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" कभी आना मेरे परदेस " प्रिय अलका, Kavita chaudhary अवतरण दिवस की ढेरों - ढेरो- शुभकामनायें प्रिय, ईश्वर से कामना करती हूँ, आपके मुख पर सदैव ही मुस्कुराहट बनी
प्रिय अलका, Kavita chaudhary अवतरण दिवस की ढेरों - ढेरो- शुभकामनायें प्रिय, ईश्वर से कामना करती हूँ, आपके मुख पर सदैव ही मुस्कुराहट बनी
read morePriyanjali
देखो नदी कुछ कहती है...... छल छल कल कल जो बहती है.... उदगम से विगम तक........ शैशवकाल से यौवन होकर अंत तक...... सागर में विलीन होकर समाहित होने तक....... देखो नदी कुछ कहती है........ बहुत कुछ सिखाती है........... छल छल कल कल जो बहती है........!! उद्गम स्थल शैशव सा चंचलता से भरा......... मध्यम स्थल यौवन सा उन्माद से गुज़रा...... विगम स्थल में शांत हो जाती है................. देखो नदी कुछ कहती है...... छल छल कल कल जो बहती है......!! उदगम में शिशु सा शोर करती है............ बच्चों सा ही अपनी मनमानी करती है..... पहाड़ पर्वतों से गिरती है..... बड़े बड़े चट्टानों को भी तोड़ देती है..... देखो नदी कुछ कहती है....... छल छल कल कल जो बहती है...........!! मध्य भाग में यौवन सा उन्माद में चलती है.... जो मिलता है बहा ले जाती है..... सही दिशा मिल जाए तो........ विद्युत को भी जन्म देती है........ न मिले तो विकराल रूप धारण कर...... बाढ़ के रूप में प्रचंड विनाश करती है.... देखो नदी कुछ कहती है................. छल छल कल कल जो बहती है............!! विगम स्थल में बृद्ध सा शांत हो जाती है.......! मानो अनुभवों का सागर लिए...... अपने सफ़र को याद करती है....... शैवाल भी उग आते हैं वक्ष में इसके...... मानो सीना तान आँख दिखाते......... लेकिन अब थक चुकी है यूँ लड़ते लड़ाते..........!! इसलिए शांति से किनारे कर उन्हें.... संगम की ओर प्रस्थान करती है...... देखो नदी कुछ कहती है............... छल छल कल कल जो बहती है......!! कुछ धाराएं छूट जाती हैं............ तो कुछ आकर मिल जाती हैं....... आने जाने को लेकर.................. कोई अभियोग न असंतोष प्रकट करती हैं.......... जाने वाले को जाने देती है.......... मातृसमः हृदय से आजीवन जल देकर..... उसके प्रवाह को गति देती है...... देखो नदी कुछ कहती है............ बहुत कुछ सिखाती है............... छल छल कल कल जो बहती है........!!!!! ©Priyanjali आपलोगों के बहुमूल्य सुझावों का प्रतीक्षा रहेग.........🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 देखो नदी कुछ कहती है...... छल छल कल कल जो बहती है.... उदगम से विगम त
आपलोगों के बहुमूल्य सुझावों का प्रतीक्षा रहेग.........🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 देखो नदी कुछ कहती है...... छल छल कल कल जो बहती है.... उदगम से विगम त #Life #experience #जीवन #Water #कविता #river #nojotowriters #अनुभव #NojotoWriter #सीख
read moreVicky Anand (Captain)
