Nojoto: Largest Storytelling Platform

New लेटे हुए Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about लेटे हुए from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लेटे हुए.

    LatestPopularVideo

Arvind k Jaiswal

डा.ने वेंटिलेटर पर लेटे हुए कोरोना मरीज से पूछा #कॉमेडी

read more

रिंकी✍️

फूलो की गुलाब से गपशप ऐ गुलाब क्या है तुझमे , जो मुझमे नही। तुझमे तो है कांटे की चुभन, फिर भी क्यो तू सबको पसन्द। मेरी खुशबू को वाह वाही त #दिलनहींमानता #यकदीदी #यकबाबा #यकभाईजान #यकहिंदीकोट्स #गुलाब_का_फूल

read more
फूलो की गुलाब से गपशप

ऐ गुलाब क्या है तुझमे , 
जो मुझमे नही।
तुझमे तो है कांटे की चुभन,
फिर भी क्यो तू सबको पसन्द।
मेरी खुशबू को वाह वाही तो मिलती है।
मगर तेरे आते वो भी चली जाती है।
जलते है हम तुझसे,
तू है कई राज समेटे हुए।
तू दर्द भी है ,
तू दबा भी ,
तू प्यार भरे अल्फाज़ो को खुद में लपेटे हुए।
कभी खूबसूरत कदमो के नीचे लेटे हुए।
तुझसे जलते है ,
लेकिन बेफिक्र है।
किसी के दिल टूटने से बिखरते नही।
कोई हमे पैरो से कुचलते नही। फूलो की गुलाब से गपशप

ऐ गुलाब क्या है तुझमे , 
जो मुझमे नही।
तुझमे तो है कांटे की चुभन,
फिर भी क्यो तू सबको पसन्द।
मेरी खुशबू को वाह वाही त

Bhupendra Rawat

युद्ध कोई समाधान नही बल्कि अंत है,मानवता की शुरुआत का, शांति स्थापित करने और मानवता को बचाने के लिए बनाए गए नियमों की धज्जियां उड़ाने का इति #कविता #LookingDeep

read more
युद्ध कोई समाधान नही बल्कि
अंत है,मानवता की शुरुआत का,
शांति स्थापित करने और 
मानवता को बचाने के लिए बनाए गए
नियमों की धज्जियां उड़ाने का
इतिहास साक्षी है,आजतक 
शांति स्थापित करने के लिए 
लड़े गए युद्धों का परिणाम 
सदैव रहा है,मुर्दों का टिला
अपनी जीत का ध्वज़ रोहण
करने के लिए पार करना पड़ता है
मर्दों से भरा हुआ लबालब
एक लंबा मार्ग। वही मार्ग
जहाँ शैय्या पर लेटे
हुए लोग बन चुके है
शांति के प्रतीक।

भूपेंद्र रावत
17।08।2021

©Bhupendra Rawat युद्ध कोई समाधान नही बल्कि
अंत है,मानवता की शुरुआत का,
शांति स्थापित करने और 
मानवता को बचाने के लिए बनाए गए
नियमों की धज्जियां उड़ाने का
इति

RituRaj Gupta

ग़ुरूर ------ ये लड़ाई है, आम आदमी और राजनेताओं के बीच की, ख़ुद को सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए, दोनों लड़ पड़े, वाकयुद्ध में, एक सड़क पर, दिनों #kavita #roshni #dilsediltak #compromise #padhnelikhnewale #पढ़नेलिखनेवाले #rishtonkisamjh

read more
ये लड़ाई है,
आम आदमी और राजनेताओं के बीच की,
ख़ुद को सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए,
दोनों लड़ पड़े, वाकयुद्ध में,
एक सड़क पर, दिनों तक बैठा हुआ,
एक अपनी रजाई में लेटा हुआ,
भूख प्यास से बेहाल, 
..
..
Please read rest in caption. ग़ुरूर
------
ये लड़ाई है,
आम आदमी और राजनेताओं के बीच की,
ख़ुद को सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए,
दोनों लड़ पड़े, वाकयुद्ध में,
एक सड़क पर, दिनों

