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🎙️Sanjiv singh yadav *Deva* 🎙️
दिनों के रहे फेर हरदम ही मेरे , शुकूँ के रहे पल न हरदम ही मेरे, ©🎙️Sanjiv singh yadav *Deva* 🎙️ एक नज़्म की आवाज़ #sunflower #nojotonazm #nojotopoetry #Trending #nojotoinsta #Instagram
RR Rath
लगता है तुम पे हक जताने लगे हैं, माफ़ी का हक शायद खोने लगे हैं। खुशबुएँ ढूंढने आए हैं तेरे शहर मै, उन्हीं खुशबूओं शायद डूबने लगे हैं। शाम की रोशनी मै तुम भीगी हुई हो, वहीँ खुदको शायद भिगोने लगे हैं। तुमहैं गुनगुनाता जा रहा है फ़कीर, फ़िर एक नज़्म शायद बनाने लगे हैं। जहां भर के बहाने करके मिलते हैं, अब ये बहाने शायद उकताने लगे हैं। ©Rashmi Ranjan Rath #Rose #nojotonazm #nojotohindi #nojatolove #लगता_है #बाहाने
Gaurav's write
मैं हूँ एक कागज का टुकड़ा मुझे हवाएं न दो, बद्दुआये ली हैं मैंने उसकी, मुझे दुआएं न दो, ये जो लोग आये हैं मेरे जनाजे पर फूल लेकर, चलो कुछ रिवायतें बदलो अब इन्हें रिदायें न दो मैं हूँ एक कागज का टुकड़ा मुझे हवाएं न दो.. वो जो कश्ती उतरी है समंदर में किसी महबूब सी उसे आना इस छोर उसे बालाएं न दो, मै जो भूल गया हूं उसको उसको याद करते मैं नहीं बन सका मजनू मुझे सजाएं न दो... मैं हूँ एक कागज का टुकड़ा मुझे हवाएं न दो, बद्दुआये ली हैं मैंने उसकी, मुझे दुआएं न दो, ©Gaurav's write मुझे हवाएं न दो- नज़्म ll Do follow for such more Hindi Nazm's/Poetries ll (रिदायें- चादरें) #मुझे_हवाएं_न_दो #gauravswrite #gaurav_iit #nojotoquote #nojotonazm #nojotoshayari
RR Rath
यकीनन वो मेरी नहीं मगर, मै तो उसीका रहूँगा उम्र भर। चाहे राह मै हज़ारों मुश्किलें, फ़िर भी चाहूँगा खोके नज़र। किसी जो रोज़ टकराएं ग़र, चला जाना अजनबी बनकर। जो दिखने लगो अक्सर मुझे, समझूँगा है दुआओं का असर। माना के होगा मिलना मगर, तेरे इश्क़ मै होगी नयी सहर। ©Rashmi Ranjan Rath #nojotonazm #nojotohindi #तेरा_हूँ
RR Rath
धूप से क्या निकल घटाओं से सामना हुआ है, किताबें क्या हटी ज़िंदगी एक बहाना हुआ है। सितारों को चमकने दो फलक पे आस्माँ जैसा, हस्ते रोते सावन देखो कितना सुहाना हुआ है। पत्थरों की ज़ुबाँ से सुना दो क़दम पे है तेरी गली, अपने घर मै आराम से बैठे हुए ज़माना हुआ है। दूरीयों मै दर्द जला कर आते हैं रोशनी के लिए, उम्मीद के हाथ बढा़ कर दिल जलाना हुआ है। ©Rashmi Ranjan Rath #हुआ_है #नज़्म #kritty_shetty_pic #nojotonazm #nojotohindi #nojatolove
RR Rath
