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Devesh Dixit
कुत्तों का शौचालय एक बार कुत्तों ने अपनी सभा बुलाई, हर कुत्ते ने अपनी उसमें अर्जी लगाई। कहने में संकोच हो रहा है, पर कहना तो पड़ रहा है। काश हम कुत्तों का शौचालय भी होता, सरकार का ध्यान हमारी ओर भी होता। शौचालय में हम भी जाते, इधर उधर न धक्के खाते। इंसानों ने तो बनवा लिए शौचालय, हम सब के लिए केवल औषधालय। वो भी केवल उन पालतू के लिए, हम सब तो फालतू हैं उनके लिए। बीमारी दुखारी जो कुछ भी है, वो सब उन पालतू के लिए है। कुछ भी तकलीफ हो अगर उन्हें, तुरंत औषधालय ले जाते उन्हें। हम कुत्ते सड़क पर रहने वाले, हमारे लिए तो सब जगह ताले। हमारी कौन खबर रखने वाला, यहां हर कोई हमें धमकाने वाला। जख्मी हो जाएं कभी अगर हम तो, कौन ले जाए औषधालय हम को। तड़प - तड़प कर रह जाते हैं, क्या करें हम सब सह जाते हैं। कुछ तो ख्याल हमारा रखा होता, शौचालय ही बनवा दिया होता। तो गंदगी न होती चारों तरफ, सफाई ही होती तब हर तरफ। बाद में एक कुत्ता बोला, उसने अपना मुंह खोला। अरे हमारी तो छोड़ो, अब उधर को देखो। वो पालतू भी यहीं को चला आ रहा है, हमारी तरह सड़क को गंदा कर रहा है। क्या इनके लिए भी नहीं है शौचालय, तो क्या ही बनेगा हमारे लिए शौचालय। चलो इससे हम सब पूछते हैं, इसकी समस्या को हम बूझते हैं। क्यों आया यह यहां हमारे बीच, पर मालिक रहा है उसको खींच। उसकी समस्या को देख चौंकने लगे, जानने के लिए उस पर भौंकने लगे। पालतू कुत्ता उन पर गुर्राने लगा, उन सबको अब धमकाने लगा। मुझे नहीं कोई भी कमी यहां, मालिक ऐसा मिलेगा कहां। बहुत खुश हूं मैं वहां पर, मेरा मालिक है जहां पर। फिर एक कुत्ता बोला उनमें से, कमी नहीं तो क्यों बंधा पट्टे से। हमारे इलाके में भटक रहा है, मार्ग को भी गंदा कर रहा है। क्या शौचालय नहीं तुम्हारा भी, जैसे नहीं बना कभी हमारा भी। तब वह कुछ कह नहीं पाया, उनका ही समर्थन वह कर पाया। कुत्तों को समझ में आ चुका था, व्यथा को सबकी जान चुका था। जो नहीं बनने वाला उनकी खातिर, फिर बुद्धि क्यों लगाएं अपनी शातिर। यूं हीं मार्ग को गंदा करते रहते हैं, ढूंढ कर खाना खाते हैं फिर सो जाते हैं। .............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कुत्तों_का_शौचालय कुत्तों का शौचालय एक बार कुत्तों ने अपनी सभा बुलाई, हर कुत्ते ने अपनी उसमें अर्जी लगाई। कहने में संकोच हो रहा है, पर कह
entertainment intertenment&intertenment
आपका कहना भी बहुत सही तो नहीं है तन्नू जी लेकिन आप भी सुन लो ये बस कहने की नोट बंदी थी! आम जनता के लिए तो ये नजरबंदी थी!! 😜😜 ये तो बहुत ही दुखद बात है आज एक स्वतंत्रा सेनानी के बहुमूल्य रत्न चंद्रशेखर आज़ाद का जन्मदिवस है बहुत लोग उन्हें याद कर रहे है पर उनक कर्म
entertainment intertenment&intertenment
कौन कहता है भारत आज़ाद है! यहां कत्तलेआम पर भारी छूट है! लेकिन प्यार पर गहरी पाबन्दी है!! ये तो बहुत ही दुखद बात है आज एक स्वतंत्रा सेनानी के बहुमूल्य रत्न चंद्रशेखर आज़ाद का जन्मदिवस है बहुत लोग उन्हें याद कर रहे है पर उनक कर्म
