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Best हवेली Shayari, Status, Quotes, Stories

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Sumit R Das

आगे बढने की होर मे‌‌ लोग सब कुछ कर रहे है
किराये के घरवाले भी आज हवेली पर बुला रहे है #hindi #random #yqdidi #thoughts #हवेली

जीtendra

महसूस किया है...
तुमने किसी
सुनसान पड़ी हवेली का
सन्नाटा
जो अब खंडहर में
बदल चुकी है
ठीक वैसा ही है अब जीवन मेरा

महसूस की है...
तुमने किसी
रेगिस्तान की वीरानगी को
आकर सुनना तुम
मेरे दिल में
फैले वीराने को
तुम्हें महसूस हो जाएगी
किसी रेगिस्तान की
वीरानगी की हद... #रेगिस्तान #हवेली #खंडहर #जीवन #वीरानगी #सन्नाटा #वीरान

अंजान

बड़े सुकून से मुझे नींद आती है साहब़!
तेरी हवेली से मेरा कच्चा मकान अच्छा है!!

©अंजान #DarkCity 
#हवेली #कच्चा_मकान

Nasamajh

कभी तो चाँद आसमां से उतरे और आम हों जाए ,
तेरे नाम की एक ख़ूबसूरत शाम हों जाए..!!

अजब़ हालत में दिल का सौदा हों जाए ,
मुहब्बत की हवेली की तरह नीलम हो जाए..!!

मैं खुद भी तुझसे मिलने की कोशिश नहीं करूँगा ,
क्योंकि , नहीं चाहता कोई मेरे लिए बदनाम हों जाए..!!

उजालें अपनी यादों के मेरे साथ रहने दों ,
जाने किस गली में जिंदगी की शाम हों जाए ।। #शाम #मोहब्बत_का_सफ़र #यादें #हवेली #चाँद

Vibha Katare

विष्णु खरे हिंदी के महत्वपूर्ण कवि, आलोचक और अनुवादक थे। 9 फरवरी 1940 को जन्मे विष्णु खरे का जीवन पत्रकारिता और साहित्य सृजन को समर्पित रहा। साहित्य अकादमी में उपसचिव के पद पर रहे। लेकिन इन सब में से वे कवि रूप में सर्वाधिक प्रसिद्ध हुए। आधुनिक हिंदी कविता में शमशेर, मुक्तिबोध, रघुवीर सहाय, केदारनाथ सिंह आदि कवियों के बाद अपने समय के सब से महत्त्वपूर्ण कवियों में से एक हैं। अनुवादक होने के नाते हिंदी के साथ साथ पश्चिमी भाषा के साहित्य पर भी उन की गहरी नज़र थी। 'हम चीख़ते क्यों नहीं ' जर्मन कवियों #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #कल्पना #हवेली #लालटेनजलाना #रातकासफ़र

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काली अंधेरी रात का सफर,
शहर से दूर वियाबान
जंगल के बीच से जाती सड़क,
तेज आंधी और तूफान,
अचानक बिगड़ गई मेरी कार,
अब, मैं , मेरी कार, तेज बारिश , घना जंगल
और ऊदबिलावों की आवाज़..
कुछ कदम जब मैं चली,
आगे एक पुरानी हवेली दिखी..
हवेली से किसी के कदमों की आवाज़ आना,
कम्बल में खुद को लपेटे 
उस परछाईं का मेरी तरफ आना,
फिर अपने काँपते बूढ़े हाथों से
लालटेन जलाना..

उफ़ !! ये ख़ौफ़नाक कल्पनाएँ..
अब मेरे कमरे की खिड़की से सटी
अधबनी इमारत में 
भूत दिखना ही बाकी है मुझे। विष्णु खरे हिंदी के महत्वपूर्ण कवि, आलोचक और अनुवादक थे। 9 फरवरी 1940 को जन्मे विष्णु खरे का जीवन पत्रकारिता और साहित्य सृजन को समर्पित रहा। साहित्य अकादमी में उपसचिव के पद पर रहे। लेकिन इन सब में से वे कवि रूप में सर्वाधिक प्रसिद्ध हुए।

आधुनिक हिंदी कविता में शमशेर, मुक्तिबोध, रघुवीर सहाय, केदारनाथ सिंह आदि कवियों के बाद अपने समय के सब से महत्त्वपूर्ण कवियों में से एक हैं। अनुवादक होने के नाते हिंदी के साथ साथ पश्चिमी भाषा के साहित्य पर भी उन की गहरी नज़र थी। 'हम चीख़ते क्यों नहीं ' जर्मन कवियों

Amit Saini

#हवेली Satyaprem Internet Jockey Mukesh Poonia Sandip rohilla Mahendra Joshi

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Shailendra Lunia

तुम हो नई नवेली 
आ जाओ मेरी हवेली

©Shailendra Lunia #नवेली #हवेली

Anita Najrubhai

विरान  हवेली में  
रहेते है  
 जहाँ कोई जाता नहीं है 
घुंघरू की आवाज़ आना आती हैं 
चमगादड़  उडती है
सांप बिच्छु  चलते हैं 
ऐसे विरान हवेली में   किसी इन्सान की 
रूह  भटकती है

©Anita Najrubhai #हवेली

Hritik Gupta

आओं कभी हवेली पर
तेरा इंतज़ार करेंगे
भरी महफ़िल में
अपने दिल कि बात
इजहार करेंगे

©Hritik Gupta #आओ #कभी #हवेली 

#voting

Thakur_shaan_official

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