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ATUL_NISHABD
चलो वहां चले जहां तुम और मैं हों, गीत गाते झरने हों, गुस्से में गरजते बादल हों, प्रेम में झुके पहाड़ हो, खूबसूरत नजारे हों चलो वहां चले जहां तुम और में हों हमको बुलाते रास्ते हों, जहां प्रेम की सौगात हों खिलते रंग बिरंगे फूल हों, जहां खुला आसमान हों, सूरज आके हमें जगाए, चांद लोरी सुनाकर सुलाए, चलो वहां चले जहां तुम और मैं हों फिर हम तुम भी फूलों से महकते हों, इस दुनियां से कहीं दूर, प्रकृति के हम तुम करीब हों इस द्वेष, ईर्ष्या, हीनता से दूर हों ऐ, चलो ना वहां चले जहां हम तुम हों।। ©ATUL_NISHABD #UskeSaath #चलो #वहां #चले #जहां #तुम #और #मैं #हों
Dr Manju Juneja
तू यहाँ भी, तू वहाँ भी ,तू कहाँ कहाँ है जिंदगी सोचा नही था, होती है जहर जिंदगी। "मौत" इतने करीब ले आई जरा ठहर जिंदगी ... कभी खुशी तो कभी गम है जिंदगी , मिला क्या? तुझको ख़ाक में मिला के जिंदगी ... और जितना रुला सकती है रुला जिंदगी। #jindgi #जहर #यहां #वहां #मौत #Life #जज़्बात #अल्फाज #अहसास #nojotohindi
अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'
भंवर कैसा था वो गहरा, फंस गया कैसे वहां? अब निकलना है वहां से, फिर मुझे संभव कहां? दल-दल भी गहरा अब तो मुझको रास है आने लगा, क्योंकि उनका साथ ही तो, अब मेरा सारा जहां। अरुण शुक्ल "अर्जुन" प्रयागराज नरपत कुमार kashi sing Aayush shastri ji Dr. Vivek Bindra Official 🌐 S. Paswan anddy dubey
नरपत कुमार kashi sing Aayush shastri ji Dr. Vivek Bindra Official 🌐 S. Paswan anddy dubey
read morePoetry with Avdhesh Kanojia
मेरी दृष्टि ✍️अवधेश कनौजिया© #मेरी_दृष्टि ............ शोशल मीडिया पर विजया दशमी आते आते प्रतिवर्ष एक आधारहीन शरारती तत्वों द्वारा रचित एक सन्देश बहुत प्रसारित होता है। जिसमें मृत्यु शैय्या पड़ा रावण उनसे कहा है कि *वह उनसे वर्ण में बड़ा है। *आयु में बड़ा है। *उसका कुटुम्ब श्रीराम के कुटुम्ब से बड़ा है। *वह उनसे अधिक वैभवशाली है।
#मेरी_दृष्टि ............ शोशल मीडिया पर विजया दशमी आते आते प्रतिवर्ष एक आधारहीन शरारती तत्वों द्वारा रचित एक सन्देश बहुत प्रसारित होता है। जिसमें मृत्यु शैय्या पड़ा रावण उनसे कहा है कि *वह उनसे वर्ण में बड़ा है। *आयु में बड़ा है। *उसका कुटुम्ब श्रीराम के कुटुम्ब से बड़ा है। *वह उनसे अधिक वैभवशाली है।
read moreशायर शादाब कमाल
ग़ज़ल --- कहीं चराग़ की सूरत कहीं धुवां हूं मैं मुझे पता ही नहीं है कहां-कहां हूं मैं वो जाने क्यूं मिरे दिल के क़रीब रहता है न हम ख़याल हूं उसका न हम ज़ुबां हूं मैं मिरे सुख़न की ये लज़्ज़त है और मक़सद भी वहीं पे प्यार लुटाऊं जहां-जहां हूं मैं मिरे बदन पे सितारे हैं, चांद, सूरज भी मुझे ये लगता है जैसे कि आसमां हूं मैं मेरा वजूद है क़ायम तिरे वजूद के साथ जहां-जहां है तू दुनिया वहां-वहां हूं में ।। -------- #अपनी जिन्दगी में गुम Nitu Sharma Pooja Laxmi Kumari Pushpa Lata Bharti Subita Maity
#अपनी जिन्दगी में गुम Nitu Sharma Pooja Laxmi Kumari Pushpa Lata Bharti Subita Maity
read moreGaurav (JL)
