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Best जन्मभूमि Shayari, Status, Quotes, Stories

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Divyanshu Pathak

श्रीराम के द्वारा जब रावण को मार दिया गया तो विभीषण ने आग्रह किया कि प्रभु आप ही लंका का राज्य सम्हालिये । राम बोले विभीषण जी अभी मुझे पितृ ऋण चुकाने हेतु अयोध्या जाना होगा कर पाएं तो आप लक्ष्मण से पूछिए । तब विभीषण जी ने लक्ष्मण से पूछा तो उन्होंने जबाब दिया कि------ 💠"आपकी लंका भले ही सौने की है किन्तु सास्त्र कहते हैं कि जन्म देने वाली माता और प्रथम धारण करने वाली भूमि तो स्वर्ग से भी बढ़कर होती है" ।💠 इसलिए मैं भी यह लंका स्वीकार नहीं कर सकता आप की माता और जन्मभूमि यही है इसलिए आप ही यहां पर

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अपि स्वर्णमयी लंकानमे लक्ष्मण रोचते !
जननी जन्म भूमस्य स्वर्गादपि गरीयसी !! श्रीराम के द्वारा जब रावण को मार दिया गया तो विभीषण ने आग्रह किया कि प्रभु आप ही लंका का राज्य सम्हालिये ।
राम बोले विभीषण जी अभी मुझे पितृ ऋण चुकाने हेतु अयोध्या जाना होगा कर पाएं तो आप लक्ष्मण से पूछिए ।
तब विभीषण जी ने लक्ष्मण से पूछा तो उन्होंने जबाब दिया कि------
💠"आपकी लंका भले ही सौने की है किन्तु सास्त्र कहते हैं कि जन्म देने वाली माता और प्रथम धारण करने वाली भूमि तो स्वर्ग से भी बढ़कर होती है" ।💠
इसलिए मैं भी यह लंका स्वीकार नहीं कर सकता आप की माता और जन्मभूमि यही है इसलिए आप ही यहां पर

DR. SANJU TRIPATHI

📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫प्रतिस्पर्धा में भाग लें "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ.. 🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों का प्रतियोगिता:-०४ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐 🥈आप सभी ८ से १० पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार किया जाएगा।

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जन्मभूमि हमारी हमको है, जान से भी ज्यादा प्यारी।
वीर सपूतों ने अपना लहू देकर, बनाई इसको हमारी।

पावन है कण-कण इसका, हुए राम कृष्ण अवतारी।
जन्मभूमि है अस्तित्व हमारा, यही पहचान है हमारी।

गंगा यमुना सी नदियां यहां पर, संगम की नगरी प्यारी।
ऋषि-मुनियों ने ज्ञान दिया, वेद पुराणों की भाषा न्यारी।

वसुदेव कुटुंबकम का पाठ पढ़ाती, सभ्यता हमको हमारी
स्वर्णिम है इसका इतिहास, अतिथियों के लिए सत्कारी।

भारत को माता गर्व से कहते, जननी जन्मभूमि है हमारी।
गौरव दुनियां में सबसे ऊंचा है, हरदम जाऊं मैं बलिहारी 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏

💫प्रतिस्पर्धा में भाग लें  "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ..

🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों  का  प्रतियोगिता:-०४ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐

🥈आप सभी ८ से १० पंक्तियों में अपनी रचना लिखें।  विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार  किया जाएगा।

Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫प्रतिस्पर्धा में भाग लें "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ.. 🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों का प्रतियोगिता:-०४ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐 🥈आप सभी ८ से १० पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार किया जाएगा।

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हृदय हर्षमय हो रहा, करुँ मैं  प्रदक्षिणा बारंबार,
नमन जन्मभूमि को, जहाँ अराध्य लिए अवतार।

