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uvsays
Gaurav Christ
Anupama Sharma
Gaurav Christ
कवी - के. गणेश
Krishnadasi Sanatani
"क्योंकि हम बहुत दुर्बल हैं और भौतिक शक्ति बलवान है, तो अध्यात्मिक जीवन अपनाने का अर्थ है भौतिक शक्ति के समक्ष युद्ध की घोषणा करना भौतिक, भ्रमित करने वाली शक्ति, अपने पूर्ण बल से बद्ध जीव को नियंत्रित करने का प्रयास करती है। अब, जब बद्ध जीव अध्यात्मिक ज्ञान में प्रगति करके इसके चंगुल से निकलने का प्रयास करता है तो यह और भी कठोर हो जाती है। हाँ। वह परीक्षा लेना चाहती है, "यह व्यक्ति कितना गंभीर है?" इस प्रकार भौतिक शक्ति द्वारा अनेक प्रलोभन (आकर्षण) आएँगे।" 660918- प्रवचन भ.गी. ६.४०-४३ - न्यूयार्क ©Krishnadasi Sanatani #krishna_flute #Krishna #maya #samman #Nojoto #story #Bhaiya #Bhabhi #Life #Love "क्योंकि हम बहुत दुर्बल हैं और भौतिक शक्ति बलवान है, तो अ
Anil Ray
भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये... अजर-अमर शाश्वत अनंत है आत्मतत्व वेदों ने गाया ब्रह्म सत्य भौतिक जगत मिथ्या ऋषि-मुनियों ने दोहराया एक ही तो आत्मा है जो परमात्मा अंश कहलाये पुरुष प्रधान समाज के उपासक लड़का-लड़की में भेद करायें भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये। मातृशक्ति के ही है 'द्वंद्व' यह दोनों ही स्वरूप आधुनिक युग में भी, क्यों समझे इन्हें कुरूप सर्वजगत है उस मातृशक्ति का ही सुंदर रूप फिर भी सितम है कैसा इन पर हम ज़ुल्म ढाये भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये। एक तत्व से निर्मित लड़का-लड़की है एक समान महिला अत्याचारों के खिलाफ धारण करें हम कमान जो आया है वह जायेगा यही सृष्टि का है विधान मौत सनातन इस जग में फिर हम क्यों घबराये भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये। लड़की के बिना जीवन क्या सकल जगत अधुरा जननी बन बस यही तो है इस जीवन का आधारा समानता हो जीवन में तभी होगा नवनिर्माण पूरा ईश्वर की रचना में सभी समान है सभी में प्रेम समाये भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये। मौलिक रूप में सब समान है समझा गये भारतरत्न अम्बेडकर संविधान में शामिल की है समानता समस्याओं को झेलकर समतामूलक समाज स्थापित करे इन अत्याचारों को भेदकर आओं मिलकर इस असमानता शासन को जड़ से मिटायें भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये। यहाँ अपनी एक ही धरती एक ही है अपना गगन सफ़रे-जिंदगी में चले दिलों में लेकर एक ही लगन मातृत्व के असीम प्रेम में मानवता रहे सदा मगन आह्वान करता 'अनिल राय' मिलकर हम ज्ञान का दीप जलायें भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये। मानव सृष्टि की सृजनहार और पालनहार मातृशक्ति की चरण-वंदना के साथ आप सभी को "महिला समानता दिवस" की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं💐💐💐💐🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 ©Anil Ray #womanequality भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये...✍🏻 अजर-अमर शाश्वत अनंत है आत्मतत्व वेदों ने गाया ब्रह्म सत्य भौतिक जगत मिथ्
Nisheeth pandey
शीर्षक - चॉकलेट --------- प्रेम में विव्हल होकर पहली बार प्रेम में मैंने सबसे पहले भेंट किया था.... चॉकलेट । दिया था मैंने कोमलता और सुंदरता के प्रति अपना योगदान। रैपर में बंद मेरे प्रेम का मीठा एहसास शायद उस वक्त का सूचक था..... उसने भी अपने मन की प्रीति दिखाई मेरे प्रति उसने भी जताया मीठा मीठा सा प्रेम सबसे पहले उसने भी मुझको भेंट की.... चॉकलेट । यह था मेरा और उसका मीठा मीठा एहसास जैसे हमने मांगा था, आसमां से कुछ पल अपने लिए नए रिश्तों में मिठास ही मिठास। प्रेम में जब सबसे पहले लिखीं होगी किसी ने किसी पर कविता.... भौतिक युग में कदाचित कवि ने सबसे सुंदर भेंट चॉकलेट की सराहनीय स्थिति कहीं होगी। "प्रेम से प्रेम में और प्रेमी ने प्रेमिका या प्रेमिका ने प्रेमी को दी गई होगी।" चॉकलेट..... पर रैपर में बंद चॉकलेट चॉकलेट और रैपर का सम्बंध कैसा उफ्फ ये मिलन और जुदाई सफर है कैसा .... फट जाए गर रैपर चढ़ जाए जैसे बलि मिठास प्रेम की जुदाई में मीठापन का अंत स्थिति कैसी रैपर की अब .... न कोई जाने न कोई समझे ..... #निशीथ ©Nisheeth pandey #chocolateday शीर्षक - चॉकलेट --------- प्रेम में विव्हल होकर पहली बार प्रेम में मैंने सबसे पहले भेंट किया था.... चॉकलेट । दिया था मैंन