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 बुजुर्ग रघुवीर जी अपनी पत्नी के साथ अपनी रिटायर्ड जिंदगी बहुत हंसी खुशी बीता रहे थे.....पेंशन से दोनों पति पत्नी अपनी जीविका से खुश थे ...वैसे तो घर बडा था और उनके तीन बेटे बहुऐ भी थी मगर उनके तीनो बेटे अलग अलग शहरों में अपने अपने परिवारों के साथ व्यस्त थे...वैसे उन्होनें नियम बना रखा था... दीपावली हो या कोई अन्य त्यौहार तीनों बेटे सपरिवार उनके पास आएंगे साथ रहेंगे खाएंगे वक्त बिताऐगे.... पूरे एक सप्ताह तक....वो एक सप्ताह कैसे मस्ती में बीत जाता था कुछ पता ही नही चलता था....सारा परिवार खुशी से झूम उठता ....अलग अलग भले ही रहते थे मगर उस एक सप्ताह में पूरी कसर साथ रहने की खत्म हो जाती ...उन सुखद अनुभव और खुशियों के सहारे रघुवीरजी और सुधा की जिंदगी सुखद थी.... मगर फिर उनकी खुशियो को जैसे नज़र ही लग गई..... अचानक सुधा जी को एक रात दिल का दौरा पडा ...और एक झटके में उनकी सारी खुशियां बिखर गई..... तीनो बेटे दुखद समाचार पाकर दौड़े आए...उनके सब क्रियाकर्म के बाद सब शाम को एकत्रित हो गए...बड़ी बहू ने बात उठाई....बाबूजी... अब आप यहां अकेले कैसे रह पाऐंगे... आप हमारे साथ चलिऐ.... नही बहू.... अभी यही रहने दो...यहां अपनापन लगता है... सुधा की अनेकों यादें है और फिर बच्चों की गृहस्थी में.....कहते कहते रघुवीरजी चुप से हो गए... बड़ा पोता कुछ बोलने को हुआ... उन्होंने हाथ के इशारे से उसे चुप कर दिया... "बच्चो.... अब तुम लोगों की मां हम सबको छोड़ कर जा चुकी है.... उसकी कुछ चीजें है....वो तुम लोग आपस में बांट लो मुझसे अब उनकी साज सम्हाल नही हो पाऐगी.... कहते हुए अलमारी से रघुवीरजी कुछ निकाल कर लाए....मखमल के थैले में बहुत सुंदर चांदी का श्रृंगार दान था...एक बहुत सुंदर सोने के पट्टे वाली पुरानी रिस्टवाच थी...सब इतनी खूबसूरत चीजों पर लपक से पड़े.... छोटा बेटा जोश में बोला....अरे ये घड़ी ....ये तो अम्मा सरिता को देना चाहती थी.... रघुवीर जी धीरे से बोले....बच्चों और सब तो मै तुम लोगो को बराबर से दे ही चुका हूं...इन दो चीजों से उन्हे बहुत लगाव था बेहद चाव से कभी कभी निकाल कर देखती थी.....लेकिन अब कैसे उनकी दो चीजो को तुम तीनों में बांटू समझ नही आ रहा.... सभी एक दूसरे का मुंह देखने लगे...तभी मंझला बेटा बड़े संकोच से बोला ये चांदी का श्रृंगार दान छोटे के अनुसार वो मीरा को देने की बात करती थी तो वह ले ले....और सोने के पट्टे वाली रिस्टवाच मंझली बहु को तो वह ले ले.....पर.... पर ऐसे तो समस्या तो बनी ही रहेगी ...रघुवीर जी मन में सोच रहे थे.....बड़ी बहू को क्या दूं... उनके मन के भाव शायद उसने पढ़ लिए....बाबूजी.. आप शायद मेरे विषय में सोच रहे है...आप ये श्रृंगार दाध मीरा को ...और रिस्टवाच सरिता को दे दीजिए..... अम्मा भी तो यही चाहती थी.... पर नंदिनी.... तुम्हें.... तुम्हें क्या दूं.....समझ में नही आ रहा....आखिर तुम भी तो मेरी बहु हो मेरी बेटी ..... बाबूजी.....