मुझे दे रहे हैं तसल्लियाँ उल्फ़त के किसी नाम से, आ कभी मन्ज़र-ए-आम पर वफ़ा के अंजाम से। (मन्ज़र-ए-आम = सार्वजनिक प्रदर्शन, उल्फ़त- मोहब्बत) न ग़रज़ न वास्ता फ़िर भी सवाल मुहब्बत से क्या, तेरे ज़िक्र से, तेरी फ़िक्र से बैठा है जवाब शाम से। मेरे माज़ी कर न राह-ए-वफ़ा मै ख़ुशी की तलाश, तू पिला इसी चश्म-ए-जाम से के चले हर गाम से। (मर्हबा = बहुत ख़ूब,शाबाश), (चश्म-ए-जाम =नशीली आंखें) तेरी फ़लक पर रोना नसीब में है औरों क्या गिला, कभी कर ले आ के मुक़ाबला के फ़कत शाम से। (फ़लक = आसमान), (फ़कत=बस इतना ही) ©Rashmi Ranjan Rath #nojotonazm #nojotohindi #Anger
Ruksar Bano
घनघोर अंधेरे में कांपती है, देह। भय के आभास होते ही, जुगनू से थिरकते हो तुम। मेरे आस - पास। क्या कोई दीपक हो तुम? चलते हो तुम, ठीक मेरे पीछे। क्या कोई परछाई हो तुम। जो न दिन ढलने पर ढहती है, न भोर होते ही सिमटती है। क्या भूल गए हो, तुम भी अपना रास्ता? क्या तुम्हारा रास्ता भी, उतना ही धूमिल है। जितना की मेरा? और तुम भी, अपने पथिक की तलाश में, अपने रास्ते को खंगालते हुए। तुम पहुंच जाते हो मेरे इर्द गिर्द । मुझे दिशा दिखाने। ©Ruksar Bano #stayhappy #जिंदगी_का_सफर #नोजोटोहिंदी #nojotonazm
Gaurav's write
पाँव से लिपटा है कोई सफर, रास्ते बदले ना उसकी कोई आयी खबर, आंख मूँदे दिल झाँकता है रात के उजालों में, आ पकड़ लूँ मैं हाथ तेरा ऐ मंजरे सुबह वस तू ही मेरी हमसफर.. वो जब दिन ढले चेहरे पर, ख़्वाबों में ना आता कोई नज़र, वो सुस्त पड़ी इन गलियों में, क्यू ढूंढे मुझको इधर उधर, मैं नहीं हूँ अब पास मेरे, क्यूँ घुमे तू अब दर-बदर, ये पास पड़ी मेरी नज़्मों को, क्यूँ सुनाऊँ किसको मगर, है पास गर तू आज मेरे, बस कर ले साथ इक रात बसर.. पाँव से लिपटा है कोई सफर, रास्ते बदले ना उसकी कोई आयी खबर.. ©Aesthetic.Poet पाँव से लिपटा है कोई सफर- नज़्म #gaurav_iit #nojotopoetry #nojotoquote #nojotonazm #hindipoetry #nazm #nojotophoto
RR Rath
प्यार का सिला राज-ए-राह बताता है, दिल ही दोस्त बन दुश्मनी निभाता है। ज़ख़्म कोई दीजिए जानेवाले जुदाई में, ज़िन्दगी तो मज़े मज़े मै छटपटाता है। होगा करम के दायरे सारे मीट जाएंगी, इतना बता क्यूँ वो हर पल सताता है। लड़खड़ाने लगे हैं क़दम आग लगा कर, अब तो अपना पता दूर से मुस्कुराता है। इश्क़ ख़ता है और जान सा ख़ास भी है, जितनी दफ़ा सोचू नजऱ बस वो आता है। तुम्हारा तलबगार हूं फिरुं छत पे अकेले, जब भी जलवा दिखा चाँद भी लजाता है। रूठने का अंदाज़ दर्द देती है जी भरके, कुछ बहाना बना के लगे तू ही बुलाता है। ©Rashmi Ranjan Rath #nojotonazm #राज-ए-राह #तलबगार_हूं