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Ripudaman Jha Pinaki
अजी नौकरी का भी अपना मज़ा है। जहां अपनी चलती नही कुछ रज़ा है। हुकम हाकिमों का बजाते रहो बस- यहांँ ज़िन्दगी हर घड़ी इक क़ज़ा है। दवाबों तनावों की बोझिल फ़ज़ा है। बिना पाप के भोगता नित सज़ा है। सवालों जवाबों से परहेज़ कर चल- यहाँ कोई सुनता नहीं इल्तिज़ा है। रहो जब तलक भी किसी नौकरी में। न कुछ और सोचो कभी ज़िन्दगी में। भुला दो सभी रिश्ते नाते जरूरत- लगा दो अरे आग अपनी ख़ुशी में। नियम हाकिमों के नए रोज बनते। कि साहब यहां ख़ुद ही उलझन में रहते। करें गलतियांँ हम तो सुनते हैं बातें - मगर इनकी ग़लती मुनासिब ही रहते। करो हर घड़ी सबकी तीमारदारी। जताए बिना अपनी कोई लचारी। न छुट्टी, न अर्जी, न आराम कुछ दिन- लगाए रखो नौकरी की बिमारी। ज़हन में ख़याल इसका ही जा-ब-ज़ा हो। अमल हुक़म हो चाहे बेजा बजा हो। चलेगी नहीं हुक्म उदूली एक भी - कि इसमें तुम्हारी न बेशक रज़ा हो। पड़ो चाहे बीमार या मर ही जाओ। मगर नौकरी अपनी पहले बचाओ। न जो कर सको तो अभी बात सुन लो- उठाओ ये झोला तुरत घर को जाओ। कभी कुछ न सोचो सिवा नौकरी के। नहीं तुम हो कुछ भी बिना नौकरी के। चलाता है घर बार यह नौकरी ही - करो रात - दिन हक़ अदा नौकरी के। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki #नौकरी
अदनासा-
tripi
जिंदगी में अगर आप असफल पे असफल हो रहे हैं तो ये नहीं सोचना मुझे असफलता क्यों मिल रही है हो सकता हो आपके लिए भगवान झोपड़ी नहीं महल बनाने का सोच रहे हो। ©tripi #आदमी #Insaan #असफलता #Job #नौकरी #इंसान
Er.Atul Kumar Gupta
डिअर सरकारी नौकरी थोड़ा सी कृपा कर दो😒 अब तो मिल भी जाओ यार तुम्हारी वजह से मेरा ब्याह रुका पड़ा हैं😢 अतुल कुमार गुप्ता ©Atul Kumar Gupta #रुकावट #नौकरी
Rehan Ali Ansari
KRISHNA KR SAGAR
हाथों की लकीरों 🤝 पर ज़्यादा विश्वास नहीं किया करो. क्यूंकि नसीब उनका भी होता है जिनके 🖐🏻 हाथ नहीं होते। ©KRISHNA KR SAGAR #Affection #Jyotish #Fool #Trading तक़दीर हम खुद बनाते है ।। #नौकरी #nojatoquotes
अदनासा-
Swati Tiwari
नौकरी कब सौंख से जरूरत बन गई पता ही नहीं चला निकले थे घर से सौंख पूरे करने अब तो जिम्मेदारियां इतनी बड़ी हो गई है की जरुरते भी पूरी नही हो पाती मन करता है वापस उम्र कम हो जाए बैठ जाए पापा के कंधे पर और अपनी ख्वाहिश पूरी कराए छुप जाए मां के आंचल मे और सारी दुनिया की शिकायते उनसे लगाएं कितनी हसीन थी जिंदगी जब हमे सौंख नही था कमाने का नौकरी की आपाधापी में अब सिमट कर रह गया सौंख पूरा क्या होता, खुद के लिए समय भी घट गया स्वाति की डायरी ✍️ ©Swati Tiwari #नौकरी #सौंख #शौख #पापा #मां #जरूरत #सपने
अदनासा-
मैं रहूं या ना रहूं, चंद रोज़ ही सही, मेरा नाम तो रहेगा, पर कहां ? क्या किसी दिल में ! क्या किसी के लब पर ! या मृत्यु प्रमाणपत्र पर ! मैं रह लूंगा इन जगहों पर, मगर किसी दिमाग़ में नही... उपर्युक्त इस पद्य या गद्य व्यंग्य लेख में, कुख्यात स्वघोषित कवि महोदय "अदनासा" जी यह कहने की कोशिश कर रहे है कि.. अरे छोड़ो भी, जाने क्या कहने की कोशिश कर रहा है, यह तो इमोशनल अत्याचार लिख डाला है, मगर वाजिब फ़रमाया है तो वह है, हमारे प्यारे शेक्सपियर दादा जी ने, वो यह कि, "नाम में क्या रखा है' एक हकीकत यह भी कि, सबकुछ तो हमारा "काम" ही तय करता है, उसके बाद हमारा नाम पूछा जाता है... हां.. जी ! बोलिए ? क्या नाम है आपका ? अरे.. भाई पता है मुझे, चाकरी में तो पहले नाम ही पूछते है। ©अदनासा- #हिंदी #व्यंग्य #satire #नाम #काम #नौकरी #Pinterest #Instagram #Facebook #अदनासा
शर्मा निखिल
#नौकरी सबको लगता है नौकरी के लिए अपने शहर से चल गया, मगर सच तो ये है की बंदा अपना दिल हार के चल गया, चेहरे पर एक मुस्कान लिए फिरता था निखिल तो हमेशा, वो लड़का तो अपनी सारी ख्वाहिश भी मार के चल गया| ©शर्मा निखिल #duniya