ऐसी पावन पवित्र धरा को, अपना  शीश नवाऊँ,
कर तिलक रज मस्तक, शुद्ध होता निज विचार।

भारत भूमि है  जन्मभूमि, देवगणों का  घर-द्वार,
इस धरा का  स्पर्श मात्र से, हो शक्ति का संचार।

देव, गुरु,  महापुरुष,  वीर,  वीरांगना, सुक्तकार,
वेद पुराण की  जन्मभूमि, जाने  समस्त  संसार।

हृदय गौरवान्वित हो रहा, मैं व्यक्त  करुँ आभार,
निज जन्मभूमि को प्रणिपात, वंदन करुँ अपार। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏

💫प्रतिस्पर्धा में भाग लें  "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ..

🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों  का  प्रतियोगिता:-०४ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐

🥈आप सभी ८ से १० पंक्तियों में अपनी रचना लिखें।  विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार  किया जाएगा।

Anamika Nautiyal

हर मोड़ पर घंटियों की गूँज सुनाई देती है
और कोई नहीं यह मेरा पहाड़ मेरी जन्मभूमि है Pc:- social cite 

#पहाड़ी #जन्मभूमि #उत्तराखंड_देवभूमि #गढ़वालीगर्ल #अनाम #म्यारपहाड़

Rakesh frnds4ever

#धरती #धरा #वसुंधरा #जननी #जन्मभूमि पृथ्वी जिससे #मनुष्य उपजा आज खुद उसी की #हत्या करने लग रहा है और खुद को इंसान बताता है,,,,, #पृथ्वी #पृथ्वी_दिवस #EarthDay2021

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धरती धरा वसुंधरा  जननी जन्मभूमि पृथ्वी जिससे मनुष्य उपजा आज उसी की हत्या करने लग रहा है और खुद को इंसान बताता है


Rkysky frnds४ever
#Eathday२२ April #धरती #धरा #वसुंधरा #जननी #जन्मभूमि पृथ्वी जिससे #मनुष्य उपजा आज खुद उसी की #हत्या करने लग रहा है और खुद को इंसान बताता है,,,,,
#पृथ्वी 
#पृथ्वी_दिवस 
 #EarthDay2021

Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"

एक ख़त: तेरे नाम                  
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°             

तेरी गोद में मैं पली-बढ़ी,                                                                                                
चंदन सी पावन है तेरी जमी।                                                                                           
तेरी ख़ुशबू है जैसे सुमन कोई,                                                                                        
 तू है जन्मभूमि जननी मेरी...                                                                                           

                                               मेरे हर दुख-सुख की,
                                               सदा साथी-संगी रही।
                                                शरारतों-पिटाइयों की,
                                                 तू प्रत्यक्ष साक्षी रही...

                                                                        मेरी शान तू और                                
                                        स्वाभिमान रही।
                                           मेरा अस्तित्व और
                                          तू पहचान रही...

धूप और वर्षा झेल के भी,                                                                                            
हमारे लिए तू सदा ही रही तनी।                                                                                    
       तुझसे ही तो कई-कई डोली,                                                                                               
 कई-कई अर्थी सजके चली...                                                                                        
                                                                        
                                                   तू पितामह-मातामही रही 
                                           और मात-तात भी ।
                                                         नटखट सखी-मीत भी रही      
                                               और अनुजा-भ्रात भी...

                                             माना कि तेरे गोद में, 
                                        मैं अब हूँ ही नहीं।
                                                फिर भी प्रतिपल मुझमें,
                                                तेरी मौज़ूद कहीं...      

 मेरे मन आँगन में तेरे प्यारे आँगन की,                                                                                
 भव्य मंजुल तस्वीर है टंगी।                                                                                              
तेरा आँचल हरपल लहराता है यादों में,                                                                              
 और तेरी रोली माटी में "हृदय" रंगी...                                                                                  
-Rekha $harma "मंजुलाहृदय"

©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #Proud_uttarpradeshi #मगहर
#घर #जन्मभूमि #उत्तर_प्रदेशी

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