DeenDayalUpadhyay, यहाँ भारत में बहुत कुछ नया हो रहा है पंडित जी रविवार अमेरिका में howdy modi प्रोग्राम से सभी ने हिंदुस्तान को उभरते देखा कश्मीर से 370 की धारा हट गयी देश अच्छे विचार और अच्छी सरकार से चल रहा है यहां की चिंता मत कीजिए वहां पर आए आप ही की पार्टी के अटल जी सुषमा और अरुण जेटली जी का ध्यान दीजिए वे लोग वहां पर नए हैं। #DeenDayalUpadhyay रामाश्रित 'निर्मेय' रोहित तिवारी Ravindra Kumar Esha Joshi
#DeenDayalUpadhyay रामाश्रित 'निर्मेय' रोहित तिवारी Ravindra Kumar Esha Joshi
read moreUmesh Kushwaha
"प्यार आज भी उससे है" प्यार में होना और प्यार से उबरना दो अलग अलग बात है। प्यार में होना यानी अमूर्त हो जाना। फिर आप कहीं इतना खो जाते है, जैसे बारिश की पहली बूंदे मिट्टी पर पड़ती हो तो वो सोंधी सोंधी खुशबू आपके मन को पूरी तरह मोह लेती है या धीरे धीरे आप इसके वस में हो जाते हैं,आप मोहित हो जाते है। उस मिट्टी की आवो हवा में आप जीने लगते है,फिर वही रोज़ की आदत में शुमार हो जाता है।आप चाह कर भी उस गोलाई की परिध से बाहर नहीं आ सकते,फिर आपकी दिनचर्या इस कदर जकड़ जाती है कि जब तक आप उस सौंधी सौंधी खुशबू को मस्तिष्क में उतार न ले तब तक आप खुश नहीं रह सकते,फिर क्या ये धीरे धीरे आपकी आदत आपका स्वभाव बन जाती है। जब कोई चीज़ आपके स्वभाव में आ जाए तो उसे बदलना कठिन होता है लेकिन ये और भी भयावह हो जाता जब धीरे धीरे इसकी कद्र कम होने लगती है। फिर क्या झल्लाहट और अकेलापन इस कदर हावी हो जाता है कि आप हर समय खाली खाली महसूस करने लगते हैं। नीरस और बेमन होकर जीना जैसे अंश और हर का कायदा हो,फिर आप उस अंश के ही होकर रह जाते हैं यानी हर चीज के आदी जैसे वो रास्ते,बाजार घूमना - फिरना यहां - वहां आना - जाना।यहां तक कि वहां की हवा भी आप के जहन में बस जाती है, जो कि प्राणवायु है। फ़िर आप इससे उबर नहीं सकते अंत तक चाहे कितना भी धैर्य रख लीजिए क्यूंकि वो वायु प्रणय बनकर आपके दिलोदिमाग से लेकर पूरे शरीर में वास कर रही होती है। जब वो अंश आपसे अलग होता है, वो तो यही सोचता है कि वो पूरी तरह अलग हो गया है लेकिन ये सिर्फ उसके ही परिपेछ्या से दृष्टागत है। वो कहीं अलग किसी और के साथ खुश है लेकिन आप उस साथ को इतना जी चुके होते हैं की वो फिर आपको नहीं छोड़ता जो की हर समय आपके साथ होता है और नहीं भी, यही बात सबसे ज्यादा तकलीफ देय होती है। वो सारे मंजर फिर याद आते हैं, वो सड़के जहां हम साथ चले थे,वो कचौरी का ठेला फिर पानी पूरी की बात" भैया दही वाली ही देना" और वहीं पास वाली आइस्क्रीम की दुकान से हर बार तुम जिद करके सिर्फ एक ही आइसक्रीम लिया करते थे,और फिर धीरे धीरे पार्क पहुंच जाते थे।फिर क्या तुम बोलती और मैं सुनता था। इतना ही नहीं हर रोज़ तुम्हारे ऑफिस से घर तक छोड़ना, पर हां वो हाईवे वाला पुल जहन में बना ही रहता है, जब तुमने अचानक बाइक रोकने को कहा था और हम कुछ देर रुके थे । तब पहलीवार तुमने हमें "किस" किया था,जो आज भी वो पुल वाला किस याद है जिसे भूलाया नही जा सकता। हर वो चीज याद है जो हम साथ में जिये हैं,वो गली - वो मोहल्ले! एक एक पल जो हम बातें करते थे और हां वो रेलवे का ओवरब्रिज कैसे भूल सकता हूं मै वहीं पर तो झगड़ा हुआ था हमारा, तुम उस दिन गुस्से में थी। फिर हमारी कई दिनों तक बात नहीं हुई और न ही मिलना जुलना। उस दिन बहुत कोशिश की थी तुमको समझाने की लेकिन तुमने अकेले ही फैसला कर लिया था। तुम्हारे लिए तो आसान था