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SNM
इंसानों के भेष में घूम रहे दरिंदे यकीं न हो तो आजमाके देख लो! ©SNM #इंसान #दरिंदे #भेष #चालबाज #धोखा #प्यार #SanjeetMishra
Ashok Mangal
दरिंदों के डर से परिंदों ने उड़ान कब रोकी कभी । आदिकाल से दुनिया में रही दरिंदों की उपस्थिति ।।— % & जानता हूँ बाज़ार में बहोत दरिंदे है पर मेरे ख़्वाब भी... ज़िद्दी परिंदे है ~#कशिश #बाज़ार #दरिंदे #ख़्वाब #ज़िद्दी #परिंदे #yqdidi #yqquotes Collaborating with ..!
Shayar E Badnaam
मन के परिंदों को आज़ाद किया जाए, सारे जहान को यूं आबाद किया जाए, जिन्होंने बना रखी है सरहदें ज़मीन पे, उन दरिंदों को बर्बाद किया जाए.... #मन #आज़ाद #बर्बाद #दरिंदे #सरहदें #ज़मीन
Subhasish Pradhan
दरिंदों को उम्र का क्या मालूम क्या लिहाज होगा जनाब वो तो जिस्म से ज्यादा रूह को नोच खाते हैं ।। #कमीज#टॉफी#दरिंदे#Yqdidi#yqhindi #YourQuoteAndMine Collaborating with Anil Ameta जी Superb yr lines.... Reality
Gumnam Shayar Mahboob
मौका मिलते ही जिस्म नोच लेते हैं दरिंदे ये बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई है दिन-रात रहता है परेशान वो बाप जिसकी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है #मौका #जिस्म #दरिंदे #समस्या #बड़ी #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob
jyoti rashmi ntl
#FourLinePoetry दरवाजे जो बन्द करवा दिये तुमने, बॉंध रखा है उन बेड़ियों में, सुनसान कर हमारी हर राह को, उलझा के जिन दरिन्दो ने। ©jyoti rashmi ntl #fourlinepoetry #contestnojoto #लड़की #दरिंदे #बेड़ियॉं #7 August 2021 at 4:42 pm
Diwan G
खिलवाड़ हुआ किसी की इज्जत से, फिर कानून की धज्जियाँ भी उड़ाईं। कानून इतना अपंग सा नजर आया, न्याय के लिए तारीख पे तारीख पाई। इंसाफ के लिए एक माँ लड़ती रही, गुनाहगारों ने जेल में भी मौज उड़ाई। दरिंदगी की हद पार की थी दरिंदों ने, पर सजा बहुत ही इत्मिनान से पाई। बेशक बड़ी देर हुई इंसाफ मिलने में, चलो आँखिर में सजा मुकम्मल पाई। इंसाफ का तराजू... #NirbhayaJustice #कानून #दरिंदे #न्याय #हद #सजा #देर #अंधेर #गुनाहगार #nojoto
Sona Uniyal
Shakib Ahmad "RahiL"
#औरत हूँ मैं हमेशा दबायी गई हूँ # कभी दीवारों में चुनवाई गई हूँ , कभी हीरों में तुलवाई गई हूँ | मैं औरत थी मर्दों के बराबर कब थी , सो मलिका कह के बुलवाई गई हूँ | मिरे जिस्म का था हर बार तक़ाज़ा, मैं हर एक कदम पे बहकाई गई हूँ| मुक़द्दस हैं सभी रिश्ते जो मेरे, तो क्यूँ बाज़ार में लाई गई हूँ ? मिरी हर सोच पर पहरे लगे हैं , कहाँ ज़ी-अक़्ल कहलाई गई हूँ| बना कर आइना 'शाकिब', मुझको निशाना पत्थर का ठहराई गई हूँ||| ©शाकिब अहमद "राहिल" #औरत #बेबसी #दरिंदे pooja negi# Ritika suryavanshi puja jodhpur Saleha ashfaq शेखर सिंह आजमगढ़ी
संजय श्रीवास्तव
पैदा किया जिसने, वो कोख भी शर्मिंदा है #दामिनी को फिर, वहशी ने किया जिंदा है ये #दरिंदे हमारे बीच, अचानक बनते नही शामिल इसमें, इस मुल्क का हरेक बंदा है #शिकायत करे किससे, नामर्दों की बस्ती में सच कह नही सकता, जो झूठ का पुलिंदा है ये #अंधा कानून ही, तो हौसले बढ़ा देता है कपड़े पहन कर यहां, इंसान हुआ नंगा है बांटते है #सीख, और मोमबत्ती जलाते हैं लाश पर सियासत, करना ही इनका धंधा है संजय श्रीवास्तव दामिनी