Find the Latest Status about उलझन अर्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, उलझन अर्थ.
Shaarang Deepak
INDIA CORE NEWS
Devesh Dixit
दीवार (दोहे) खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच। रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।। उलझन ही सुलझी नहीं, बिगड़ गये हालात। खींचा तानी ये करें, देते भी आघात।। मन मुटाव भी कम नहीं, खड़ी हुई दीवार। जंग छिड़ी है देखलो, निकल गये हथियार।। अब सबको ही चाहिए, अपना घर परिवार। एक साथ मिलकर नहीं, रहने को तैयार।। कैसी ये दीवार है, होते सब आघात। बेचैनी भी बढ़ रही, हो दिन या फिर रात।। कलयुग का ये है समय, चुभा रहे हैं शूल। अलग हुए जब से वही, तब से सब अनुकूल।। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #दीवार #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry दीवार (दोहे) खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच। रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।। उलझन ही
Shaarang Deepak
Neel
White यही उलझन तो बड़ी प्यारी है, मेरे दिल में धड़कन जो तुम्हारी है। 🍁🍁🍁 ©Neel उलझन 🍁
Sangeeta Kalbhor
White नही चाहता.. सुनते क्यूँ नही अब तुम पुकार कब से लगा रहा हूँ थककर बैठा हूँ देखो मैं कब से खुदको जगा रहा हूँ हारुँगा नही मैं कभी उलझन में मगर पड़ गया हूँ कहाँ जाऊँ कैसे जाऊँ सोचविचारों में अड़ गया हूँ आओ , आओ मुझे बताने और आओ मुझे समझाने नही नही मैं नही चाहता टूटकर यूं बिखर जाने..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #Night नही चाहता.. सुनते क्यूँ नही अब तुम पुकार कब से लगा रहा हूँ थककर बैठा हूँ देखो मैं कब से खुदको जगा रहा हूँ हारुँगा नही मैं कभी उलझन
Yogi Sonu
White आज एकादशी है । आज के दिन हमारे शरीर को भोजन की जरूरत नहीं होती और शरीर अपने आप को पुन व्यवस्थित करने के लिए अपने आप को ही सफाई करता है इससे शरीर शुद्धि होती है इसी को कहते है उपवासना के क्षण लागे जैसे अमृत के क्षण।। उपासना का यही अर्थ है यही इसका विज्ञान है ।। ©Yogi Sonu आज एकादशी है । आज के दिन हमारे शरीर को भोजन की जरूरत नहीं होती और शरीर अपने आप को पुन व्यवस्थित करने के लिए अपने आप को ही सफाई करता है इससे
Santosh Jangam
Shaarang Deepak
Shivkumar
जय हो तेरी ऋषि कात्यायन पुत्री मां कात्यायनी, स्वर्ण जैसे सुनहरी तन वाली आभा तेरी मन मोहिनी । ब्रह्मा,विष्णु व महेश के तेज से चतुर्थी को उत्पत्ति, उस दिन से असुरों पर आई बहुत बड़ी विपत्ति । कात्यायनी मां का छठे दिवस करो तुम ध्यान, सब बाधाएं दूर करें मां है कृपा निधान । लाल चुन्नी व मधु है मां को अत्यंत प्रिय, ध्यान रखना मिलेगा तुम्हें शौर्य । जग की तारणहार देवी का कात्यायनी नाम, मन से करो आराधना मिलेगा मोक्ष धाम । चार भुजा धारी करती सिंह की सवारी, दुःखों को तुम हरती हम हैं तेरे आभारी । सब देवी-देवताओं को थी तुमसे बहुत आस, दशमी को किया असुर महिषासुर का विनाश । कोई बाधा है अगर तुम्हारे विवाह में, हो जाएगी पूरी देवी मां की चाह में । हे ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी, रखना ध्यान तेरे चरणों में है यह कवि । मां कात्यायनी रोग,शोक, संताप,भय नाशिनी, मां कात्यायनी अर्थ,धर्म, काम,मोक्ष दायिनी । ©Shivkumar #navratri #नवरात्रि #नवरात्रि2024 जय हो तेरी ऋषि कात्यायन पुत्री मां कात्यायनी, स्वर्ण जैसे सुनहरी तन वाली आभा तेरी मन #मोहिनी । #ब्रह्मा