेरे पूरब से जब किरणों संग सूर्योदय होता है,
लगता है वो दृश्य अति मनोहर, मन आनंदित होता है।

कहीं धूप,कहीं छांव निराली चारों ओर फैली हरियाली,
प्रकृति की सुंदरता को देख कर,मन प्रफुल्लित होता है।

कभी पतझड़ लाती, कभी बसंत,कभी गर्मी,कभी सर्दी,
हर मौसम की अपनी सुंदरता, हर रूप अनोखा होता है।

वन,नदियांँ,पर्वत और सागर गरिमा बढ़ाते हैं प्रकृति की,
अन्न,धन,जल व उर्जा का प्रकृति में भंडार भरा होता है।

पशु-पक्षी गाते हैं तितली और भंँवरे बागों में गुनगुनाते हैं,
कभी बादल,कभी नीला आसमान खूबसूरती बढ़ाता है।

प्रकृति की सुंदरता बचाने का हमको प्रयास करना होगा,
प्रकृति पर ही तो सभी जीवों का जीवन आश्रित होता है।


 प्रकृति की सुंदरता(कविता)

#कोराकागज 
#collabwithकोराकागज
#KKPC16 
#विशेषप्रतियोगिता

Asha Shukla

कविता प्रकृति का दरबार

read more

विष्णुप्रिया

वह बसंत का रंगोत्सव,
वर्षा की वह मुग्ध सुगंध,
शरद पर्णिमा का निर्मल
शीतल चंचल वह पूर्णचंद्र,

वह पतझड़ के पर्णो का स्पन्दन
नव कोपलों की वह सिहरन....
जिन पर विहगों का मधुमय गान,
और नादिया का मीठा पान,

कशी के घाटों की वह चहलपहल,
और वह गंगा का पावन जल
अल्हड धारा जिसकी भरती,
मन में मेरे, नव जीवन संबल ।

ऐसा अनुपम रूप शाश्वत,
अन्यत्र क्हाँ संभव है,
ये तो मेरी मातृभूमि को
ईश्वर का प्रेम नमन है ।
  #yqdidi  #कविता #प्रकृति 
#yqlife

Shailendra Singh Yadav

शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता प्रकृति में मजा है।

read more
कुछलोग नदी के पुल पर छलांग लगा कर नहां रहे थे।
कुछ लोग स्वीमिंग पूल पर नहां रहे थे। 
कुछ लोग निशुल्क नहां रहे थे।
कुछ शुल्क देकर नहां रहे थे।
नदी के पुल का स्नान प्राकृतिक था । 
स्विममिंग पूल का स्नान अप्राकृतिक था।
प्राकृतिक में मजा है । 
बनावटी तो सजा है। 
नदी का बहता पानी पवित्र है।
स्विममिंग पूल का रुका पानी अपवित्र है।
कवि:- शैलेन्द्र सिंह यादव

 #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता प्रकृति में मजा है।
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile