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Rohidas maharaj Sanap

# भक्त ऐसे जाणा जे देही उदास #मराठीसंस्कृति

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भक्त ऐसे जाणा जे उदास ।
गेले आशापाश निवारोनी ॥१॥
विषय तो त्यांचा झाला नारायण ।
न आवडे जन धन माता पिता ॥२॥
निर्वाणी गोविंद असे माघे पुढे ।
काहीच साकडे पडो नेदी ॥३॥
तुका म्हणे सत्य कर्मा व्हावे सहाय्य ।
घातलीया भय नरका जाणे ॥४॥
श्री.हभप . रोहिदास महाराज सानप ( बेजगांव )
मो .9822888295

©Rohidas maharaj Sanap # भक्त ऐसे जाणा जे देही उदास

Diamond city

कवीर --सुन्दर देही देखकर उपजत है अनुराग ! चाम न होत देह पर जीवित खाते काग !! #nojotophoto

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 कवीर --सुन्दर देही देखकर उपजत है अनुराग ! चाम न होत देह पर जीवित खाते काग !!

Alok Vishwakarma "आर्ष"

"देह और देही" एक अनूठी कविता... #alokstates #essentiallydeep #Spirituality #enlightenment #oneness_of_souls #yqbaba #yqdidi #कविता

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तन सुंदरता एक तत्व है,
मन भी सुंदर होना होगा
हँसना गर उन्मुक्त गगन में, भूतल गिर कर रोना होगा
अर्ध ऊर्ध्व के प्लावन में, जीवन फलदायी होता है
मनुष्य दाम कितना ही भर ले,
सिधर प्राण सब खोता है
शाश्वत सुख है भारत का, जो तन सौंदर्य न सीमित है
मन वच कर्मण एक बनाये, पीयूष धार से सींचित है
वन्दन प्रेम तपस विभ हित,
पृथ गगन अगिन वय पानी बन
चंचल मन धृत जिवन समर में, ब्रह्मविद्या तर ज्ञानी बन "देह और देही"
एक अनूठी कविता...

#alokstates #essentiallydeep #spirituality #enlightenment #oneness_of_souls #yqbaba #yqdidi #कविता

knhaiyalal Sain

छोटे को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए क्योंकि एक चम्मच देही पूरे दूध के लिए काफी होता है

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Deepa Kandpal

उत्तराखंड के लोक पर्व फूल देही पर्व की हार्दिक शुभ मंगलकामनाएं💐💐🌹❣️ #Flower #फुलदेही #uttrakhand #दीपाकांडपाल #मेरेशब्द #onlinepoetry Hind #Hindi #कविता #hindipoetry

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❣️"फुलदेही पर्व"❣️
बच्चों की टोली मचाते हुए हल्ला 
फूलों की करने पहुंचे है 
आज हमारे घर वर्षा

रंग बिरंगे सुंदर फूल लेकर पहुंचे
जो आज हमारे घर गांव के द्वार
वो नन्हें प्यारे से बच्चे
फूलों को बरसाते हुए 

"फूलेदई छम्मा देई 
दैणी द्वार भरी भकार
ये देली स बारंबार नमस्कार 
पूजैं द्वार बारंबार फूले द्वार"

खुशी से लोक गीत गाते 
मिठाइयां गुड़ चावल 
अपनी भेंट लेते हुए 
हर्षोल्लास आनंद के साथ

एक देहली से दूसरे देहली पर
फूलों को बरसाकर 
बसंत आगमन की खुशी में 

उत्तराखंड लोक पर्व 
फूलों का त्योहार 
फुलदेही पर्व मनाते है आज !!
"मेरे शब्द"✍️🙏
दीपा कांडपाल😊🌹

©Deepa Kandpal उत्तराखंड के लोक पर्व फूल देही पर्व की हार्दिक शुभ मंगलकामनाएं💐💐🌹❣️

#Flower #फुलदेही #uttrakhand #दीपाकांडपाल #मेरेशब्द #onlinepoetry #Hind

हरयाणवी शायरी

दिमाक अर देही सब ठीकठाक सै मेरी.. यो दिल ए मन्नै उदास राखै सै, मेरे तै जो करी ए नही उसनै वा महोब्बत मन्नै उदास राखै सै..!! 😔😔 #vny

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Deth date ......22-2-2016 

At 👇


mornig......👉 9:27:56 😔😔 दिमाक अर देही सब ठीकठाक सै मेरी..
यो दिल ए मन्नै उदास राखै सै, 

