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New फुल्के Quotes, Status, Photo, Video

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Abdullah Qureshi

एक पुराना वीडियो हाथ लगा दोस्तों आज । सोचा आपके साथ शेयर कर दूं। हल्के फुल्के अंदाज़ में, सीरियस नहीं लेना है। पार्ट 1 है यह..पार्ट 2 आपके अच #Funny #Trending #Comedy #nojotovideo #कॉमेडी #Nojotocomedy #arzhai

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Neha Goley

साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से पुरस्कृत कृति डार्क हॉर्स:एक अनकही दास्ताँ... लेखक - नीलोत्पल मृणाल . यह किताब सिविल सेवाओं की तैयारी में लग #Thoughts #BookReview

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इकराश़

कुछ अश'आर पेश कर रहा हूं। हल्के फुल्के शेर हैं, सीधी सादी ग़ज़ल है। ज़रा तवज्जो़ दीजियेगा। नौसीखिया हूं, अगर कोई त्रुटि हो तो अवश्य अवगत करा #yqbaba #मुहब्बत #yqdidi #इकराश़नामा #ग़ज़ल_ए_इकराश़

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कहानी कोई दिल की तुम , सुना दो ना,
तड़पती रूह को इस पल सुला दो ना।

तू किस्मत में नहीं, कहता ज़माना है,
गलत हैं सब, ये सबको तुम दिखा दो ना।

सितमगर तो रहा है ये ज़माना ही,
भुला कर हर सितम तुम मुस्कुरा दो ना।

ये इकतरफा नहीं है, है ये दो- तरफा,
मुहब्बत है तुम्हे भी जां, जता दो ना।

क़दर कर भी लो, जब तक हूं जहां में मैं,
दिलों की दूरियां जानां, मिटा दो ना।

रहे हैं बिक, ये सपने आजकल सब ही,
तुम्हे पाने का सपना, वो दिला दो ना। कुछ अश'आर पेश कर रहा हूं।
हल्के फुल्के शेर हैं, सीधी सादी ग़ज़ल है।
ज़रा तवज्जो़ दीजियेगा।
नौसीखिया हूं, अगर कोई त्रुटि हो तो अवश्य अवगत करा

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #जूठन मै, ​रोज गूँथती हूँ, नैनों के जल से, ​पहाड़ सा हृदय अपना, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

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मै,
​रोज गूँथती हूँ,
नैनों के जल से,
​पहाड़ सा हृदय अपना,
​आटे की तरह,
​अपनी देह की रसोई में,
​
​काटती हूँ,
​अपने उदर में,
​सुख-दुःख की एक बराबर लोईयां,
​और..,
​बेलती हूँ,
सूरज व चाँद सी गोल रोटियाँ,
​ #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे

#जूठन
 
मै,
​रोज गूँथती हूँ,
नैनों के जल से,
​पहाड़ सा हृदय अपना,

Sunita D Prasad

#कवि का प्रत्युत्तर पत्र.... प्रिय पाठिका..! लेते ही हाथों में पत्र तुम्हारा कर लिया अनुभूत स्नेहिल स्पर्श तुम्हारा..! #yqbaba #yqdidi #yqpowrimo

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प्रिय पाठिका..!
लेते ही हाथों में पत्र तुम्हारा 
पा लिया, हथेलियों ने मेरी
स्पर्श हथेलियों का तुम्हारा..!

हाँ..
नहीं हो तुम, मेरी प्रेमिका कोई..
और न ही हो तुम, कोई कविता मेरी..!
पर पत्र में तुम्हारे..
महसूस हुई, माँ की उपस्थिति..!
तभी तुम्हारे चुंबन की..
कल्पना मात्र से ही
शिखर का एकाकीपन द्रवित हो
बह गया आँखों से मेरी..!

