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Hariom Shrivastava

- भिखारी छंद -
24 मात्राएँ, 12-12 पर यति,अंत में 2,2
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भारत की संस्कृति है, जग में सबसे न्यारी।
है प्राचीन सभ्यता, सबसे श्रेष्ठ हमारी।।
किया रिलेशन लिव-इन, जिस दिन से कानूनी।
हुई बेहयाई भी, उस दिन से दिन दूनी।।
2-
लिव-इन के भारत में, आने लगे नतीजे।
पश्चिम के पिछलग्गू, और आप बन लीजे।।
लिव-इन की कुप्रथा ने, श्रद्धा की बलि ले ली।
मृत्यु पूर्व भी उसने,  खूब क्रूरता झेली।।
3-
मिटीं सभ्यताएँ सब, मिश्र रोम यूनानी।
किंतु हमारी हस्ती, सारे जग ने मानी।।
भारतीय संस्कृति को, रखना है यदि जिंदा।
तो करनी ही होगी, अब लिव-इन की निंदा।।
#हरिओम_श्रीवास्तव#

©Hariom Shrivastava #togetherforever

Hariom Shrivastava

-कुण्डलिया छंद -

लिव इन में हत्या हुई, विस्मित हैं सब लोग।
तब तो सारे मौन थे, वैध हुआ जब रोग।
वैध हुआ जब रोग, हुआ संस्कृति पर हमला।
अब बन रहीं कनीज़, हमारी विमला कमला।।
घर में ही लाचार, लुट रहे हैं हम दिन में।
युवा आज बिन ब्याह, मौज करते लिव इन में।।

- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava #YouNme  #हरिओम_श्रीवास्तव

Hariom Shrivastava

गीत
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16-16 मात्रा, अंत में गुरु लघु
       आधार छंद - "शृंगार"
••••••••••••••••••••••••••••
लगा ले तम कितना ही जोर।
उगेगा   सूरज   होगा   भोर।।

अँधेरा हो कितना भी स्याह।
मिलेगी  उसमें   कोई   राह।
करें उल्लू  कितना भी शोर।
उगेगा  सूरज   होगा  भोर।।

रहे   भरपूर   आत्मविश्वास।
परीक्षा   हो   जाएँगे   पास।
प्रयास खास हो और कठोर।
उगेगा   सूरज   होगा  भोर।।

जलाए  रखना   आशा  दीप।
और मन आँगन को भी लीप।
दृष्टि  रखना  प्राची  की  ओर।
उगेगा   सूरज   होगा   भोर।।
#हरिओम_श्रीवास्तव#

©Hariom Shrivastava #NAPOWRIMO

Hariom Shrivastava

- कुछ दोहे -
………………………................................
1-
यू पी में का बा सुनो, यही बज रहे गीत।
हर प्रत्याशी चाहता, मिले उसी को जीत।।
2-
रैली   सोशल   मीडिया,  नारे  बैनर  गीत।
किसी तरह से भी मिले, उन्हें चाहिए जीत।।
3-
मिले शराफत से कहाँ, आज किसी को जीत।
बाहुबली  करते  सदा, सज्जन को  भयभीत।।
4-
वही सिकंदर है यहाँ, जिसको मिलती जीत।
दुनिया गाती है सदा, सफल व्यक्ति के गीत।।
5-
सब जायज़ है  युद्ध में, सभी  चाहते  जीत।
नियमों में रहकर मिले, या  उनके  विपरीत।।
#हरिओम_श्रीवास्तव#

©Hariom Shrivastava #MahaKumbh2021

Hariom Shrivastava

भारत के 73 वें गणतंत्र दिवस पर सभी को बधाई एवं
शुभकामनाओं सहित
-- मत्त सवैया या राधेश्यामी छंद --
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1-
गणतंत्र हमारा  अमर रहे, जय हिंद  हमारा  नारा  है।
गांधी सुभाष का देश यही, यह हिन्दुस्तान  हमारा है।।
ध्वज जहाँ तिरंगा लहराता,वह हिंद जगत में न्यारा है।
भारत माता के चरणों को,सागर ने  यहाँ  पखारा है।।
2-
जब  लहू बहा दीवानों का, तब यह  आजादी  पाई  है।
हिंदू मुस्लिम सिख माँ बहिनें, कितनों ने जान गँवाई है।।
आजाद हिंद के वीरों ने, श्रमकण से जिसे सँवारा है।
दुश्मन यदि वक्र दृष्टि डाले, यह हमको नहीं गँवारा है।।
3-
है राम कृष्ण की भूमि यही, जिसको हम शीश नमाते हैं।
गांधी जी के ही मंत्र हमें, वह सत्य अहिंसा भाते हैं।।
भारत माता  की  रक्षा में, सैनिक जब शीश चढा़ते हैं।
तब यहाँ तिरंगे झंडे को, हम  गर्व सहित  फहराते  हैं।।
4-
छब्बीस जनवरी अमर हुआ, जब  संविधान  अपना  आया।
जिससे मौलिक अधिकार मिले, हट गया गुलामी का साया।।
आजादी  का  प्रतीक  झंडा, जब   यहाँ   तिरंगा   लहराया।
गूँजा  जन-गण-मन गान यहाँ, बच्चा-बच्चा  तब  मुस्काया।।
#हरिओम_श्रीवास्तव#

