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Best फाड़ Shayari, Status, Quotes, Stories

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#D

किसी ने कहा कि 
इतनी अच्छी lines लिख कर क्या करोगे ??
मैने कहा कुछ नही 
             #बस #लिख #के #फाड़  #दूँगा #likhkefaardunga

Vikas Kumar Chourasia

धर्म वो नहीं जिसमें ढोंग की परिभाषा हो धर्म वो है जिसमें सच्ची निष्ठा आशा हो ।।

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हे ईश्वर तेरे नाम पे, क्या ढोंग रचाया जाता है।
तरह-तरह के प्रपंच बेच,"हर धर्म में" पुण्य कमाया जाता है ।।
कुछ उदाहरण-
1. कौए को, पितरों का प्रतीक बताकर भोजन कराते हैं, खुद को कौआ जो बोल दे कोई तो आग बबूला हो जाते हैं।
2. प्रभु ही जीवन दाता है, मस्जिद चर्च में गला फाड़ फाड़ के चिल्लाया जाता है। फिर ईद बकरीद क्रिसमस को क्यों बेजुबां के खून से रंगा जाता है?
3. नवरात्र के नौ दिन ना बाल बनवायंगे, ना मदिरा माँस खायेंगे, ना जाने इन नौ दिनों के बाद कौन सा ईश्वर बेजुबां की हत्या की इजाजत दे जाता है?
4. ये सिर्फ ढोंग है हर धर्म का, देखोगे तो इसमें छुपी खुद की भूक, अय्याशी है। फिर भी हर धर्म के पंडित कहते हैं, हमारे धर्म में आज़ादी है। 
5. नहीं मानता ऐसे प्रभु को जो पाप करवा के खुश होते हैं, मैं तो मानू ऐसे प्रभु को जो सिर्फ आराधना से खुश होते हैं।
6. हकीकत में मनुष्य सिर्फ दिमागी बुखार में उलझा है,और खुद को कहता पढ़ा लिखा दिमागदार सुलझा है।
7. अगर कोई तुम पे वार करे तो निश्चित तुम प्रहार करो,
पर महज अपने पेट और अय्याशी के खातिर, बेजुबां पे ना अत्याचार करो। 
8. हर धर्म के ढोंगी पंडितों के द्वारा सबको दिमागी रूप से डराया जाता है, तुम ये नहीं करोगे तो ये होगा, वो नहीं करोगे तो वो होगा। अगर उसपे सच में यकीन है, तो यकीन मानों कुछ ना होगा। 
धर्म वो नहीं जिसमें ढोंग की परिभाषा हो
धर्म वो है जिसमें सच्ची निष्ठा आशा हो ।।
🍁विकास कुमार🍁 धर्म वो नहीं जिसमें ढोंग की परिभाषा हो
धर्म वो है जिसमें सच्ची निष्ठा आशा हो ।।

Dev srivastava

फटे कागज़ #nojotocuttack #poem

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ना जाने उनकी आँखो मे कब डूब गए,
ना जाने क्यों उनकी घनी ज़ुल्फो में खो गए, 
जब कोई पूछे...  की ये क्या हाल बना लिया है , 
हम कह देते है, 
एक बाज़ी ... शतरंज की नहीं 
जनाब दिल की हारी है , 


मेरे हर तोहफे को तूने इनकार  किया, 
हर प्रेम के खाता को बिच से फाड़ दिया, 
ये किया कम था
की,
  तूने बेरुखी से उन खतो को मेरे मुँह पे मार दिया,
उन बिखरे टुकड़े को देख कर, बस यही ख्याल आया, 
की किया इन फटे कागजो मे अलफ़ाज़ नहीं होते? 
 
तेरे हर अंदाज को शब्दो से तराशा, 
पर तूने बस हमें नज़र अंदाज़ किया, 
जिन जिन गलियों मे तेरे आशिक है, 
हर उस गली  मे बदनाम हुआ, 
और तूने मेरे प्रेम के प्रमाण को बीच से फाड़ दिया,

रात रात भर जग कभी 
सोती पलको के बचा, 
तूने जरा सा कलम चला दिया,
फिर पंक्ति पंक्ति जोड़ा के एक कारवां बना लिया, 
फिर कहे  तूने उस काग़जा को पड़ दिया,
ये तेरे अंदर का कोनसा डर था, 
जो तूने अपने सोचा को यु टहूकरा दिया,

वो सविधान जो इस देश मान है, 
आर्टिकल 370 के वजह से बारी सभा मे तूने, 
उसका तिरस्कार किया, ऐसा करके तूने अपनी देश भक्ति का कोनसा उदहारण पेस किया,

ये कागज बहुत कुछ कहते है, 
एक बच्चे के लिए उडात विमान, 
एक चित्रकर के लिए कला प्रदर्शनी का सामान, 
एक दोस्त के लिए सदेशवाहक, 
और एक वृक्ष के लिए मौत का फरमान,इसलिए 
एक कागज, 
कागज नहीं जनाब, 
किसी के जसबाद है | फटे कागज़ #nojotocuttack