मेरे तै जो करी ए नही उसनै 
वा महोब्बत मन्नै उदास राखै सै..!!
😔😔
#VNy

Santosh yadav

#HistoryOfMaghar मगहर लीला आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने परमात्मा कबीर साहेब की मगहर लीला(सशरीर सतलोक गमन) का वर्णन करते हुए कहा है कि, "देख्

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Alok Vishwakarma "आर्ष"

"अधूरापन" यूँ तो अधूरा कुछ भी नहीं, नियती के निधान से सबकुछ पूरा ही है । पर यदि मुझे देह और तुम्हें देही मानें, तो हमारे मिलन के बिना सबकुछ #iloveyou #kavita #missyou #yqhindi #writerskiduniya #bestyqhindiquotes #yqnewwritersclub #दिलनहींमानता

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पागलपन के बिना हमारा प्यार अधूरा लगता है,
बिन तेरे अपनेपन के संसार अधूरा लगता है
वो बेवज़ह की बातों में हँसना रोना मेरे प्रियतम
चंचलता में चिर चेतन थिर सार अधूरा लगता है

प्रातः प्रेम की वादी में गुँजन वृन्दा के गीतों का,
अक्षर की पयधारा का विस्तार अधूरा लगता है
जीवन का हर क्षण तुमसे मधुरिम होता मेरे प्रियतम,
नद्य सलिल के मिलन का नवश्रृंगार अधूरा लगता है "अधूरापन"

यूँ तो अधूरा कुछ भी नहीं,
नियती के निधान से सबकुछ पूरा ही है ।
पर यदि मुझे देह और तुम्हें देही मानें,
तो हमारे मिलन के बिना सबकुछ

Sarita Prashant Gokhale

अक्षर छंद अभंग लेखन ६ /६ /६ /४ विद्याविभूषित ! तू श्री गजानना ! पार्वतीनंदना ! विघ्नेश्वरा !! १ !! अंतरासी माझ्या ! भक्तीचे ठिका #मराठीकविता

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अक्षर छंद अभंग लेखन
          ६ /६ /६ /४

विद्याविभूषित ! तू श्री गजानना !
पार्वतीनंदना ! विघ्नेश्वरा !! १ !!

अंतरासी माझ्या ! भक्तीचे ठिकाण ! 
तुझे अधिष्ठान ! दृढ केले !!२!!

कराया तुमची ! गणराया स्तुती !
द्यावी मज स्फूर्ती ! वक्रतुंडा   !!३!!

आत्मा परमात्मा ! नमो गणेश्वरा !
तूच सर्वेश्वरा ! दीनबंधू !!४!!

गुणगान गाता ! देही नांदणारे !
अवगुण सारे ! लया जाती !!५!!

तुझाच आसरा ! असे लेकरांना !
नित्य पामरांना ! सुवर्णकाळ !!६!!

विनवीते स्मिता ! सारे कृपावंत !
व्हावे दयावंत ! चराचरी  !!७!!

©Smita Raju Dhonsale अक्षर छंद अभंग लेखन
          ६ /६ /६ /४

विद्याविभूषित ! तू श्री गजानना !
पार्वतीनंदना ! विघ्नेश्वरा !! १ !!

अंतरासी माझ्या ! भक्तीचे ठिका

Bhuwnesh Joshi

मैं तो एक राही हूं जिसकी मंजिल है गंगा किनारे जहां आंखें बिछाए काष्ठ खंड मुझे पुकार रहे हैं जहां बाहें फैलाए #Poetry #Life #Reality #Hindi #lifequotes #कविता #hindipoetry #directions #nojohindi #bhuwnesh

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मैं तो एक राही हूं
जिसकी मंजिल है
गंगा किनारे

जहां आंखें बिछाए
काष्ठ खंड
मुझे पुकार रहे हैं
जहां बाहें फैलाए
गीली रेत
मेरी प्रतीक्षा में है
जहां गंगाजल की छुअन से
मेरी देही पवित्र हो जाएगी
जहां से अग्नि मुझे
मेरी शून्यता को तोड़
अनंत की ओर ले जाएगी

और फिर उड़कर धूम संग
आकाश से देखूंगा नजारे

मैं तो एक राही हूं
जिसकी मंजिल है
गंगा किनारे
-भुवनेश

©Bhuwnesh Joshi मैं तो एक राही हूं
जिसकी मंजिल है
गंगा किनारे

जहां आंखें बिछाए
काष्ठ खंड
मुझे पुकार रहे हैं
जहां बाहें फैलाए
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