पर शायद आज तक मैं उन चीजों से उबर नहीं पाया हूं,खोजता रहता हूं मै तुम्हे ही उन्ही रास्तों में जहां जहां हम साथ चले थे। पर अब वो गलियां हमें चुभती हैं हवाओं में भी एक अजीब सी चुभन है जो गले ही नही उतरती। लेकिन तब भी उन सारी जगहों को एक बार फिर देख लेना चाहता हूं,मानो मै तुम्हे महसूस के रहा होता हूं जब उन सारी जगहों से गुजर रहा होता हूं चाहे वो तुम्हारे घर की पास वाली गली हो या रेलवे फाटक के खुलने का वो दो मिनट का इंतजार पर आज भी लगता है कि तुम उस पार से कहीं मुझे निहार रही होगी और दौड़कर फिर मेरे पास आना चाहती होगी लेकिन फिर मैं मौन हो जाता हूं तुम्हे खोकर,क्यूंकि मै जीना चाहता था तुम्हारे साथ,जब तुम साथ होती थी तो अच्छा लगता था लेकिन शायद अब तुम्हे मंजूर नहीं था मेरे साथ रहना , वो प्रश्न आज भी मेरे अंदर कहीं उस उत्तर को खोजना चाहता है जिसका जवाब सिर्फ तुम हो। मै तुम्हे ढूडना चाहता हूं फिर वही उसी पार्क में की तुम आओगी उसी मेज पर जहां हम साथ बैठा करते थे,आज भी मैं रोज उसी मेज़ पर जाकर अकेले बैठता हूं इसी उम्मीद में कि एक दिन तुम जरूर आओगी। अब तो दिल की धड़कने और तेज़ होने लगी थी क्यूंकि मेरे जाने का यानी इस शहर को छोड़ने का समय कुछ ही दिन और बचा था। उस शहर को छोड़ने से पहले मैं हर एक चीज को समेट लेना चाहता था,हर वो लम्हा जी लेना चाहता अब अकेले ही जैसे तुम्हारे साथ जिया था। तुम्हारे न होने का दुख तो था वो अकेलापन लेकिन तुम मुझमें हर वक्त होती थी ऐसा लगता था कि तुम मेरे साथ चल रही हो,कुछ कह रही हो और मैं सुनता जा रहा हूं आज भी उसी तरह पूरी तनमयता से। कुछ भी हो ये शहर तो अब जहन में बस गया है वो भी सिर्फ तुम्हारे लिए जिसे अब भूलाया नहीं जा सकता। इश शहर ने हमें बहुत कुछ दिया और बहुत कुछ सिखाया भी है। अब यहां खोने को कुछ बचा भी नहीं था क्यूंकि आप यहां अपना दिल हार चुके है और उससे बेहद कीमती कुछ हो भी नहीं सकता। इस शहर ने प्रेम करना सिखाया, प्यार में होना सिखाया लेकिन प्यार से उबरना नहीं सिखा पाया जिसकी टीस आज भी चुभ रही है जो शायद अब जीवन पर्यंत रहे क्यूंकि जब कोई प्यार में होता है तो वो फुल स्विंग के साथ पूरी ईमानदारी और लगन से होता है और फिर जब कोई बीच में ही छोड़ के चला जाए तो फिर बहुत दुखता है इसीलिए कहता हूं प्यार में होना और प्यार से उबरना दो अलग - अलग बात है। प्यार आज भी उससे है।
प्यार आज भी उससे है।
read moreEr.Shivampandit
©बेचैन..✍️ #श्मशान_अंत_नहीं_जीवन_की_शुरुआत_है #धरती_पर_शायद_ही_इससे_पवित्र_कोई_औऱ_स्थान_हैं | ©बेचैन..✍️ श्मशान की रात.. कैसी होती होगी श्मशान की रात जहां रोज़ जल जाते होंगे ना जाने कितने ख्याब जहां ठाठ से सब लेटकर जाते होंगे जहां लोग मातम कम वक्त ज्यादा देखते होंगे जहां माटी की कीमत इंसा से ज्यादा होती होगी
©बेचैन..✍️ श्मशान की रात.. कैसी होती होगी श्मशान की रात जहां रोज़ जल जाते होंगे ना जाने कितने ख्याब जहां ठाठ से सब लेटकर जाते होंगे जहां लोग मातम कम वक्त ज्यादा देखते होंगे जहां माटी की कीमत इंसा से ज्यादा होती होगी
read moreNisha Sharma (Patil)
Tears come in every eyes, भगवान सिर्फ वहां नहीं है जहां हम प्राथना करते है, बल्कि भगवान वहां भी है जहां हम पाप करते है. भगवान
भगवान
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