Gaurav Pratap

#OpenPoetry

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#OpenPoetry कागज फाड़-फाड़ कर 
 के पीछे 

बनाने वालो जरा हाँथ ऊपर करना।

Satyaveer Singh Gurjar

कश्मीर पर सरकार को बधाई #कविता

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Safar सर ऊंचा कर दिया आपनें, हर्षित बेला आयी है।

मोदी और शाह की बात, ये सबके मन को भाई है।।

थी घायल वो स्वर्ग जमीं, हर कश्मीरी जख्मी था।

घाटी जो फूलों वाली थी, उसका हर रास्ता बारूदी था।।

आस्तीन के सांपों के, बच्चे पढ़ते थे लंदन में।

आम नागरिक लगा दिए थे, पत्थरबाजी धंधे में।।

राष्ट्रवादी सैनिक मेरे पीटते थे, चंद उच्चकों से।

यह काम किये घाटी में, अलगावप्रेमी गुंडो ने।।

थी उम्मीद हर भारतवासी को, कि कोई तो ऐसा आएगा।

जो डरे बिना इन गुंडो की, छाती पर चढ़ चढ़ जाएगा।।

आज किया है तुमने ऐसा कि, एक सलामी बनती है।
सर ऊंचा कर दिया आपनें, हर्षित बेला आयी है।

मोदी और शाह की बात, ये सबके मन को भाई है।।

थी घायल वो स्वर्ग जमीं, हर कश्मीरी जख्मी था।

घाटी जो फूलों वाली थी, उसका हर रास्ता बारूदी था।।

आस्तीन के सांपों के, बच्चे पढ़ते थे लंदन में।

आम नागरिक लगा दिए थे, पत्थरबाजी धंधे में।।

राष्ट्रवादी सैनिक मेरे पीटते थे, चंद उच्चकों से।

यह काम किये घाटी में, अलगावप्रेमी गुंडो ने।।

थी उम्मीद हर भारतवासी को, कि कोई तो ऐसा आएगा।

जो डरे बिना इन गुंडो की, छाती पर चढ़ चढ़ जाएगा।।

आज किया है तुमने ऐसा कि, एक सलामी बनती है।

मोदी और शाह की जोड़ी हर युग मे कहाँ मिलती है।।

है हिम्मत तुममें मान गए, दो फाड़ कर दिए घाटी के।

"वीर" यही कह रहा आज, तुम असली सपूत हो माटी के।।


मोदी और शाह की जोड़ी हर युग मे कहाँ मिलती है।।

है हिम्मत तुममें मान गए, दो फाड़ कर दिए घाटी के।

"वीर" यही कह रहा आज, तुम असली सपूत हो माटी के।। कश्मीर पर सरकार को बधाई

NIKHIL OJHA

आज दिल मे ज्वार उमड़ रहा है कुछ रिश्तों को समझाने का,
आज दिल मे ज्वार उमड़ रहा हैं कुछ रिश्ते निभाना सीखने और सिखाने का,
जिंदगी की शुरुआत से लेकर अंत तक न जाने कितने रिश्ते बनते है,
आज दिल मे ज्वार उमड़ रहा है बस उन्ही रिश्तों को खुलकर बताने का,
मेरी पहली किलकारी से मैंने दुनियां को संकेत दिया मेरे दुनिया मे आने का,
मेरे दिल मे ज्वार उमड़ रहा है इस धरती पर मेरा पहला रिश्ता बताने का,
जिसके अहसानो के तले मै मेरे जन्म के पहले ही दब चुका था,
दिल मे ज्वार उमड़ रहा है मुझपे मेरी माँ की कृपा बताने का,
मेरे जन्म से पहले और मेरे जन्म के बाद मेरी हर सास उस0 रिश्ते की मोहताज थी,
आज दिल मे ज्वार उमड़ रहा है उस पवित्र, निर्मल, निस्वार्थ रिश्ते को दर्शाने का,
कोई शब्द नहीं ना ही कोई शब्दावली है इस रिश्ते के अहसास और अहसानों को जताने की,
मेरे दिल मे ज्वार उमड़ रहा है माँ को सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का सर्वश्रेष्ठ रिश्ता बताने का,
एक और भी हैं रिश्ता कोई जो हमे अच्छा बुरा समझता है,
हमारी सफलता से उसका दिल गदगद और सीना चौड़ा हो जाता है,
हमारी शरारतों, शिकायतों,पर भले ही वो चिल्लाता है,
लेकिन एक पिता ही हैं जो बच्चो का कभी बुरा नही चाहता है,
आज दिल मे ज्वार उमड़ रहा है पिता के रिश्ते की अहमियत महसूस करवाने का,
एक रिश्ता जो भरपूर भरा है स्नेह,प्यार और हिफाज़त से,
बिना दर्शाये ही उठा रखा है बीड़ा अपने कंधों पर जिम्मेदारी का,
आज दिल मे ज्वार उमड़ रहा हैं पिता के रिश्ते की अहमियत महसूस करवाने का,
रिश्ते की जब बात हुई एक ऐसे रिश्ते की कमी खली,
जो सब रिश्तों का समावेश हो,
जिसमे प्यार,स्नेह,लाड़, दुलार,शरारत और आवेश हो,
जो न केवल एक रिश्ता हो हर घर की खुशहाली हो,
आज दिल में ज्वार उमड़ रहा है एक बहन महत्व बताने का,
जो लड़ती हर बात बात पर जो छिड़ती है बिन बात बात पर,
कभी करती है हातापाई और कभी रोती है मुँह फाड़ फाड़ कर,
कुछ भी हो भाई पर बहन छिड़कती है जान जान पर
एक रिश्ता जो हैं हर पल साथ साथ ,भाई डाल डाल तो बहन पात पात, #रिश्ते