©Hariom Shrivastava #RepublicDay

Hariom Shrivastava

- दोहे -  :: शीर्षक- "सर्दी"
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1-
ऋतु परिवर्तन हो रहा, शुरू हो गयी ठंड।
धूप नरम पड़ने लगी, जो थी बहुत प्रचंड।।
2-
सर्दी में नित पीजिए, अदरक वाली चाय।
तुलसी डालें  साथ में, वैद्यों की यह राय।।
3-
सर्दी  से  ठिठुरन  बड़ी, शीतल चले बयार।
कंबल स्वेटर शॉल से, हुआ सभी को प्यार।।
4-
शीतलहर करने लगी, दिल पर सीधी चोट।
जिससे बचने के लिए, निकले मफलर कोट।।
5-
सर्दी की रुत आ गई, जलने लगे अलाव।
ऊनी  वस्त्रों  के  हुए, आसमान में  भाव।।
6-
शीतलहर की है नहीं, उन्हें न कुछ परवाह।
जिनके  होने  हैं  अभी, सर्दी  में  ही ब्याह।।
#हरिओम_श्रीवास्तव#

©Hariom Shrivastava #Love

Hariom Shrivastava

- दोहे - "छठ माता"
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
1-
सूरज को  जो  अर्घ्य दे, और न खाए अन्न।
छठ मैया उस व्यक्ति से, होतीं बहुत प्रसन्न।।
2-
षष्ठी पूजन पर्व के, पावन नियम विधान।
जो इनको माने सदा, दमके सूर्य समान।।
3-
प्रचलित पौराणिक कथा, जिसका लें संज्ञान।
छठ माँ  ब्रह्मा की सुता, बहिन सूर्य की मान।।
4-
षष्ठी माँ को मानते, पुण्य प्रकृति का रूप।
जिनके भ्राता सूर्य से, मिलती हमको धूप।।
5-
षष्ठी  पूजन  से  बढ़े, घर-घर सुख समृद्धि।
और सूर्य को अर्घ्य से, हो प्रसिद्धि में वृद्धि।।
#हरिओम_श्रीवास्तव#

©Hariom Shrivastava #chhathpuja

Hariom Shrivastava

💐भाई दूज की बधाई के साथ💐
♨️- दो कुण्डलिया छंद -♨️
1-
होना है जिसको अगर, यम के भय से  मुक्त।
तो फिर भाई दूज का, दिवस  बड़ा उपयुक्त।।
दिवस बड़ा उपयुक्त, मिटे सब संकट जी का।
बहिना  कर दे  आज, अगर भाई को टीका।।
कर  यमुना  में  स्नान, चैन की  निद्रा  सोना।
पाना  है  यदि  मोक्ष, मुक्त  बंधन  से  होना।।
2-
टीका  करने   आ  गई, बहिना  लेकर  थाल।
पहुँचे  भाई  दूज   पर, भाई  भी  हर  हाल।।
भाई  भी  हर  हाल,  हमेशा  वचन  निभाता।
यम के भय से मुक्ति, दूज का  पर्व  दिलाता।।
हल्दी  अक्षत  पुष्प, जलाकर दीपक घी का।
करती  नजर  उतार, बहिन भाई को  टीका।।
#हरिओम_श्रीवास्तव#

©Hariom Shrivastava #Bhaidooj

Hariom Shrivastava

विजयादशमी की शुभकामनाओं सहित
"सार छंद" 
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1-
शौर्य सदा ही  पूजा जाता, क्या  द्वापर  क्या  त्रेता।
शक्ति शील सौहार्द समन्वय, सद्गुण के सब क्रेता।।
यही कथा है रामायण  में, यही  बताती  गीता।
अहंकार अभिमान असत से, सत्य सदाशय जीता।।
2-
दसकंधर  लंका  का  राजा,  उद्भट  योद्धा  ज्ञानी।
शौर्य पराक्रम का भी जिसका, रहा न कोई सानी।।
उसके इन्हीं गुणों ने उसको, बना दिया अभिमानी।
पर्व दशहरा अहंकार के, वध  की  श्रेष्ठ  कहानी।।
3-
धरती पर जब सत्य धर्म की, हानि जहाँ भी होती।
पापाचार अधर्म असत से, धरती  माँ जब रोती।।
जब-जब जग में दम्भी रावण, सीता जी को हरते।
तब-तब राम अवतरित होकर, रावण का वध करते।।
4-
आदि शक्ति  दुर्गा  माता  सम, और  न  कोई  दूजा।
शक्ति प्राप्त करने को प्रभु ने,की थी नौ दिन पूजा।।
दसवे दिवस  दशानन मारा,उस दिन हुआ दशहरा।
भारतीय  संस्कृति  का  नाता, पर्वों  से  है   गहरा।।
#हरिओम_श्रीवास्तव#
      भोपाल, म.प्र.

©Hariom Shrivastava #NojotoRamleela

Hariom Shrivastava

- सरसी छंद -   शीर्षक "चींटी"
-------------------------------------
1-
चींटी हमको यही सिखाती, रहो सदा श्रमशील।
कोशिश करने में मत देना, किसी तरह की ढील।।
काया है अति लघु लेकिन है, इसमें अद्भुत शक्ति।
कर्मशील रहना चींटी से, काश सीख ले व्यक्ति।।
2-
यों तो चींटी जैसा कहना, मतलब है कमजोर।
किंतु चींटियाँ श्रम करतीं हैं, निशदिन बहुत कठोर।।
मिलकर ये करतीं रहतीं हैं, भोजन की ही खोज।
कभी नहीं थकतीं रुकतीं यह, मेहनत करतीं रोज।।
3-
सदा संगठित होकर रहतीं, चलतीं बना कतार।
जीवन में यह नहीं मानतीं, कभी किसी से हार।।
कीट पतंगों पर करतीं हैं, चीटीं मिलकर वार।
नन्हीं सी चीटी ही देती, हाथी  को  भी  मार।।
#हरिओम_श्रीवास्तव#

©Hariom Shrivastava #WallTexture
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