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Devesh Dixit

#मौत_हूँ_मैं #nojotohindi #nojotohindipoetry मौत हूँ मैं मौत हूँ मैं, जी हाँ, मौत हूँ मैं। दिलों को दहला दूँ सबके, वो ख़ौफ़ हूँ मैं, #Poetry #sandiprohila

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Devesh Dixit

#mothers_day #माँ_की_बाँहें #nojotohindi #nojotohindipoetry माँ की बाँहें माँ की बाँहें बुला रहीं इशारे से अपने लाल को देख कर उसको मुस्कुरा रही सीने से लगा कर जान को #Poetry #sandiprohila

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Devesh Dixit

#फल_की_इच्छा_रखने_वाला #nojotohindi #nojotohindipoetry फल की इच्छा रखने वाला फल की इच्छा रखने वाला, वह रहता सदा उदास है। भविष्य की चिंता में डूबा, करता स्वास्थ्य खराब है। कैसे किसको धन मिला, रहता उसको मलाल है। कब आए वो दिन ऐसा, जब बने वो धनवान है। किसको कैसे अब मैं लूटूँ, सोचता वह दिन - रात है। एक दिन में धनवान बनूँ, रहता उसका अरमान है। मजबूरी का फायदा उठाता, समझता उसे वह गुलाम है। अपनी बारी में ही वो रोता, ईश्वर को देता इल्जाम है। फल की इच्छा रखने वाला, वह रहता सदा उदास है। भविष्य की चिंता में डूबा, करता स्वास्थ्य खराब है। ................................... देवेश दीक्षित #sandiprohila Riti sonkar PURAN SING‌H CHILWAL Kittu Self Made Shayar V.k.Viraz #Poetry

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Devesh Dixit

#मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां चले अत्याचारों से लिपटी धरती सब तुम्हारी करनी है आतंकवाद की बढ़ती दरिंदगी सब तुम्हारी निशानी है पाप कर्म और मक्कारी का दिया जलाया तुमने है खून बहा के निर्दोषों का धन कमाया तुमने है मुद्दा बनाके जाति - पांति का आपस में लड़वाया तुमने है उसी से भड़कती है हिंसा उसी से रोटी सेंकी है और कौन से कुकर्म हैं बाकी जो तुमने आगे करने हैं धरती माता पर और लहू की बारिश करनी तुमने है मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल झोंक कर कहां चले ……………………………. देवेश दीक्षित #sandiprohila RAVINANDAN Tiwari Lalit Musiya Parth kapadiya Nîkîtã Guptā Ankita Tantuway Lalit Saxena Internet Jockey Kanhaiya Saini Mukesh Poonia Rooh_Lost_Soul #Poetry

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Devesh Dixit

#काल_चक्र #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा ईश ने जब इसे, मकसद है कुछ खास। #Poetry #sandiprohila

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Devesh Dixit

#पर्दा #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry पर्दा (दोहे) पर्दा पड़ता झूठ पर, हो अपयश सब ओर। भ्रष्टाचारी का रहे, उस पर ही अब जोर।। यह पर्दा दिखता नहीं, है फिर भी अनमोल। जो इससे अनभिज्ञ हैं, कर न सके वो तोल।। दूजा है पर्दा दिखे, जन मानस में ज्ञात। करें सभी उपयोग हैं, कहने की क्या बात।। पर्दा खिड़की में लगे, और सजाता द्वार। पूरा घर सुंदर लगे, जाने सब नर-नार।। दोनों का यह काम है, ढाँप सकें वो बात। जिसे बताना है नहीं, उससे है अज्ञात।। पर्दा उस पर क्यों पड़े, जो देता आघात। सबको जख्मी भी करे, देता है वो मात।। पर्दा उन पर डालिये, जो होते निर्दोष। दंड मिले बिन पाप के, कैसे हो संतोष।। .................................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila Self Made Shayar Lalit Saxena Riti sonkar Rajat Bhardwaj शिवम् सिंह भूमि Sethi Ji V.k.Viraz Reena Sharma Sk Singh Rajnish #Poetry