JALAJ KUMAR RATHOUR

#Yaari मोहल्ले वाले बड़े भैया, शर्मा जी के बड़े बेटे को, मेरे साथ के और मुझसे छोटे मोहल्ले के सभी लड़के बड़े भैया कहकर बुलाते थे। बड़े भैया #जलज

read more
मोहल्ले वाले बड़े भैया, 
पार्ट-१
शर्मा जी के बड़े बेटे को, मेरे साथ के और मुझसे छोटे मोहल्ले के सभी लड़के बड़े भैया कहकर बुलाते थे। बड़े भैया बचपन से ही पढ़ने में तेज थे। अपने स्कूल में टॉप करने के बाद उन्होंने किसी सरकारी कॉलेज से इंजीनियरिंग की थी। उस रोज 28 जून का दिन था। जब मेरा प्रवेश शहर के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में हुआ था।
मैं भैया को बताने उनके घर पर गया था। भैया अपने छत वाले रूम में लेटे हुए थे। मुझे देख बोले "क्या टॉपर कौन सा कॉलेज मिला इंजीनियरिंग में ", " भैया अपना एच. बी. टी. आई. ही मिल गया " मैंने बोला। भैया खुश होते हुए अपने कमरे की टंगी तस्वीर की ओर देखने लगे और बोले "कभी मैंने भी इसी कॉलेज की परीक्षा में टॉप किया था" फिर उदास होकर मेरे पास बैठे गए....... 
... #जलज कुमार #Yaari मोहल्ले वाले बड़े भैया, 
शर्मा जी के बड़े बेटे को, मेरे साथ के और मुझसे छोटे मोहल्ले के सभी लड़के बड़े भैया कहकर बुलाते थे। बड़े भैया

Prem Nirala

हाँ, मानता हूँ, कि वो दुःख की घड़ी तुम्हारे लिए भी होंगी, लेकिन शायद कुछ पल के लिए ही! तुम्हारा केह देना हर एक किसी को, कि अब वो नहीं रही, ज

read more
हाँ, मानता हूँ, कि वो दुःख की घड़ी तुम्हारे लिए भी होंगी, लेकिन शायद कुछ पल के लिए ही!
तुम्हारा केह देना हर एक किसी को, कि अब वो नहीं रही,
जितना आसान था ये सब तुम्हारे लिए,
ये उतना ही मुश्किल, जितना मेरे बाबा के लिए एक टक से अर्थियों पर अपनी धर्मपत्नी को लेटे हुए देखना,
कहाँ पता था मेरे बाबा को, कि वो जो काँच की चूड़ियाँ कभी ख़रीदकर लाया करते थे,
उन्हें ये कहाँ पता था, कि वो शोर, जो मशाले के सिलबट्टे पे मशाले को पिसते वक़्त जो खनखनाती थी, अब वो खनखनाती चूड़ियाँ एक दिन एकदम से खामोश सी हो जानी हैं,
उन्हें ये भी कहाँ पता था, कि अब पीछे से कोई आवाज़ देना वाला नहीं रह जायेगा,
उन्हें बस इतना पता था, कि अब वो कभी गुस्से में खाने से भरी थाली नहीं फेंक पाएंगे!
हाँ, मानता हूँ कि वो सुहागन मरी, सुहागन मरना ये उनके नसीब में था,
लेकिन, अपना हाथ छुड़ाकर उनके हाथ में लाठीयाँ पकड़ा देना, ये कहाँ तक सही था,
मुझे नहीं लगता हैं, कि इतना आसान होता होगा, एक बाप के लिए अपने बेटे से ये कह देना, कि माँ को अब चिता के हवाले कर दो,
आप यकीन मानिये, एक मरा पैदा हुआ बच्चा उतना तकलीफ़ नहीं देता होगा, जितना एक मर्द के लिए अपनी पत्नी को चिताओं पर जलते देखना!

__प्रेम__निराला__ हाँ, मानता हूँ, कि वो दुःख की घड़ी तुम्हारे लिए भी होंगी, लेकिन शायद कुछ पल के लिए ही!
तुम्हारा केह देना हर एक किसी को, कि अब वो नहीं रही,
ज

Vandana

क्या काश वो होता क्या आहा वो ऐसा होता,, क्या सब कुछ होता तो बचपना अधूरा रह पाता,, सब कुछ प्राप्त होने में वह एहसास मिल पाते वो नंगे पैर दौ #YourQuoteAndMine #yqkanmani

read more
क्या काश वो होता,
क्या आहा वो ऐसा होता, क्या काश वो होता
क्या आहा वो ऐसा होता,,