आपके पास एक और अनमोल रत्न है ... और वो अम्माजी मुझे ही देना चाहती थी.... रघुवीर जी की तरह दोनों बेटे बहु भी हैरानी से बडी बहु को देखने लगे... अब कौन सा पिटारा खुलेगा...और कौनसा वो अनमोल रत्न है जो बडी भाभी चांदी के श्रृंगार दान और सोने के पट्टे वाली रिस्टवाच को छोड उस अनमोल रत्न को पाना चाहती है .....जरूर बेहद कीमती ....या अमूल्य होगा..... हे भगवान शायद हमने जल्दबाजी कर दी.... सबकी हैरानी और परेशानी को भांप कर बड़ी बहू नंदिनी मुस्कुरा कर बोली.... वो सबसे अनमोल रत्न तो आप स्वयं हैं बाबूजी....पिछली बार अम्माजी ने मुझसे कह दिया था...मेरे बाद बाबूजी की देखरेख तेरे जिम्मे...बस अब आप उनकी इच्छा का पालन करे और हमारे साथ चलें....रघुवीर जी की आँखें खुशी से और कृतज्ञता से भीग गई ..... दोस्तों जीवन मे सबसे अनमोल हमारे माता पिता हमारे बुजुर्ग है इनका आशीर्वाद, इनके अनुभव, इनकी सलाह, इनकी छत्रछाया, यह सभी किसी अनमोल रत्न अनमोल धरोहर से कम नही है.. अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏 बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 बुजुर्ग रघुवीर जी अपनी पत्नी के साथ अपनी रिटायर्ड जिंदगी बहुत हं
Upendra Dubey
पट्टे की ज़मीन पर गड़े हुए बिजली के खंबे को हटाने को लेकर बिहार गाँव निवासी ने DM से लगायी गुहार आपको बता दें कि बैठक जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट कार्यालय पर बिहार गाँव निवासी हम स्लाग में आवेदन देते हुए बताया कि मेरी पट्टे की आराजी भूमि पर बिजली विभाग का खम्भा लगा हुआ है जिससे अब वो हमारे परिवार के द्वारा उक्त पट्टे की ज़मीन पर मकान निर्माण कराया जा रहा है और निर्माण कार में बिजली का खंभा बाधित हो रहा है जिससे हो रहे निर्माण कार्य के पिलर में बिजली के करंट लगने की आशंका हो रही है पीड़ित ने कहा कि इसके संबंध में हमने बिजली कार्यालय जाकर जे ई से बात की तो उनका कहना है कि इस संबंध हम आपको कोई आश्वासन नहीं दे सकते आप कलेक्ट्रेट चले जाए वही से आदेश करवा कर ले आए तो हटाया जाएगा पीड़ित ने कहा कि इसी लिए हम कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुँचे उपस्थित अधिकारियों से आग्रह किया है कि मेरे उक्त पट्टों की आवाज़ें भूमि पर गड़े हुए बिजली के खंबे को स्थानांतरित करा दिया जाए जिससे हमारे घर का निर्माण कार्य हो सकें ©Upendra Dubey पट्टे की ज़मीन पर गड़े हुए बिजली के खंबे को हटाने को लेकर बिहार गाँव निवासी ने DM से लगायी गुहार आपको बता दें कि बैठक जिला मुख्यालय स्थित क
Ek villain
प्रचंड गर्मी में झुलस रहे झारखंड में सियासी तापमान भी चरम पर है अच्छे मौसम के लिए पहचानी जाने वाली राजस्थानी रांची का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला रहा है यहां के विषय में इतने गर्म की याद ही नहीं है और यह बेकार कब इंद्र देवता इन पर राहत की पुकार बढ़ जाएंगे लेकिन राजनीतिक रूप से बड़े तापमान सिराज वासियों को बहुत ज्यादा असर नहीं है पिछली रघुवीर दास की सरकार को छोड़ दिया जाए तो यह राजनीति की शिवा