प्रिय पाठिका..!
तुम्हारा पत्र..
मेरे वृद्धावस्था के एकाकीपन में..
कई दिनों की मूसलाधार बारिश के बाद की 
सुखदायी धूप-सा रहा..!
वह, लहलहाती फसल के बीच
पिता की उँगली पकड़कर चलने-सा रहा..!
वह, चूल्हे पर सिके गरम फुल्के-सा
और अमिया की खट्टी-मीठी चटनी-सा रहा..!

तुम्हारे पत्र ने.. 
अनायास ही खोल दी..
मेरे गाँव की वह कच्ची पगडंडी
जिस पर मैं..
हाथों में लिए एक कविता 
नंगे पाँव ही....
सरपट..दौड़े जा रहा हूँ..!
हाँ प्रिय..! 
अब मैं किंचित भी अकेला नहीं..!!
 #कवि का प्रत्युत्तर पत्र....


प्रिय पाठिका..!
लेते ही हाथों में पत्र तुम्हारा 
कर लिया अनुभूत
स्नेहिल स्पर्श तुम्हारा..!

Dr Jayanti Pandey

यह हर दफ्तर का हिस्सा है बस नौ से पांच का क़िस्सा है। जो दफ्तर में अकड़े अकड़े से हैं वो अपनी ही कुंठा में जकड़े से हैं। कुछ मकरंद सूंघत #yqdidi #yqhindi #yqpoetry #jayakikalamse

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यह हर दफ्तर का हिस्सा है 
बस नौ से पांच का क़िस्सा है।



 यह हर दफ्तर का हिस्सा है 
बस नौ से पांच का क़िस्सा है।

जो दफ्तर में अकड़े अकड़े से हैं 
वो अपनी ही कुंठा में जकड़े से हैं।

कुछ मकरंद सूंघत

Rohit (ख़ानाबदोश)

#हरिशंकरपरसाई हिंदी के ऐसे पहले रचनाकार माने जाते हैं, जिन्होंने व्यंग्य को विधा का दर्जा दिलाया और उसे हल्के-फुल्के मनोरंजन की परंपरागत परि #story #nojotophoto

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 #हरिशंकरपरसाई हिंदी के ऐसे पहले रचनाकार माने जाते हैं, जिन्होंने व्यंग्य को विधा का दर्जा दिलाया और उसे हल्के-फुल्के मनोरंजन की परंपरागत परि

Sahil Bhardwaj

#international_womens_day वो औरत है तोड़ना चाहती है सारे बंधनों को काटना चाहती है गुलामी की बेड़ियों को दफ़न करना चाहती है कुरितियों को ज #कविता #nojotohindi #महिलादिवस #sahilbhardwaj

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वो औरत है….
जानती है निभाना अपना धर्म
चलाती है घर बाहर,दोनों ही कर्म
झुलसा कर अपना सुख चैन
जागती रहती दिन रैन
काटती हैं उसे बाज, कौए ,चील सी आंखें
फिर भी वो चलती है
लेकर चहरे पर एक झूठी हंसी
फीकी ही सही
मगर एक हंसी लिए

    हां वो एक औरत है…… #international_womens_day 

वो औरत है
तोड़ना चाहती है सारे बंधनों को
काटना चाहती है गुलामी की बेड़ियों को
दफ़न करना चाहती है कुरितियों को
ज

Garvit Arora

"मेरे अल्फाज़" मेरे कुछ राज़ है, जो मैंने किसी को नहीं बताये है अब तक.. ये ऐसे कुछ अल्फाज़ है, जो मैंने सब से छुपाये है अब तक.. हाँ बहुत कु #writing #hindiquotes #philosophy #writersofnojoto #writersofinsta

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"मेरे अल्फाज़"
(Caption पढे़) "मेरे अल्फाज़"

मेरे कुछ राज़ है,
जो मैंने किसी को नहीं बताये है अब तक..
ये ऐसे कुछ अल्फाज़ है,
जो मैंने सब से छुपाये है अब तक..

हाँ बहुत कु
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