Find the Best सुनाने Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutबहरों को सुनाने के लिए, बहरों को सुनाने, दर्द भरी सुनाने वाली शायरी, रोमांटिक शायरी सुनाने वाली, शायरी सुनाने वाली,
Rakesh frnds4ever
White समझाने को ,,,,,,,,, सब लगे पड़े हैं समझता ,,,,,,,, ,,,,,,,,, कोई नहीं है सुनाने को ,,,,,,,,,,,,, सब उतावले हैं सुनने वाला ,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,,, कोई नहीं """"""कुछ तो लोग कहेंगें,,, लोगों का काम है कहना"""" ,,,,,,,इस झूठी दुनियादारी में मेरा अपना कोई भी है ना,,,,, ©Rakesh frnds4ever #समझाने को ,,,,,,,,, #सब लगे पड़े हैं #समझता ,,,,,,,, ,,,,,,,,, कोई नहीं है #सुनाने को ,,,,,,,,,,,,, सब उतावले हैं सुनने वाला ,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,,, कोई नहीं
Sneh Lata Pandey 'sneh'
जिन्हें न फिकर थी कभी आँसुओ की गमे दर्द उनको सुनाने चले थे। सुकूँ का ज़खीरा जहाँ हर तरफ़ हो उसी रास्ते को भुलाने चले थे। फ़ना जिसके दर पे हुईं ये मोहब्बत उन्हीं को कहानी सुनाने चले थे। जले थे हमेशा नज़र की आग से रस्मों को उन संग निभाने चले थे। ©Sneh Lata Pandey 'sneh' #achievement #सुनाने चले थे
#achievement #सुनाने चले थे
read moreSonam kuril
वो अक्सर ही अपनी मोहब्बत के किस्से सुनाने आता है | इश्क़ औरों से करता है , दुखड़ा मुझे सुनाने आता है , पर मुझे भी मालूम है मुझे उसकी चालाकियां , औरों का नाम लेकर वो मुझे सताने आता है , खुद कहने से डरता है , मैं कर दूँ इजहार इश्क़ का, बस इसलिए मुझे चिढ़ाने आता है, वो अक्सर ही अपनी मोहब्बत के किस्से सुनाने आता है |
पवन कश्यप
सुनाने लगूँ उसको तो जाने कितना वक़्त लगेगा सुनाने में...। आधी उम्र गुजर गई जनाब मेरी शायद जिस तक आने में...। जानता हूँ उसका आना ख्वाब भर है जो टूट जाएगा..। शायद ये आधी उम्र और गुजर जाएगी "पवन" उस से दूर जाने में..।
@Jara_saa_shayar
While Conversation When she said - और सुनाओ He said - अल्फाज बटोर रहा हूँ सुनाने को नये शब्द नहीं है मेरे पास आजमाने को ज़ब मिट जायेंगे ये फासले शब्दो के मुझसे तब खुदबखुद आ जायेंगे सुनाने को | - Shivam Dayma
अखण्डेश ओझा
रात की बात तुमको बतायें भी क्यों,जबकी ताने सुनाने का मन ही नहीं । अन्न गोदाम में और है भुखमरी,क्योंकि खाने खिलाने का मन ही नहीं। दर्द को है छिपाती हँसी होठ की, दास्तानें सुनाने का मन ही नहीं। बोलो कैसे निभे साथ मेरा तेरा,रुठने और मनाने का मन ही नहीं।
कवि मनोज कुमार मंजू
जब खेतों में नंगी काया पल पल तपती रहती है| आँगन में बैठे ख्वाबों के पंख उतिनती रहती है|| बेबस आँखों में बस केवल नीर समाया रहता है| तब कवि हृदय हुकूमत के प्रति आग उगलने लगता है|| नहीं प्रेम के मधुर मधुर मैं गीत सुनाने आया हूँ| वाणी की तीखी तीखी तलवार चलाने आया हूँ|| जब चूल्हे में सिमटी माया कड़वा धुआं निगलती है| फटे चीथड़ों में उलझी शर्मों से और पिघलती है|| रुखा सूखा खिला स्वयं जब अवला फांके करती है| लिखते लिखते कलम आंशुओं में फिर बहने लगती है|| नहीं चूड़ियों का मैं मीठा गान सुनाने आया हूँ| वाणी की तीखी तीखी तलवार चलाने आया हूँ|| जब बचपन के सम्मुख जिम्मेदारी आन उलझती है| गुड़ियों वाले हाथों में बरतन की राख चमकती है|| बस्ते वाले कांधे जब दुनिया का बोझ उठाते हैं| तब सरकारी फरमानों पर प्रश्न चिन्ह लग जाते हैं|| नहीं लोरियों की मीठी मैं तान सुनाने आया हूँ| वाणी की तीखी तीखी तलवार चलाने आया हूँ|| जब यौवन घनघोर निराशाओं में डूबा रहता है| दफ्तर के चक्कर दुनिया के ताने सहता रहता है|| कोई युवा बेवशी में जब राह भटकने लगता है| तब कवि हृदय हुकूमत के प्रति जहर उगलने लगता है|| नहीं हीर और राँझा की मैं गाथा गाने आया हूँ| वाणी की तीखी तीखी तलवार चलाने आया हूँ|| #manojkumarmanju #manju #hindipoems
#manojkumarmanju #Manju #hindipoems
read moreVivek
पत्थरों को दिल का हाल सुनाने चला हूं, रूठी हुई किस्तम को मनाने चला हूं। नाकाम हसरतों का जनाजा उठाये, मैं उससे वफा निभाने चला हूं। वो बेवफा न थी मैं बदनसीब था, ये बात जमाने को बताने चला हूं। सावन की घटाओं तुम कल उमडाना, आज मैं आंसू बहाने चला हूं। जहां बनाया था मैंने कल आशियाना, आज उस आशियाने को जलाने चला हूं। मेरी शायरी किसी का दिल न दुखा दे, इसलिए तन्हाई को अपनी बातें सुनाने चला हूं।। #poetry #pain #quotes #nojoto
Ajay Kumar Kushwaha
मौसम की कुछ सर्द हवायें हाल सुनाने आती हैं ख़ामोशी में लिपटी साँसें मेरी 'गीत' पुराने गाती हैं... सब कहते, तुम दूर बहुत हो अपने में मग़रूर बहुत हो... पर दुनिया वाले क्या जानें तुम अंदर में भरपूर बहुत हो... रोज़ वहीं आँखे मेरी, तुम्हें सिरहाने पाती हैं मौसम की कुछ सर्द हवायें हाल सुनाने आती हैं... #gif 'मौसम की कुछ सर्द हवायें' मौसम की कुछ सर्द हवायें हाल सुनाने आती हैं ख़ामोशी में लिपटी साँसें मेरी 'गीत' पुराने गाती हैं... सब कहते, तुम दूर बहुत हो अपने में मग़रूर बहुत हो... पर दुनिया वाले क्या जानें तुम अंदर में भरपूर बहुत हो... रोज़ वहीं आँखे मेरी, तुम्हें सिरहाने पाती हैं
'मौसम की कुछ सर्द हवायें' मौसम की कुछ सर्द हवायें हाल सुनाने आती हैं ख़ामोशी में लिपटी साँसें मेरी 'गीत' पुराने गाती हैं... सब कहते, तुम दूर बहुत हो अपने में मग़रूर बहुत हो... पर दुनिया वाले क्या जानें तुम अंदर में भरपूर बहुत हो... रोज़ वहीं आँखे मेरी, तुम्हें सिरहाने पाती हैं
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