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BRIJESH KUMAR

वो झुमके कितनें प्यारे थे... जैसे कानों पे लगते सितारे थे.... जब भी खुशी में झुमती थी... लटकनें उसके गालों को चुमती थी....

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#OpenPoetry वो झुमके कितनें प्यारे थे...

जैसे कानों पे लगते सितारे थे....


जब भी खुशी में झुमती थी...

लटकनें उसके गालों को चुमती थी....


बैरन बड़ी वो चूड़ी थी...

बिन उसके, मुझे लगती वो अधूरी थी.....


 जैसे छुई -मुई सा -पल्लव हो

     ऐसे -वो-शर्माती थी.....


नैनों से अक्सर मुझे ,

उसके बड़ी शिकायत होती थी.....


मेरे लाख गुज़ारिश करने पे

जब आँखों में काजल लगाती थी......


काजल लगते ही आँखों में वो मेरा चाँद

पूरा हो जाता था.....


 गौर से झाँकता उसकी आँखो में

चक्छुओ में जब प्रतिबिंब बस मेरा नजर आता था.....


अजब अदा थी,उसकी ईठलाती और बलखाती थी

बात -बात पे घूँट -घूँट वो पानी मुझे,

पिलाती थी.....


साँस ले के थम जाता दिल वहीं पलभर में

जब दाँतों में दबा क्लिप को अपने

वो स्वतंत्र #जुड़ा बनाती थी

ओह.........

      सच री.... सखी.....वो दिन कितनें प्यारे थे

जब सजनी संग हमारे थे


बिरह कि आग लगी है, ह्रदय में ,

प्रीत में लिपट के तन, मन, दिल

जल रहा है ,धधक -धधक


फूँक दिया है, जमाने के 150 लोगों ने

कर दिया #ब्रजेश को अलग -थलक


सच्च वो  दिन  कितनें प्यारे थे

जब झुमके कानों से होकर,गुजरते हुए

गालों से लगे तुम्हारे थे......

 😊😊😊😊😊
#एक #छोटी-#सी #कोशिश

✒.ब्रजेश कुमार वो झुमके कितनें प्यारे थे...

जैसे कानों पे लगते सितारे थे....


जब भी खुशी में झुमती थी...

लटकनें उसके गालों को चुमती थी....

Brijendra Dubey 'Bawra,

है अपने सीने की आग में वो धधक कि अदना से काठ को भस्म बना दे! वो नादान सोचता रहा कि मुझे जला कर खाक कर देगा!! ©बृजेन्द्र 'बावरा' #bawraspoetry Hindi #nojotoshairy #आग #धधक #अदना #काठ #भस्म #नादान #खाक Satyaprem Internet Jockey Dr Ashish_Vats Supriya Pandey Priya Neet Shukla

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है अपने सीने की आग में वो धधक
कि अदना से काठ को भस्म बना दे!
वो नादान सोचता रहा
कि मुझे जला कर खाक कर देगा!!
             ©बृजेन्द्र 'बावरा' #NojotoQuote है अपने सीने की आग में वो धधक
कि अदना से काठ को भस्म बना दे!
वो नादान सोचता रहा
कि मुझे जला कर खाक कर देगा!!
             ©बृजेन्द्र 'बावरा'
#bawraspoetry #NojotoHindi #NojotoShairy #आग #धधक #अदना #काठ #भस्म #नादान #खाक Satyaprem Internet Jockey Dr Ashish_Vats Supriya Pandey Priya Neet Shukla

Brijendra Dubey 'Bawra,

#पुलवामा का बदला तेरी इस कायर हरकत पर हर दया-धर्म अनुचित होगा इस जघन्य-अक्षम्य अपराध से तो साधुभाव भी कुंठित होगा! लाखों दिल की प्रतिशोधी ज्वालायें धधक-धधक लहरायेंगी पाक तेरी नापाक हरकतें तुझे कण-कण राख बनायेंगी!! Satyaprem Internet Jockey Madhavi Choudhary Dr Ashish_Vats Manoj Kumar #bawraspoetry #PulwamaAttack Hindi

