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आगाज़
Satish Chandra
आई थी पनघट पर कल वो शर्म का दामन थाम नैन से नैन मिलाते रह गए हो गई भोर से सांझ, गगरी से छलकाती गई थी पानी का वो जाम मतवाली चाल पे हाय रे उसकी फिसल गई थी जान, नाक नथुनिया पहन ईठलाई पैजनियाँ कर गई काम गोरे गालों पे तिल जो देखा हो गया बस काम तमाम, कुछ न बोली, कुछ न समझी जैसे थी अंजान फिर भी कायल अपना वो कर गई दे मंद सी मधुर मुस्कान। #Shame #YQbaba Maiden entry for #quotathon Aniket Kale #FreakySatty
Vishal
पनघट तक पहूँच कर भी प्यासा लौट आया था, मेरे ज़मीर ने भी मुझें कितना कुछ सिखालाया था। अनकहा सा एक वादा था जिसे हमनें निभाया था, ख़ुद को मार कर उस रात मैंने ख़ुद को बचाया था।। #पनघट #अनकहा #वादा #yqbaba #yqdidi #yqhindi Best YQ Hindi Quotes
OMG INDIA WORLD
🌹#उम्मीदों की #पनघट पर🌹 🌹#हम दिया #जलाए बैठे #है..!!🌹 🌹#तुम वादा #करके भूल #गए🌹 🌹#हम आस #लगाए बैठे #है....!!!!🌹..... ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD 🌹#उम्मीदों की #पनघट पर🌹 🌹#हम दिया #जलाए बैठे #है..!!🌹 🌹#तुम वादा #करके भूल #गए🌹 🌹हम आस लगाए बैठे है....!!!!🌹.....
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Er.Shivampandit
ओक्का बोक्का तीन तलोक्का, फूट गयल बुढ़ऊ क हुक्का। फगुआ कजरी कहाँ हेरायल, अब त गांव क गांव चुड़ूक्का।। ओक्का बोक्का तीन तलोक्का, फूट गयल बुढ़ऊ क हुक्का। फगुआ कजरी कहाँ हेरायल, अब त गांव क गांव चुड़ूक्का।। नया जमाना नयके लोग, नया नया कुल फईलल रोग। एक्के बात समझ में आवै,
Shayar Bhupendra Likhitkar
पनघट पनघट रास रचाये, मुरलीधर घनश्याम कभी राधा के भए कभी भए सीता के राम बीच बजरिया गोपियां छेड़त दूजो नही है काम नटखट झटपट ढोंग दिखावे , यशोदा को न एक पल आराम कभी चुरावत माखन, कभी खावत दही भात आज लियो जन्म प्रभु ने, धन्य कियो चारो धाम SHAYAR BHUPENDRA LIKHITKAR जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
Nirankar Trivedi
श्याम की मुरली बजी ,राधा की पायल बजी | छनन छनन छनन छनन पायल बजी | चली कान्हा को ढूंढन ,राधा घर से चली | कुंज गलियों में राधा , संग सखियों के चली | ढूंढा गली -गली गली -गली ,पर खबर न मिली | चली कान्हा को ढूंढन ,राधा घर से चली | सोंच कर ये राधा ,बड़ी हैरत में पड़ी | है मुसीबत बड़ी ,जो मैं इसके प्रेम में पड़ी | सुनी मुरली की धुन , आती पनघट से मिली | छोड़ गलियों को राधा , तब पनघट को चली | श्याम की वो दीवानी , श्याम को जब मिली | उस मुरली की धुन में ,जब श्याम की राधा मिली| अब तो दोनों की आँखों से ,प्रेम की अश्रु धारा चली | श्याम की मुरली बजी ,राधा की पायल बजी | छनन छनन छनन छनन पायल बजी || जन्माष्टमी पे राधा श्याम की खोज मे चली #
sapna Arun Pradhan
सुकून बाहों में तेरी था बड़ा तुझे जल्दी जाने का क्या था पड़ा अब देख नतीजा दुनिया का तू मेरी नहीं मैं तेरा नहीं वो मौसम आने जाने लगे मगर तेरी कोई खबर नहीं तू मिलने आया करती थी मैं बैठा हूं उस पनघट में तू झूठ नहीं कहना साथी क्या तुझे भी मेरी याद आती है जिस झरोखे से झांकती थी चुप चुप के अब मैं वहां तेरी एक झलक को तरसता हूं तू मिलने आया करती थी मैं उस पनघट पर बैठा हूं झरोखा