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Devesh Dixit

#किवाड़ों_से_झाँकती_रौशनी #nojotohindi #nojotohindipoetry किवाड़ों से झाँकती रौशनी एक जगह थी जो सुनसान, दिखा वहीं पर घर अनजान। घर के आगे खुला इलाका, दिखता था पूरा शमशान। यहाँ सन्नाटा सब ओर था, घर पर नहीं कोई और था। किवाड़ों से झाँकती रौशनी, जिसका नहीं कोई छोर था। धूल - मिट्टी से भरा हुआ था, जालों का भण्डार लगा था। टूटते से किवाड़ थे उसके, कबूतरों का वो घर बना था। फर फर कर उसमें मंडराते, वो गुटर गूँ से शोर मचाते। खाने को नहीं मिले वहाँ कुछ, भोजन लाने को उड़ जाते। कर जतन भोजन को लाते, बड़े मगन से फिर वो खाते। हो जाता जब घर में अँधेरा, बेखौफ हो कर वो सो जाते। क्या आगे मैं हाल बताऊँ, वीराने का दृश्य दिखाऊँ। जाता नहीं कोई वहाँ पर, यही तुमको मैं समझाऊँ। ............................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila Bhardwaj Only Budana Praveen Storyteller शिवम् सिंह भूमि Praveen mishra Sherni Nîkîtã Guptā Kumar Shaurya Nandani patel VIMALESHYADAV @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 #Poetry

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Devesh Dixit

#श्रद्धा #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry श्रद्धा (दोहे) हिस्सों में अब बट रहीं, कितनी श्रृद्धा आज। आफताब घेरे इन्हें, बन कर के वो बाज।। घटनाओं का सिलसिला, बढ़ता है दिन रात। कहती हैं श्रद्धा सभी, समझो अब जज्बात।। धोखा दूँ माँ बाप को, श्रद्धा करे न पाप। आफताब जैसे मिलें, तब होता संताप।। हो श्रद्धा मन में बहुत, खुश होते भगवान। संकट करते दूर हैं, हों पूरे अरमान।। श्रद्धा जिसमें भी रहे, हो उसका उद्धार। पाप कर्म से दूर हो, बना रहे उद्गार।। श्रद्धा से कोमल बने, मन के अपने भाव। दूजों की पीड़ा दिखे, उभरे उर के घाव।। .................................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila Kaviraj Rahul शिवम् सिंह भूमि Satyam Singh Rita kumari Sonika pal Lalit Saxena Ayesha Aarya Singh Praveen Jain "पल्लव" Lamha PФФJД ЦDΞSHI Keshav ji star sHiVa_JhA Puneet Arora Sunny Ambika Jha Nikhil Ranjan #Poetry

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Devesh Dixit

#परिहास #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi परिहास (दोहे) जो करते परिहास हैं, उनका बढ़ता मान। आस पास सब हों मगन, खुश होते वो जान।। ऐसा क्यों परिहास हो, लगे व्यंग के बाण। हृदय रहे पीड़ित सदा, कष्ट भोगते प्राण।। हास परिहास हो वही, सुखी करे परिवार। आपस में मिल कर सभी, बांँटे सबको प्यार।। कहते हैं सज्जन सभी, ऐसा हो परिहास। चहक उठे तन-मन सभी, हो जीने की आस।। सीमा हो परिहास की, सके न कोई तोड़। मन भी विचलित हो नहीं, दो उसको अब मोड़।। .................................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila Usha bhadula 12345 कलम की ताकत हूं मैं कलम मेरी पहचान Aariya writer परिंदा munish writer Nîkîtã Guptā Rakhie.. "दिल की आवाज़" Muna Uncle Praveen Storyteller m raj. g Urmeela Raikwar (parihar) nnupur Bobby(Broken heart) Rina Giri #Poetry

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Devesh Dixit

#कलम #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry कलम (दोहे) कलम चले जिस राह पर, लेख पत्र है नाम। पोलें सब की खोलती, अद्भुत करती काम।। दुर्जन इससे काँपते, होती सम तलवार। एक बार की चोट में, घायल कई हजार।। उत्तम लेखन भी करे, सबको होती आस। यही कलम की जिंदगी, है सबकी यह खास।। बिना कलम के जिंदगी, है बिलकुल वीरान। इससे ही रचना बने, और करे ऐलान।। शब्दों से मन मोहती, यह इसकी पहचान। अकसर देती है खुशी, करती भी हैरान।। यही कलम औजार भी, और पुष्प की माल। कहती है सद्भावना, करती बड़ा कमाल।। .................................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila Lalit Saxena Rajat Bhardwaj M.k.kanaujiya Sethi Ji Internet Jockey Nîkîtã Guptā Aliya Siddiqui Self Made Shayar Anshu writer Dr. Asha Yashshree #Poetry

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