Find the Best ग़ज़ल_ए_इकराश़ Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about ए,
इकराश़
कहने को तो कितने मेरे अपने हैं, सच पूछो तो सारे कहने भर के हैं। बिन बोले रुक जाते हैं रुकने वाले, जाने वाले हरदम जाया करते हैं। मिट्टी, बादल, पानी, ख़ुशबू, बरसातें, ये भी तुमको देख के आँहें भरते हैं। अपने मन की मानो, कोई कुछ बोले, बनाने वाले बात बनाते रहते हैं। झूठा दम भरते हैं सब 'इकराश़' यहाँ, बनते हैं जो शेर, सभी काग़ज़ के हैं। कुछ नए पुराने शेर है, ज़िंदगी से जुड़े हुए। ~ इकराश़ #इकराश़नामा #ग़ज़ल_ए_इकराश़ #YqBaba #YqDidi
इकराश़
कल तक मेरे अपने थे, आज पराये बैठे हैं, भाई बंधु अंकल आंटी, सब के सब इक जैसे हैं। कुछ बोले मैं बिज़ी हूँ, कुछ आँख चुराए रहते हैं। पूरे इक भी होते नहीं, कैसे कैसे सपने हैं। तन्हाई से रिश्ता जोड़ो, वो ही सच्चे अपने हैं। हक़ीक़त से ताल्लुक़ रखते कुछ मिसरे। ** है तो ये ग़ज़ल फॉरमेट में, मगर इसे ग़ज़ल कहना तौहीन होगी। क्योंकि बस ये ऐसे ही लिख दिया। साहित्य पटल पर इसकी कोई बिसात नहीं होगी। ~ इकराश़ #ग़ज़ल_ए_इकराश़ #इकराश़नामा #YqBaba #YqDidi
इकराश़
हमें अपने गमों को अब, छुपाना भी नहीं आता, मगर हम क्या करें हमको, दिखाना भी नहीं आता। ~ पूरी रचना अनुशीर्षक में पढ़ें। हमें अपने गमों को अब, छुपाना भी नहीं आता, मगर हम क्या करें हमको, दिखाना भी नहीं आता। बताएं भी किसी को अब, तो बोलो क्या बताएं हम, हमें तो दिल लगाने का, बहाना भी नहीं आता। चली जाती हो तुम हर बार, फिर से लौट आती हो, भुला कर के तुम्हे तो दूर जाना भी नहीं आता।
इकराश़
मुल्क के दर्द क्या मिटाएंगे, बन के दीमक ये चाट जाएंगे। लूट कर के तमाम बैंकों को बेईमां देश छोड़ जाएंगे। आज अख़बार में लिखा था की, कौमी-लीडर उन्हें भगाएंगे। लूट कर जान इन गरीबों की, अब कोरोना से धन कमाएंगे। दाल-रोटी नहीं मिले चाहे, बैठ कर घर पे जाँ बचाएंगे। इस मुश्किल वक़्त में ख़ुद का सहारा बनिये। घर पे रहिये, स्वस्थ रहिये, बच कर रहिये। बाकी सबको राजनीति की रोटी सेंकने से फुरसत नहीं है। अपनी जान अपने ही हाथ में है। ~ इकराश़ #YqBaba #YqBaba #इकराश़नामा #ग़ज़ल_ए_इकराश़ #Covid19 #CoronaVirusPandemic
इकराश़
जिंदगी में यार ये कैसी, सज़ा अब आ रही है, देख सज-संवर के मेरी जाँ क़ज़ा अब आ रही है। तोड़ने के बाद दिल मेरा, न सोचा था नतीज़ा, क्यूँ तुझे संगदिल सनम मेरे, लज़ा अब आ रही है। जिसने मारा था मुझे जीते-जी जो खंज़र कभी, वो, कुछ बची साँसों का लेने, जाइज़ा अब आ रही है। इश्क़ था क्या? उम्र भर मैं पूछ कर उफ़! थक गया था, बाद मरने के मिरे, उसकी रज़ा अब आ रही है। हाल मेरा पूछने को ये हवा के खेल देखो, आशियाँ बर्बाद कर, लेने मज़ा अब आ रही है। आखिरी दीदार का लेने मज़ा दे भी ख़ुदाया, मेरे दिल से तो यही इक इल्तज़ा अब आ रही है। इस सफ़र में जो सभी ने मुझको 'इकराश़' था छोड़ा, देख लो सब माँ मिरी बन वाइज़ा अब आ रही है। कुछ अश'आर हैं। ~ इकराश़ #ग़ज़ल_ए_इकराश़ #YqBaba #YqDidi #इकराश़नामा