राघव श्रीवास्तव विचारक

हम सामान्यतः ये कहते है कि ऊपर बाला जब भी देता है छप्पर फाड़ कर देता है....इस धोखे में मत रहना... देता बेता कुछ नहीं है छप्पर फाड़ देता है....😂
    इसलिए #कर्मण्यावाधिकारस्तेः #NojotoQuote

Rajesh Raana

हो हौसला पहाड़ सा ,
शेर की दहाड़ सा ।
है मुश्किलें कुछ नही ,
बस राह की है ठोकरे  ।
बड़े चल , बड़े चल ,
खुद को बस तू झोंक रे ।
समय सब लील जायेगा ,
बाद तू पछतायेगा ।
अभी भुजा में जोर है ,
हवाओँ में भी शोर है ।
हाथी सा चिंघाड़ तू ,
फौलाद को भी फाड़ तू ।
राष्ट्र का तू है  युवा  तो,
इस राष्ट्र को दिशा दे ।
हर उठने वाली आँख का,
तू नामोनिशा  मिटा दे । हो #हौसला #पहाड़ सा ,
#शेर की #दहाड़ सा ।
है #मुश्किलें कुछ नही ,
बस #राह की है #ठोकरे  ।
बड़े चल , बड़े चल ,
#खुद को बस तू #झोंक रे ।
#समय सब लील जायेगा ,
बाद तू #पछतायेगा ।

Anu Shree Dubey "Akshara"

बापू

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बापू यह हमारे देश में कैसी आंधी आ गई।
अब इंसानियत खत्म हुई चारों तरफ दुर्दशा छा गई।
संसद में बैठे गीदड़ शेर बन कर धाड़ रहे।
विरोध करें आपस में चीख चीख गला फाड़ रहे।
कोयल बैठी मौन देखो काक सभा में बोल रहे।
आरक्षण में देखो इंसानों को जाति से तोल रहे।
इंसान बने हैवान देखो इंसानों को खाते जा रहे।
समाज में देखो बापू कैसे परिवर्तन आते जा रहे।
बापू तुमने देखा था सपना भारत हमेशा आजाद रहे।
तुमने देखा था सपना कि हर नगरिक आबाद रहे।
भारत के नगरिक देखो आबाद होकर आबाद नहीं।
देखो बापू भारत आज भी आजाद होकर आजाद नहीं।
लडाई करवाते फिरते इंसानों का कोई काम नहीं।
इंसान जानवर बन रहा इंसान का कहीं नाम नहीं।
यह पश्चात सभ्यता आती समाज के अनुकूल नहीं।
कौन कहता है इसमें इंसानों की कोई भूल नहीं।
संसद में बैठे गीदड़ शेर बन कर धाड़ रहे।
विरोध करें आपस में चीख चीख गला फाड़ रहे।
बापू यह हमारे देश में कैसी आंधी आ गई।
अब इंसानियत खत्म हुई चारों तरफ दुर्दशा छा गई। बापू

Kammal Kaant Joshii

रोज़ लिखता हूं ख़त तुम्हे
फ़िर उन्हें फाड़ देता हूं
सोचता हूं ग़र तुम्हे भेज दिए
तो ज़वाब दोगी क़्या

इंतजार मे कही अंधा न हो जाऊं
बिना ज़वाब पढ़े कही मर ना जाऊं
तो कही तुम ख़फा ना हो जाओ
इसी चलते मे ख़त लिख फाड़ देता हूं

पर हां कुछ ख़त है जो फाड़े नही
जिसमें सिर्फ तुम्हारी बातें लिखी है
वो क़िस्से वो वादे लिक्खें जो कभी हुए
बस उन्हें ही पढ़ मुस्कुरा लेता हूं लफ्ज़ #shayari#tum#baate#kalakash#nojotohindi
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