'मेरा मानना है, अमृत कुछ नही बस देवताओं के प्याली की चाय है। और इंसानी दुनियाँ में चाय ही प्रेम का संवाद कर सकती है।' ""मैं चाय प्रेमी हूँ, यक़ीनन आप भी होंगे, अन्यथा तो आप इस जीवन के महानतम सुख को भोगे बग़ैर ही परलोक सिधार जाएंगे!" आप सभी को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की प्याली भर शुभकामनाएं।☕☕... चाय के साथ-चाय पर विशेष लेख अनुशीर्षक में पढ़े :- - चाय की प्याली उठाते ही अनहद सुकूँ तारी हो जाता है, शुरुआत आँखों से ही होती है, हर प्यार की तरह। आज हमारी चुस्की की गुफ़्तगू के इतर होठों ने ब
चाय की प्याली उठाते ही अनहद सुकूँ तारी हो जाता है, शुरुआत आँखों से ही होती है, हर प्यार की तरह। आज हमारी चुस्की की गुफ़्तगू के इतर होठों ने ब #Tea #yqbaba #yqdidi #yqhindi #InternationalTeaDay #yqrestzone #commonwithtea
read morexyz
🌸(निष्कर्ष एवं सीख)🌸 In caption "प्रेम - एक अविरल धारा" जब भी प्यार की बात आती है न, मन एक मीठे से एहसास से भर जाता है। आँखें नम हो जाती हैं, होंठों पे हल्की सी मुस्कान बर
"प्रेम - एक अविरल धारा" जब भी प्यार की बात आती है न, मन एक मीठे से एहसास से भर जाता है। आँखें नम हो जाती हैं, होंठों पे हल्की सी मुस्कान बर #YourQuoteAndMine #wallpaperzone #ProverbsWorld #sb3_r5 #pwnwzsb3 #storybuilder3 #tishiyapa #PWnWZadmirableScripters
read moreMohan Sardarshahari
माना मिलते हैं मोती नसीब से फिर भी मिलेंगे तो समुद्र में क्या हुआ कोई राजा है या फकीर उद्गम तो है उदर में ©Mohan Sardarshahari उद्गम
उद्गम #ज़िन्दगी
read moresatya
बैठे है अकेले कितना सुकून है फर्क़ इतना है,वहाँ लोगो के साथ अौर यहाँ पृकृति के साथ है। शांति स्थल
शांति स्थल #विचार
read moreArora PR
पहाड़ो की डलांन पऱ पैर मेरे संभल नहीं पांते. मै भूल गया था कि मेरा आश्रय स्थल तो इन पहाड़ो की घाटी मे हैँ ©Arora PR आश्रय स्थल
आश्रय स्थल #कविता
read moreParasram Arora
परमाता धर्म और मोक्ष सब बाज़ार मे बिक रहे हैं इसमें बेचने वालों का दोष नहीं. वें तो खरीद दारों की मांग की. पूर्ती कर रहे हैं धर्म के नाम पर चलने वाले संगठन और सम्प्रदाय सब सभी इन्हे बेचने वाले विक्रय स्थल बन चुके हैं ©Parasram Arora विक्रय स्थल
विक्रय स्थल #कविता
read moreJyoti Agrahari
मेरा प्रयागराज सबसे महान यही है हमारा तीर्थस्थान स तीर्थराजो जयति प्रयागः 🙏 संगम स्थल
संगम स्थल
read morePreeti Karn
प्रकृति के रंगों की अभिव्यंजना सुखद अहसास कुछ संवेदनाएं मेरे बेरंग पन्नों में सब कुछ ही तुम्हारा है। विरह व्याकुल व्यथित मन की व्यथा कुंठा घनीभूत होता तिमिर अंतस पसरा उद्गम सृजन प्रवाह खुशियों में सराबोर आनंद अथाह प्रेरित सब तुम्हीं से हैं मेरे बेरंग पन्नों में। क्षणिक उन्माद विकल प्राणों का अवसाद कुछ मौसमी रंग पतझड़ बदरंग सृजन रचनाओं का विन्यास मात्र ही तो है भावों का मेरा कुछ भी नहीं सब कुछ ही तुम्हारा है। प्रीति #मनोभाव # उद्गम #सृजन #yqdidi #YourQuote poetry
#मनोभाव # उद्गम #सृजन #yqdidi #yourquote poetry
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