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kumaarkikalamse
जीने के लिए कुछ खास बचा रक्खा है, मैंने अपने अंदर सब्र का मकां रक्खा है!! तकलीफ़-ओ-ग़म आते है, मैं टूटता नहीं, खुद को मैंने, लौह सा बना रक्खा है! करते हैं अपने ही साज़िश मेरे खिलाफ़, मैंने हर एक का गुनाह कर जमा रक्खा है! इम्तिहान ना जाने कितने लेता है वो भी, परीक्षा में अव्वल दर्ज़ा मैंने पा रक्खा है! इब्तिला बहुत है 'कुमार' पर रोना किसका, इख्लास - ओ - इद्राक को सजा रक्खा है! #kumaarsthought #kumaarpoem #रक्खा #सब्र #इन्तहा पहले दो मिसरे मेरी कलम से लिखे हुए बहुत पहले उन्हीं को आगे बढ़ाया है। ~ इब्तिला= दुर्भाग्य, कष्ट - Unfortunate, Pain ~ इख्लास= सच्चाई, निष्ठता - Truth, Dedication ~इद्राक= समझ बूझ - Understanding
जीtendra
उन से बात करें तो कैसे, ख़ुद का पता छिपा रक्खा है... #पता #छिपा #रक्खा
kapil dev sahu
इश्क़ ने जीना दुश्वार कर रक्खा है हर आशिक़ को इसने बीमार कर रक्खा है लफ़्ज़ों को कौन पूछे है जनाब यहां तो नैनों के जरिए इजहार कर रक्खा है आशिकों की टोली में जाना ना कभी इन्होंने अपना सारा जीवन यार पे इख़्तियार कर रक्खा है जो डूबा 'sunny' इश्क़ दरिया में तो पता चला आशिकों ने यार में रब का दीदार कर रक्खा है।।😍
Karan Sahar
तमाम रात को अपना बना के रक्खा है, हवा ने आग को मोहरा बना के रक्खा है तुझे भी खेल में घुसने नहीं दिया होगा, मुझे भी खेल में सिक्का बना के रक्खा है तुम्हारे प्रश्न के सीधे जवाब कैसे दूँ, तुम्हीं ने देर से मुर्गा बना के रक्खा है #shayari #ghazal #poem #hindi #kavita #motivational
Vikash Singh parmar
मौसमों का ख़याल रक्खा करो कुछ लहू में उबाल रक्खा करो जाने कब सच का सामना हो जाए कोई रास्ता निकाल रक्खा करो #राहतइंदौरी ❤️
Abhijeet Yadav
खत में मैंने लिखा कि इक राज़ छुपाकर रक्खा है तुम बोलो... तो कह दूँ, जो जज़्बात छुपाकर रक्खा है फिर ये न कहना क़ि, बात अधूरी रह गयी इन सूखे पड़े अधरों की प्यास अधूरी रह गयी क़ि, है इश्क़ इस दिल को तुमसे ही ये बात छुपाकर रक्खा है हाँ, इक राज़ छुपाकर रक्खा है inner voice #silence #speak #nojoto #poetry
Pranav Parashar
जिस शख्स को तूने ख़ुदा बना के रक्खा है ख़ुदा ने उसको बेवफा बना के रक्खा है चंद सिक्कों के लिए मेहबूब बदल लेती है उसने मोहब्बत को धंधा बना के रक्खा है वो पत्थर है दिल तोड़ना ही काम है उसका तूने क्यु दिल को शीशा बना के रक्खा है ~ प्रणव पाराशर
Pranav Parashar
जिस शख्स को तूने ख़ुदा बना के रक्खा है ख़ुदा ने उसको बेवफा बना के रक्खा है ~ प्रणव पाराशर
Pranav Parashar
जिस शख्स तो तूने ख़ुदा बना के रक्खा है ख़ुदा ने उसको बेवफा बना के रक्खा है ~ प्रणव पाराशर
Writer Hitesh Maurya
नजरे दीदार को तरसती है तो क्या हुआ आज भी तेरा चेहरा निगाहो मे , छुपा रक्खा है मैने,, वो मुझे पराया समझती है तो क्या हुआ आज भी गुलाब किताबो मे, दबा रक्खा है मैने Er Puspak Raj RAAZ DHEERAJ SHARMA✍️✍️❤️ my heartbeat