क्या सब कुछ होता
तो बचपना अधूरा रह पाता,,

सब कुछ प्राप्त होने में वह एहसास मिल पाते
वो नंगे पैर दौ

Priya Kumari Niharika

मुलायम हथेलियों के छाले, चोट खाई कोमल एड़ीयाँ, फटे हुए नाजुक होंठ, केश सूखे घास का मैदान, दूधिया सफेद बर्फ सी आंखें, मरुस्थल सा मासूम च #कविता

read more
मुलायम हथेलियों के छाले,
 चोट खाई कोमल एड़ीयाँ,
 फटे हुए नाजुक होंठ,
 केश सूखे घास का मैदान,
 दूधिया सफेद बर्फ सी आंखें,
 मरुस्थल सा मासूम चेहरा,
 के बावजूद प्रथम रश्मि सी मुस्कान,
 अभिनय नहीं,संकेत हैं,
 यथार्थ और जिजीविषा के समन्वय की,
 मटमैले, मलिन चिथड़ों में सवरा,
 अभावों से निर्मित पतली अस्थियों का ढांचा,
 कबाड़ का भार लादे महज सात साल की उम्र में,
 उम्र से आगे और बचपन से दूर,
 निकल पड़ा है, टुकड़ों की तलाश में,
 हालात और कुत्ते दोनों से लड़ने,
 पर मायूसी उसे छू ले, उसमें इतना साहस कहां,
 नन्हे नन्हे कदमों में जैसे पहिए लगे हों
 न थकते हैं, न रुकते है,
 और प्यारी प्यारी आंखें, इमारतों की ऊंचाई को आंकते हुए,
 न दुखते हैं न झुकते हैं,
 पर जाड़े और बरसात के दिनों, गुदड़ी पर लेटे हुए,
 बढ़ जाती है उसकी धड़कन,
 ठिठुर जाती है उसकी अस्थियां,
 कांपती है उसकी मांसपेशियां,
 और लड़खड़ा जाते हैं उसके शब्द,
 कभी ज्वर से पीड़ित, तो कभी क्षुधा से व्याकुल,
 अस्थिर निर्बल और बीमार जान पड़ती है उसकी काया,
 रूठना भी उसे कभी आया नहीं, जिद्द से उसने कभी कुछ पाया नहीं,
 हालात ने सिखाया जीवन जीने की कला, इसलिए संघर्ष से कभी वह घबराया नहीं
 कचरे से कल ही उसे एक कलम मिली थी,
 उसकी खुशी का तनिक भी ठिकाना न था
 नन्हें-नन्हें पलकों में सपने को संजोए,
 धरती पर लेट आसमा की गहराई में खोए
 साहेब लोगों की जेब में इसी कलम को तो देखा था उसने
 सड़क पर चलती गाड़ियों के भीतर
 आज स्याह रात में उसे जुगनू की रोशनी मिली है
 कल क्या पता, प्रभात का अर्क उसका हो

©Priya Kumari Niharika मुलायम हथेलियों के छाले,
 चोट खाई कोमल एड़ीयाँ,
 फटे हुए नाजुक होंठ,
 केश सूखे घास का मैदान,
 दूधिया सफेद बर्फ सी आंखें,
 मरुस्थल सा मासूम च

Vandana

था खाली उदास सा दिन और मेरा कमरा कभी उसको मैं देखूं,,कभी वो मुझ को देखें,,, मैं मुस्कुराओ वो भी मुस्कुरा जाय मेरे संग मेरे पैर थिरके तो वो #rain #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #collabwithme #aestheticthoughts #yqaestheticthoughts #ATrainwindow

read more
मैं और मेरी दीवारें,,अक्सर आपस में बातें करते,,,

पूरा कैप्शन में,,,


  था खाली उदास सा दिन और मेरा कमरा
कभी उसको मैं देखूं,,कभी वो मुझ को देखें,,,

मैं मुस्कुराओ वो भी मुस्कुरा जाय मेरे संग
मेरे पैर थिरके तो वो

N S Yadav GoldMine

#CityWinter {Bolo Ji Radhey Radhey} अर्जुन ने महाभारत युद्ध में युधिष्ठिर को मारने के लिए क्यों उठाई तलवार :- महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित ‘म #जानकारी

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile