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Mukesh Poonia
शून्य नहीं जीवन मेरा हम भी रण में लड़े हैं बिखर जाती है दुनिया जहां वहां हम आज भी खड़े हैं . ©Mukesh Poonia #boatclub #शून्य नहीं जीवन मेरा हम भी #रण में लड़े हैं #बिखर जाती है #दुनिया जहां वहां हम आज भी #खड़े हैं
LOL
छलकाए होंगे कुछ ही अश्रु तुमने सर्वस्व तो ना खोया होगा हार की निराशा में एक बीज जीत का भी बोया होगा.. देखा होगा स्वप्नों का बल जब पसीने ने धरा को भिगोया होगा तुमने भी प्रायः उन्मादों में फिर आशाओं को पिरोया होगा.. डगमगाकर जीवन रण में गिरकर उठे होगे तुम क्षण में काँधे पर रख जरूरतों का झोला कई बार अभिलाषाओं को ढ़ोया होगा.. तो आज हार मान क्यों बैठ गए तुम तनी रस्सी सेे ऐंठ गए तुम देख राह विपत्ती की पार करने से क्यों झेंप गए तुम.. पहले भी समय ऐसा आया होगा तुमने धूल से जब मस्तक धोया होगा प्रबल विश्वास लिए जो चलोगे तुम पार हर बाधा करोगे तुम काँटो के पथ के बाद ईश्वर ने रास्ता फूलों का भी संजोया होगा.. तुमने सर्वस्व तो ना खोया होगा!! -KaushalAlmora #उम्मीद #motivation #जीवन #रण #yqdidi #yqbaba #life #विश्वास PC: HD wallpaper app
आनन्द कुमार
निश्चय किया है उन्होंने, कि तिरंगा हम ही फहरायेगे, दुश्मनों को नर्क के द्वार पर, हम स्वयंम पहुंचायेंगे। रणक्षेत्र में सभी बड़ी शान से विजय के झंडे गाड़ रहे है, दुश्मनों के सीने को चीर, वो शेर की तरह दहाड़ रहे है। न्यौछावर कर अपने प्राण, वो देश को महका रहे हैं, तिरंगे के साथ बहती हवाओं मे, वो कहकहा रहे हैं। देश की माटी का कर्ज तो बस संग्रामी ही चुका रहे है, सभी योद्धा तिरंगे में लिपट कर घर वापस आ रहे है। देश की नींव का पत्थर बनके वो हमेशा कुछ सीखाते रहे हैं, देवदूत बन हमेशा देश को दुश्मनों से लड़कर बचाते रहे हैं। -------------------------आनन्द ©आनन्द #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi #रण #युद्ध
आनन्द कुमार
भारत माता की जय बोल के, वो दुश्मनों पर टूट पडे है, देख वीरों का रणकौशल, दुश्मनो के हौसले भी छूट पड़े है। शिकायत है, कि वो जल्दी वीरगति की राह मे बढ रहे है, मगर प्रसन्न है, कि मां भारती के चरणों मे चढ रहे है। दुश्मन के खेमे में जबरदस्त हाहाकार मचा रहे है, इतिहास को एक अलग ही अंदाज में रचा रहे है। मां भारती की जय बोल कर, वो दुश्मनों से लड़ रहे है, वीरगति के पथ पर वो सभी धीरे धीरे आगे बढ़ रहे हैं। -------------------आनन्द ©आनन्द #आनन्द_गाजियाबादी #रण #युद्ध #Anand_Ghaziabadi
आनन्द कुमार
छूट रही है सांसें, पर मन में एक उदगार चल रहा है, मारना है सब दुश्मनों को, बस यही विचार चल रहा है। उखड़ चुकी सांसों से भी वो सब खूब तांडव मचा रहे है, दुश्मनों को यमराज के पास चुन-चुन कर पहुंचा रहे हैं। जब खत्म हुई है गोलियां, तब निहत्थे ही भारी पड़ रहे हैं, संख्या में है वो थोडे, परन्तु असंख्य दुश्मनों से लड़ रहे हैं। मृत्यु का क्या है, वो तो किसी भी पल आ जानी है, मगर उससे पहले सभी दुश्मनों की अरथी सजानी है। ---------------आनन्द ©आनन्द #आनन्द_गाजियाबादी #रण #युद्ध #Anand_Ghaziabadi
आनन्द कुमार
मृत्यु के बादल समर में मंडरा रहे हैं, वीर रणभूमि में सहज ही मुस्कुरा रहे हैं। रणबांकुरे लड़-लड कर शीश कटा रहे हैं, आजादी का मूल्य अपने प्राणो से चुका रहे हैं। रणभूमि में लग रही है,हर-हर महादेव की बोलियां, चारों तरफ फट रहे हैं बम और चल रही है गोलियां। जिंदगी घुट-घुट कर धीमे-धीमे आहें भर रही है, मौत के आगोश में भी जाकर जिंदगी खूब लड़ रही है। ----------------आनन्द ©आनन्द #जिंदगी #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi #युद्ध #रण
अभिजित त्रिपाठी
हल्दी घाटी के भीषण रण में, राणा निर्द्वंद्व घूमते थे। जिधर भी चेतक मुड़ जाता, लाशों के ढेर झूमते थे। मानसिंह बस एक वार में, होश गंवाकर भागा। अंत युद्ध का निकट आ गया, तब तंद्रा से जागा। सेना को ललकार लगाता, बहलोल खान तब आया। उसने राणा पर वार किया, और पूरा जोर लगाया। एक वार में दो कर दिया उसे, जब राणा को रोष हुआ। हल्दीघाटी में जोरों से, जय जगदम्बा उद्घोष हुआ। ©अभिजित त्रिपाठी #हल्दीघाटी #जगदम्बा #रण #चेतक #दो #रोष #जय #उद्घोष #राणा #hills
Death_Lover
"हिमांश" यहाँ जीवन और मरण नहीं अब बस रण होगा, जो हो रहा है आज यहाँ पर हर सत्ता में, अब न वो कल होगा॥ ©Himanshu Tomar #हिमांश #जीवन #मरण #सत्ता #रण #Politics #politicians #at_present #Success
Death_Lover
"हिमांश" मेरी कोई कहानी नहीं, एक इतिहास लिखा जाएगा जो किसी और से नहीं, मेरे ही द्वारा फिर किसी कुरुक्षेत्र में रचा जाएगा॥ (तैयारी रण की) ©Himanshu Tomar #history #AUTOBIOGRAPHY #इतिहास #स्वरचित #कुरुक्षेत्र #हिमांश #जीवनअनुभव #रण #Janamashtmi2020