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Stories related to हो आईने

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words_of_heart_pa

बुरा हो आईने तिरा मैं कौन हूँ न खुल सका मुझी को पेश कर दिया गया मिरी मिसाल में #Shayari

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kavi amit kumar

पियानो अपनी धुन में खुद बजता है । तुम खुद सबरते हो आईने के सामने मेरी मां खुद आईना है । मुझे खुद आईना सबारता है ।। अमित की कलम से .....

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पियानो अपनी धुन में खुद बजता है ।
  तुम खुद सबरते हो आईने के सामने
 मेरी मां खुद आईना है ।
 मुझे खुद आईना सबारता है ।।

अमित की कलम से ......✍️✍️ पियानो अपनी धुन में खुद बजता है ।
  तुम खुद सबरते हो आईने के सामने
 मेरी मां खुद आईना है ।
 मुझे खुद आईना सबारता है ।।

अमित की कलम से .....

kavi amit kumar

पियानो अपनी धुन में खुद बजता है । तुम खुद सबरते हो आईने के सामने मेरी मां खुद आईना है । मुझे खुद आईना सबारता है ।। अमित की कलम से .....

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माँ का आँचल पियानो अपनी धुन में खुद बजता है ।
  तुम खुद सबरते हो आईने के सामने
 मेरी मां खुद आईना है ।
 मुझे खुद आईना सबारता है ।।

अमित की कलम से ......✍️✍️
9528912528 पियानो अपनी धुन में खुद बजता है ।
  तुम खुद सबरते हो आईने के सामने
 मेरी मां खुद आईना है ।
 मुझे खुद आईना सबारता है ।।

अमित की कलम से .....

kavi amit kumar

पियानो अपनी धुन में खुद बजता है । तुम खुद सबरते हो आईने के सामने मेरी मां खुद आईना है । मुझे खुद आईना सबारता है ।। अमित की कलम से .....

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माँ का आँचल पियानो अपनी धुन में खुद बजता है ।
  तुम खुद सबरते हो आईने के सामने
 मेरी मां खुद आईना है ।
 मुझे खुद आईना सबारता है ।।

अमित की कलम से ......✍️✍️
9528912528 पियानो अपनी धुन में खुद बजता है ।
  तुम खुद सबरते हो आईने के सामने
 मेरी मां खुद आईना है ।
 मुझे खुद आईना सबारता है ।।

अमित की कलम से .....

RAHUL Nitin GUPTA

#d_mysterious_lioness किसी मुकम्मल से मोहब्बत हो गयी , मोहब्बत भी क्या करने लायक तो हो , आईने जैसे चेहरे से मोहब्बत होती है , लेकिन टूटे आ #शायरी

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किसी मुकम्मल से मोहब्बत हो गयी ,
मोहब्बत भी क्या करने लायक तो हो ,
आईने जैसे चेहरे से मोहब्बत होती है ,
लेकिन टूटे आईने से मोहब्बत हो ....
क्या ऐसा भी वजिब है .....

©RAHUL Nitin GUPTA #d_mysterious_lioness 

किसी मुकम्मल से मोहब्बत हो गयी ,
मोहब्बत भी क्या करने लायक तो हो ,
आईने जैसे चेहरे से मोहब्बत होती है ,
लेकिन टूटे आ

kavi amit kumar

#maa पियानो धुन बजाता है । उसे कोई इंसान बजाता है । तुम सजते हो ,आईने को देखकर , मेरी मां खुद आईना है । मुझे खुद आईना सजाता है ।। अ

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माँ का आँचल  पियानो धुन बजाता है ।
 उसे कोई इंसान बजाता है ।
 तुम सजते हो ,आईने को देखकर ,
   मेरी मां खुद आईना है ।
 मुझे खुद आईना सजाता है ।।

अमित की कलम से ✍️✍️✍️ #maa
  पियानो धुन बजाता है ।
 उसे कोई इंसान बजाता है ।
 तुम सजते हो ,आईने को देखकर ,
   मेरी मां खुद आईना है ।
 मुझे खुद आईना सजाता है ।।

अ

Saurvi Singh

क्या ढूंढ रही हो खुद में तुम ? कुछ बाकी रह गया है क्या ? या किसी चीज की तलाश में हो तुम तुम ढूंढ रही हो शायद, उस बेपरवाह हंसी को , जो तुम #Travel #Shayari

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क्या ढूंढ रही हो खुद में तुम ?

कुछ बाकी रह गया है क्या ?
या किसी चीज की तलाश में हो तुम

तुम ढूंढ रही हो शायद, 
उस बेपरवाह हंसी को ,
जो तुम्हारे होठों पर आ जाया करती थी I 

तुम ढूंढ रही हो, 
वो पहले से ख्वाब तुम्हारे जिनमें तुम अक्सर बह जाया करती थी I
 
तुम ढूंढ रही हो, 
आईने में उस शख्स को जो मिलता नहीं अब तुम्हारे पुकारने पे,
 
तुम को तो बसंत प्यारा था, अब पतझड़ में क्यों गुम हो तुम I 

आखिर,
 क्या ढूंढ रही हो तुम ?

