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Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल। बिनु निज भाषा,ज्ञान के मिटत न हिय को सूल॥ अपनी लेखनी के माध्यम से नाटक व काव्य के क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने वाले आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रवर्तक,बहुमुखी प्रतिभा के धनी, लेखक, कवि, निबंधकार,नाटककार, आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रखर स्तंभ व भारतीय नवजागरण के अग्रदूत भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की जयंती पर उन्हें मेरी विनम्र श्रद्धांजलि....| 🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏 सामाजिक कुरीतियों के विरोध में सतत चली आपकी लेखनी युगों-युगों तक समाज को शिक्षित व जागरूक करेगी। ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल। बिनु निज भाषा,ज्ञान के मिटत न हिय को सूल॥ अपनी लेखनी के माध्यम से नाटक व काव्य के क्
Darshan Raj
रहस्य आज भी दफ़्न है मीनारों में, होता नहीं अब जिक्र अखबारों में ।। खाक हो चुकी मशालों की चिमनिया, उठते नहीं अब बुलबुले विचारों में ।। इक सैलाब पगड़ी उछाले गुजर गया, वीर सपूतों का काफिला किधर गया ।। मदमस्त रहे राजनीति के चटकारों में, जनगणना होती है हमारी लाचारों में ।। मेरी सोच भर से रूह कांप जाती है, हां स्त्रीयों की अस्मतें भाँपी जाती है ।। कुछ दिन चर्चा होती है सरकारों में, घुट कर मर जाती स्त्री अंधियारों में ।। कर्ज़ को लेकर हर दफ्तर घूम लिया, घिसते-घिसते माथा फंदा चूम लिया ।। शिथिल हो चुके शब्दार्थ जयकारों में, क्यूं आता नहीं उबाल ललकारों में ।। तूने मेरी सरहदों की सरजमीं न देखी, अहले वतन की जिंदादिली न देखी ।। दंगे कराकर पद पा लिया अहंकारों में, तुझे अब देखा जाएगा गुनहगारों में ।। देखा मैने जवानों को शहीद होते हुए, सिसकियां सुनाई नहीं देती सोते हुए ।। चूड़ियां टूट जाती है हमारे संस्कारों में, शोक के सिवा कुछ नहीं अधिकारों में ।। ©Darshan Raj #a इस कविता में मैंने सामाजिक कुरीतियों को कुछ शब्दों में व्यक्त किया है उम्मीद करता हूं कि आपको पसंद आएगी। 🙏 रहस्य आज भी दफ़्न है मी
SUNIL MADAAN
🎵 मेरी प्रेरणा हो तुम 🎵 मेरी लेखनी के सफ़र में प्रेरणा बन सदा साथ चलती हो मेरी कलम को मार्ग निर्देशित केवल तुम करती हो A Dedication to my Best Friend & Inspirational particle (Please read full verses in Caption) तुम बहादुर हो बहुत मशाल हो दहकते अँगारे की आशा का दीप जलाती हो जीवन को नई राह दिखाती हो तुम हर पल सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हो बिना किस
वो फिर आएगी
बड़े जतन के बाद पूरा कोइ नज़्म हुआ , मुबारक हो कवि/लेखक का जन्म हुआ । ( Caption मे पढें ) मात्राएँ टूटी फूटी थी, उपमायें आधी-अधूरी थी, कोइ शौक़ मे लिखता गाता था, कोइ पड़ कर इश्क़ मे क़लम उठाता था, किसी को लिखने का जुनून था जागा, क
ashutosh anjan
रूढ़िवादिता (चिंतन) लेख 👇🏻कैप्शन में पढ़े। रूढ़िवादिता को समझने के लिए हमें सर्वप्रथम रूढ़िवाद का अर्थ समझना होगा, रूढ़िवाद का अर्थ है की "पुरातन काल से चली आ रही परंपरागत बातों को मानने
Anamika Nautiyal
उपन्यास विश्वासघात लेखिका मीनाक्षी शुक्ला उपलब्धता :- योरकोट, प्रतिलिपि बिहार की पृष्ठ भूमि पर लिखा गया यह उपन्यास बिहार से होते हुए आप
Rashmi singh raghuvanshi "रश्मिमते"
कुरीतियों का बाज़ार आज भी कई जगह विद्यमान है, की कुरीतियों का बाज़ार आज भी कई जगह विद्यमान है की जो पैदा हुईं तो भी रोई अपने पैदा होने पर भी रोई अपनों के बीच रह कर भी रोई अपनो से विदा ले कर भी रोई। ©rashmi singh raghuvanshi #कुरीतियों का बाज़ार
एक इबादत
शब्द और भाषा की मुझे मर्यादा ना सिखाना, मै सत्य और सामाजिक हूं... तुम मेरे समाज, संस्कार, सभ्यता का मान रखिए, मै भी तुम्हारे इज्ज़त का मान रखूंगा... #सामाजिक