इकराश़
तुमको सब कुछ यार मिला, हमको दिल दुश्वार मिला। कितने किस्मत वाले हैं, जिनको उनका प्यार मिला। बात हमारी होगी क्या, हमको धोका यार मिला। छुट्टी माँगी यादों से तो, हमको फिर इतवार मिला। चाहा हमने साहिल जो, माँझी से इंकार मिला। मंजिल मंजिल करने से, रस्ता हमको पार मिला। देखो दुनिया कहती है, वो पागल बेकार मिला। कुछ सीधे सादे अश'आर हैं। ~इकराश़ #YqBaba #YqDidi #ग़ज़ल_ए_इकराश़ #इकराश़नामा
इकराश़
जाने कितनी बाते हैं, जाने कितने धोके हैं। तन्हा तन्हा रातों में, बेमौसम बरसाते हैं। बोझिल मेरे कदमों में, जाने कितने काँटे हैं। इश्क़ वफ़ा की बातें कर, करते झूठे वादें हैं। जी करता मर जाऊँ मैं, कदमों को बस रोके हैं। हर्फ़ अधूरा है जो पड़ा, मिसरे मेरे रोते हैं। 'इकराश़' अकेला ही चल, अपने सारे भूले हैं। बड़े दिनों बाद बड़ी मुश्किल से कुछ बना है। ~ इकराश़ #YqBaba #YqDidi #ग़ज़ल_ए_इकराश़ #इकराश़नामा
इकराश़
रास आया न मुझको जो अपना पता, पूछ बैठा मैं दिल से तुम्हारा पता। दिल में अपने छुपाया था तुमने मुझे, तुमसे पूछा था जब ज़िंदगी का पता। कर दे इज़हार जानां लबों से अभी, दे दिया है जो तूने यूँ दिल का पता। इश्क़ में बढ़ चुका हूँ मैं आगे बहुत, वापसी का नहीं मुझको रस्ता पता। हार बैठा हूँ क्या क्या मैं तुमसे कहूँ, कुछ नहीं है ख़बर क्या पता क्या पता। बड़े दिनों बाद कुछ बना है।। बस बन गया।। इश्क़ से ताल्लुक रखती हैं ये पंक्तियाँ, ज़रा इश्क़ से पढ़ियेगा।। ~ इकराश़ #ग़ज़ल_ए_इकराश़ #YqBaba #YqDidi #इकराश़नामा
इकराश़
यहाँ देखों जवानों ने, बहुत ही खूँ बहाया है, पताके में लिपट पैकर, कि देखो आज आया है। मुझे सौगंध है मिट्टी की, वतन पर जान दे दूँगा, यहाँ हर माँ ने देखो यार, इक सैनिक को जाया है। मुझे पूछो नहीं तुम मैं, कि कितने आज मारूँगा, मुझे दे कर चुनौती आज, अपनी मौत लाया है। हमारे जवानों को समर्पित कुछ अश'आर हैं। महसूस कीजियेगा। ~ इकराश़ #YqBaba #YqBaba #इकराश़नामा #ग़ज़ल_ए_इकराश़ #सैनिक #वतन #मोहब्बत
इकराश़
बड़ा ही वक़्त बीता है, मिरे ज़ख्मों को सिलने में, दवा अमृत सी लगती है, तिरे हाथों से पीने में। मिरी ये ख़ामुशी समझो, बहुत बिखरा हुआ हूँ मैं, तभी तो रूह को अपनी, किया है कैद सीने में। चलो अब लौट आओ तुम, जहाँ बैठे हो छुप कर के, फलक पर चाँद आ बैठा, नहीं देरी है मिलने में। नहीं हसरत है कोई कि, बदन तेरा मिले मुझको, सुकूँ मिलता है मुझको तो, तेरी बस रूह छूने में। गरीबी में पला मैं औ', गरीबी में ही मर बैठा, मेरी बीती जो उम्रें सब, दुआएं ही कमाने में। कुछ अश'आर हैं ज़िन्दगी से जुड़ें हुए। हर शेर कुछ अफ़साने कहता है। महसूस करिएगा और दिल को छुए तो इत्तेला करिएगा। ~ इकराश़