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तेरी इस कायर हरकत पर हर दया-धर्म अनुचित होगा
इस जघन्य-अक्षम्य अपराध से तो साधुभाव भी कुंठित होगा!
लाखों दिल की प्रतिशोधी ज्वालायें धधक-धधक लहरायेंगी
पाक तेरी नापाक हरकतें तुझे कण-कण राख बनायेंगी!!
                              ©बृजेन्द्र 'बावरा' #NojotoQuote #पुलवामा का बदला
तेरी इस कायर हरकत पर हर दया-धर्म अनुचित होगा
इस जघन्य-अक्षम्य अपराध से तो साधुभाव भी कुंठित होगा!
लाखों दिल की प्रतिशोधी ज्वालायें धधक-धधक लहरायेंगी
पाक तेरी नापाक हरकतें तुझे कण-कण राख बनायेंगी!! Satyaprem Internet Jockey Madhavi Choudhary Dr Ashish_Vats Manoj Kumar 
#bawraspoetry #pulwamaattack #NojotoHindi

Parul Sharma

बिखर रहा है कण-कण में तिरंगे का रंग महक रही है साँसों में माटी की सुगंध धड़क रही है दिलों में देश प्रेम की उमंग वर्ग वर्ण जाती धर्म हम सब हैं एक संग धधक रही है रग-रग में कुर्बानी की जंग पारुल शर्मा #बिखर#कण#तिरंगा#रंग#महक#साँसें#माटी#सुगंध#धड़क#दिल#देश#प्रेम#उमंग#वर्ग#वर्ण#जाती#धर्म#सब#संग#धधक#रग#कुर्बानी#जंग #2liner #nojotohindinojotos#nojotoofficial#Hindi#Shayari#hindipoetry#Poetry#sher#हिन्दीकविता#शेर#शायरी#कविता#रचना#h#kavishala#hindipoet#TST#kalakash#Faiziqbalsay#Motivation#

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बिखर रहा है कण-कण में तिरंगे का रंग
महक रही है साँसों में माटी की सुगंध 
धड़क रही है दिलों में देश प्रेम की उमंग 
वर्ग वर्ण जाती धर्म हम सब हैं एक संग
धधक रही है रग-रग में कुर्बानी की जंग
पारुल शर्मा #gif बिखर रहा है कण-कण में तिरंगे का रंग
महक रही है साँसों में माटी की सुगंध 
धड़क रही है दिलों में देश प्रेम की उमंग 
वर्ग वर्ण जाती धर्म हम सब हैं एक संग
धधक रही है रग-रग में कुर्बानी की जंग
पारुल शर्मा 
#बिखर#कण#तिरंगा#रंग#महक#साँसें#माटी#सुगंध#धड़क#दिल#देश#प्रेम#उमंग#वर्ग#वर्ण#जाती#धर्म#सब#संग#धधक#रग#कुर्बानी#जंग #2liner
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Choubey_Jii

धधक धधक कर जल उठी ज्ञान की ये पोथियाँ
अनपढ़ सजाए बैठे हैं इन पर जुल्मों की कोठियाँ

दिल जला, आंचल जला, राख हुई माँ की लोरियां
माँ भारती सहम गई, देख बिखरी हुई ये धज्जियां

सुना विकास के आड़े आईं थीं गरीबो की कुछ बस्तियाँ
चूल्हा जलाने घर आए और राख कर गए वो झुग्गियां

अब आतंकी राग बजेगा राजनीति का मंडप सजेगा
कोई हिन्दू को दोष देगा कोई मुस्लिम पर दाग मढ़ेगा

चारसूं मशहूर होगी तबाही और तबाही का ये मंजर
फिर लोग फिरेंगे लेकर हाथों में तलवारें और खंजर

अभी तो जिस्म जला है आबरू भी उतारी जाएगी
रूको रूको अभी तो इस पर राजनीति खेली जाएगी

#चौबेजी #चौबेजी #नज़्म #नोजोटो #nojotohindi #nojoto #poem

BRIJESH KUMAR

वो झुमके कितनें प्यारे थे... जैसे कानों पे लगते सितारे थे.... जब भी खुशी में झुमती थी... लटकनें उसके गालों को चुमती थी.... बैरन बड़ी वो चूड़ी थी... बिन उसके, मुझे लगती वो अधूरी थी.....

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 वो झुमके कितनें प्यारे थे...
जैसे कानों पे लगते सितारे थे....

जब भी खुशी में झुमती थी...
लटकनें उसके गालों को चुमती थी....

बैरन बड़ी वो चूड़ी थी...
बिन उसके, मुझे लगती वो अधूरी थी.....

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