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Shashi Bhushan Mishra
गर्जनाएँ हो रही आकाश में, सृजन का आवेग है मधुमास में, फूल कलियों में रवानी आ चुकी, ख़ुशी की अनुगूंज है उल्लास में, पंक से निकले खिले पंकज बने, प्रेरणा का श्रोत है उपहास में, दानवीरों की कहानी है अमर, नाम उनका दर्ज है इतिहास में, समय का उपयोग कर संदल हुए, बेवज़ह उलझे नहीं बकवास में, नियति निर्धारित करे जब लक्ष्य को, स्वयं बढ़ चलते हैं पग उजास में, तार दिल से जुड़े हों जब प्रेम का, चाहता रखना हृदय फिर पास में, दीप घट में जले 'गुंजन' ज्ञान का, प्राप्त होती है ख़ुशी हर श्वास में, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #खिले पंकज बने#
i_m_charlie...
White वो दौर चला गया जब लोग हमे पसंद किया करते थे, अब तो लोग बस देख के अनदेखा कर देते है जैसे हमारा कोई वजूद ही ना हो। ©i_m_charlie... #flowers तब खिले हुए फूल थे अब मुरझा गए है।
HintsOfHeart.
Mukesh Poonia
नव दीप जले,नव फूल खिले, नित नई बहार मिले, नवरात्रि के इस पावन अवसर पर, आपको मां दुर्गा का आशीर्वाद मिले। जय माता दी! Happy Navratri ©Mukesh Poonia #navratri नव #दीप जले, नव #फूल खिले,नित नई बहार मिले,#नवरात्रि के इस पावन अवसर पर,आपको #मां #दुर्गा का #आशीर्वाद मिले।जय माता दी! Happy Navr
sameer Kumar
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
हीर छन्द आप मिले, फूल खिले, देख रहे नैन है । पास रहो, बात करो , आज बड़ा चैन है ।। आप बनें ,साथ रहे , आप ही करार हो । आप बिना , नींद कहा , मेरे सरकार हो ।। रंग उड़े, फाग चले , झूम रहा आज है । संग रहूँ , प्रेम करूँ, दिल पे तो राज है ।। प्यास बुझे , आस जगे, दिल में मधुमास हो । देख पिया , आज जिया , छूता आकाश हो ।। १३/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR हीर छन्द आप मिले, फूल खिले, देख रहे नैन है । पास रहो, बात करो , आज बड़ा चैन है ।। आप बनें ,साथ रहे , आप ही करार हो ।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- तुम्हें दिल की धड़कन बना लूँ । न देखे कोई मैं छुपा लूँ ।।१ सजा कर तेरी माँग को मैं । तुम्हें दिल की रानी बना लूँ ।।२ दफन कितने अरमान दिल में । ठहर तो जरा मैं मिटा लूँ ।।३ बुरा ही कहेगा जमाना । अगर गोद में जो उठा लूँ ।।४ खिलेंगे सुमन भी चमन में । कदम इश्क़ में जो बढ़ा लूँ ।।५ इजाजत हमें तुम अगर दो । नज़र से नज़र मैं मिला लूँ ।।६ प्रखर हर्ज तुमको नहीं तो । उसे देख कर मुस्कुरा लूँ ।।७ २२/०४/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- तुम्हें दिल की धड़कन बना लूँ । न देखे कोई मैं छुपा लूँ ।।१ सजा कर तेरी माँग को मैं । तुम्हें दिल की रानी बना लूँ ।।२ दफन कितने अरमान द
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी:- प्रेम के ही फूल खिले , आओ आप हम मिले , देख फिर तो होली में , प्रीत ही गुलाल है । भूल नहीं आप जाना, कहीं भी हो चले आना, कौन जाने किसका ये , आखिरी ही साल है । पिछली बार होली का , मेरे ही हमजोली का , देख यह पास मेरे , आज भी रुमाल है । स्वप्नों में आयेगा वह , दूर न जायेगा वह , प्रीत में आज भी वह , करता कमाल है ।। २५/०३/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी:- प्रेम के ही फूल खिले , आओ आप हम मिले , देख फिर तो होली में , प्रीत ही गुलाल है । भूल नहीं आप जाना, कहीं भी हो चले आना, कौन
Anjali Singhal
Devesh Dixit
हँसी (दोहे) हँसी खिले मुख पर तभी, जीवन हो आसान कहते हैं सज्जन सभी, बात यही तू मान।। आनंदित माहौल हो, मिलती खुशी अपार। ईश्वर ने हमको दिया, ये अद्भुत उपहार।। चिंता हो मन में अगर, हँसी न आती मान। मुख पर संकट है दिखे, बेचैनी भी जान।। दुविधा चिंतन की मिटे, जीवन तब साकार। हँसी पुनः फिर आ सके, हो तब बेड़ापार।। हँसी हँसी में कह रहे, अपने मन की बात। फूलों की बरसात या, विष रूपी आघात।। .......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #हँसी #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi हँसी (दोहे) हँसी खिले मुख पर तभी, जीवन हो आसान कहते हैं सज्जन सभी, बात यही तू मान।। आनंदित म