©️saurvisingh

Kavya - काव्य 
Hindi Panktiyaan

©Saurvi Singh क्या ढूंढ रही हो खुद में तुम ?

कुछ बाकी रह गया है क्या ?
या किसी चीज की तलाश में हो तुम

तुम ढूंढ रही हो शायद, 
उस बेपरवाह हंसी को ,
जो तुम

Poonam Ritu Sen

ये आजादी की आरजू है या आरजू है मौत की, दौड़ भाग में उलझ रही हर किताब जिंदगी की, इंसान किताब बन चुके और धूल की परत उनमें है चढ़ चुकी, पन्ने पु #Freedom #OpenMIC #yqbaba #raipur #आरज़ू

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"मौत की आरज़ू"

I performed this piece in YQ Open mic Raipur- 4th edition

(Read full poetry in caption) ये आजादी की आरजू है या आरजू है मौत की,

दौड़ भाग में उलझ रही हर किताब जिंदगी की,
इंसान किताब बन चुके और धूल की परत उनमें है चढ़ चुकी,
पन्ने पु

Aarchi Advani Saini

शायरी जो लिखता हूं... किसी ने पूछा इतना जो शायरी में दिखते हो कौन है वो खुशनसीब जिसके लिए इतना प्यार भरा नगमा जाने-अंजाने मैं लिखते हो #InternationalTeaDay

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शायरी जो लिखता हूं... 

किसी ने पूछा इतना जो शायरी में दिखते हो 

कौन है वो खुशनसीब जिसके लिए 

इतना प्यार भरा नगमा जाने-अंजाने मैं लिखते हो. 

आईने में तो दिखता नहीं ये जो अक्स है तुम्हारा . 

पर तेरी शायरी में क्यूँ दिखता है क़ोई शख्स ये जो पुराना. 

ढूंढ़ रहे थे बरसों है, जो वो सुकुं शायद. 

हुनरमंद हों शायद, लिखते जब भी हों आयत. 

पढ़ते हैं तसल्ली से. जैसे क़ोई हों इनायत. 

तारीफ़ करूँ क्या तेरी लिखावट की. दुनियां नहीं हैं ये दिखावट की. 

खामोशियाँ जो मेरी पढ़ले तू. तेरी पंक्तियों में कही गढ़ ले तू. 

मेरी आँखों में दिखा है. मेरे दिल पर जो लिखा हैं. 

जिस स्याही से भी लिखूँगी. बस फीकी सी मैं दिखूँगी. 

जितनी भी कोशिश कर लूं. मैं तुझसा ना लिखूँगी. 

नजरों में तेरी हमेशा पर रूह मैं ना दिखूंगी. 

दिल का जो खाली पन्ना, दिल क़ी जो थी तमन्ना. 

जो ख़ास था तेरा वो. उसें मुझेसें भीं मिला दे. 

तेरी फुर्सतों के पल दो. तू मुझको भी दिला दे. 

होती हैं शायरी क्या ये मुझको भी सीखा दे. 

है डायरी तेरी जो वो मुझकों भी दिखा दे. 

इन लफ्जों की ये तलब, इन अश्कों की ये अदब. 

उन यादों का ये नशा, उन वादों की ये दशा. 

मैं तुझसी ही दिखूंगी. मैं तुझसा ही लिखूँगी. 

मैं शिद्दतों सी दिखूँगी. मैं मिन्नतों सी लिखूँगी. 

लफ्ज़ो में तेरे जो ये अहसास हैं, रूह पर मेरे जो ये एहसान हैं. 

बंद किताब सा पड़ा हूं मैं, अंधेरों मैं खड़ा हूं मैं. 

दिल क़े बंद कमरे में कैद सा मैं दिखता हूं. 

सच-झूठ, प्यार-यार, दर्द-फ़र्ज, मर्ज़-अर्ज़, वफ़ा-नफा, 

जिक्र-फ़िक्र, जीत-हार, सुःख-दुःख, रंज-तंज, चैन-रैन. 

जब भी मन करें तब बस लफ्ज़ अपने लिखता हूं. 

ज़िन्दगी क़े लम्हों में अजनबी सा दिखता हूं.x

©Aarchi Advani शायरी जो लिखता हूं... 

किसी ने पूछा इतना जो शायरी में दिखते हो 

कौन है वो खुशनसीब जिसके लिए 

इतना प्यार भरा नगमा जाने-अंजाने मैं लिखते हो

अशेष_शून्य

सुनो तुम आना इस बार तो जुग्नुओं को भर ले आना जेब में; देखो ना आस पास कितना अंधेरा इकठ्ठा कर लिया है मैंने इतना कि ख़ुद को भी मैं नहीं दिख #hindiquotes #yqbaba #yqdidi #paidstory #yqastheticthoughts #अशेष_शून्य

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"आईना "🍁
इक झूठ जरूरी है 
जिंदा रहने के लिए !!!!!
(अनुशीर्षक में ) सुनो तुम आना इस बार
 तो जुग्नुओं को भर ले आना जेब में;
देखो ना आस पास कितना 
अंधेरा इकठ्ठा कर लिया है मैंने 
इतना कि ख़ुद को भी मैं नहीं दिख
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