का पुतला पुतला भरा हुआ है एक बार फिर राज्य ऐसी ही परिस्थितियों की तरह बढ़ता दिख रहा है कारण गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री भाजयुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और उनके विधायक बसंत सोनी द्वारा खनन पट्टा लेने को अधिकार वाद है पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा के राष्ट्रपति वीर दास ने सार्वजनिक किया है इसके खिलाफ भाजपा ने राज्यपाल से लेकर निर्वाचन आयोग तक गुहार लगाई है जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक ऐसा करना गलत है और प्रमाणित हो जाने पर दोनों की विधानसभा की सदस्य निरस्त की जा सकती है बहरहाल भारत निर्वाचन आयोग ने इस शिकायत के पिता को लेकर राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है इस विवाद को लेकर कई प्रकार की झारखंड की सियासी गलियारों में लगाई जा रही हैं ©Ek villain #खनन पट्टे ने बढ़ाया सियासी तापमान #EarthDay
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
हां बचपन में धुंध में अपने अब्बू को साइकिल पर रोजाना 30 k,m school पढ़ाने जाते हुए,मैने देखा है//१ अपने अब्बू को उस कम तनख्वाह में भी मुहब्बत से आल औलाद की परवरिश करते हुए मैने देखा है//२ अपनी हुनरमंद अम्मी को भी मेहनत से नाना के मकान में दिन_रातो में सिलाई करते हुए मैने देखा है//३ अम्मी को नमाज ए तेहज्जुद में खुद का अपना घर,दामन फैलाकर खुदा से रोते में गिड़गिड़ाकर मांगते हुए भी मैने देखा है//४ वालीदेंन ने बरसो से सींचा है जिस घर को,आज उसी घर को,आश्रित छोटे बेटी दामाद को किसी गैर को बेचते हुए भी देखा है// छोटे बेटी दामाद ने बेच करके अपने वालीदेंन के घर को,खुद के ख्वाबों को मुक्कमल करते हुए भी मैने देखा है//६ कैसे खून के रिश्ते,और कैसा जमाना आया है,एक सगी बेटी ने 78 साला अपाहिज वालीदेन को खुद के ही घर से पामाल करते हुए भी मैने देखा है लोगो जमाने में बेटा बहु का जो टैग इतिहास बताता है,आज इनके उलट मे ऐसे मक्कार बेटी दामाद को नया इतिहास रचते हुए मैने देखा है //८ शमा हद तो तब हुई जब आया सच सामने,तो कुत्ते, लोमड़ी के समर्थन में सियारों को दस्तखत फर्जी पट्टे मे करते हुए भी मैने देखा है//९ स्वरचित १५/६/२१ शमीम अख्तर/शमा write ✍️ ©shama write हां बचपन इस धुंध में अब्बू को साइकिल पर रोजाना 30 k,m school पढ़ाने जाते हुए,मैने देखा है//१ अपने अब्बू को उस कम तनख्वाह में भी म
Vishw Shanti Sanatan Seva Trust
happy Ganesh chaturthi ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust ।। सत्य वचन।। ॥ ॐ गणेशाय नमः ।। II विश्वशांति ज्योतिष केंद्र ।। शिवपुराण में भाद्रपद मास की चतुर्थी को मंगलमूर्ति गणेश की अवतरण-तिथि बताया ग
Harshit Pranjul Agnihotri
Er.Shivampandit
कविता है :- दिनचर्या कवि है :- धूमिल निवासी :- बनारस (बाबा की नगरी) हर हर महादेव 🙏 #stay_home_stay_safe सुबह जब अंधकार कहीं नहीं होगा, हम बुझी हुई बत्तियों को इकट्ठा करेंगे और आपस में बाँट लेंगे. दुपहर जब कहीं बर्फ नहीं