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New झुर्रियों Quotes, Status, Photo, Video

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

सेज अपनी हमें सजानी है । आज तो रात भी दिवानी है ।।१ हम नही अब कभी जुदा होंगे । बात मिलकर तुम्हें बतानी है ।।२ आज भी तुम जवां जवां लगती । झ #शायरी

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सेज अपनी हमें सजानी है ।
आज तो रात भी दिवानी है ।।१

हम नही अब कभी जुदा होंगे ।
बात मिलकर तुम्हें बतानी है ।।२

आज भी तुम जवां जवां लगती ।
झुर्रियों में छिपी जवानी है ।।३

मस्तियाँ खूब कर लिए तुम भी ।
अब सुनो ढल रही जवानी है ।।४

क्यों न मिलकर लिखें कहानी हम ।
हर सबक प्रेम की निशानी है ।।५

फिर उठे ना बुरी नज़र तुम पर ।
फट गई चोलियाँ सिलानी है ।।६

हो गये स्वार्थ में सभी अंधे ।
नेकियाँ अब किसे निभानी है ।।७

जाल वो ही बिछा रहे देखो ।
कह रहे जो मेहरबानी है ।।८

आज कह दो प्रखर उसे जाकर ।
तू अभी दिल कि राज रानी  है ।।९

२९/०५/२०२३      -महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सेज अपनी हमें सजानी है ।
आज तो रात भी दिवानी है ।।१

हम नही अब कभी जुदा होंगे ।
बात मिलकर तुम्हें बतानी है ।।२

आज भी तुम जवां जवां लगती ।
झ

सुसि ग़ाफ़िल

सत्यनिष्ठा और प्रेम १. सत्यनिष्ठा के सभी रिश्ते अमर होते हैं | २. सत्य निष्ठा और प्रेम बचपन के दो मित्र | ३. सत्य निष्ठा और हमें अमीरी गरीब

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सत्य निष्ठा और प्रेम सत्यनिष्ठा और प्रेम

१. सत्यनिष्ठा के सभी रिश्ते अमर होते हैं |
२. सत्य निष्ठा और प्रेम बचपन के दो मित्र |
३. सत्य निष्ठा और हमें अमीरी गरीब

Sarita Shreyasi

हैरत में डूबी आँखें, झुर्रियों में दबी मुस्कान, बुजुर्ग के तजुर्बे, कंधों पर किलकते बचपन से कुछ तो कहती है । शिखर पर चमकता कोहिनूर हीरा, और

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हैरत में डूबी आँखें,
झुर्रियों में दबी मुस्कान,
बुजुर्ग के तजुर्बे, कंधों 
पर किलकते बचपन से
कुछ तो कहती है ।

शिखर पर चमकता कोहिनूर हीरा,
बुनियाद में दरकते गुमनाम पत्थर,
एक-दूसरे से कुछ तो कहते हैं।

उपर उठती फुनगी से,
जड़ और जमीन की मशक्कत,
कुछ तो कहती है।

सबने अपनी बात कही,
रह गयी सब अनसुनी,
अनसुनी, अनकही से
अपनी जुबाँ में कुछ तो कहती है। हैरत में डूबी आँखें,
झुर्रियों में दबी मुस्कान,
बुजुर्ग के तजुर्बे, कंधों 
पर किलकते बचपन से
कुछ तो कहती है ।
शिखर पर चमकता कोहिनूर हीरा,
और

Sarita Shreyasi

माथे पर चमकती लकीरों से,सालों की गिनती हो जाती है, अनुभवी आँखों से स्नेह छलकता,परिपक्वता मुस्कुराती है, मौन साक्षी बन कर देखती,हर क्षण का लु #yqbaba #yqdidi #लौटा

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माथे पर चमकती लकीरों से,सालों की गिनती हो जाती है,
अनुभवी आँखों से स्नेह छलकता,परिपक्वता मुस्कुराती है,
मौन साक्षी बन कर देखती,हर क्षण का लुत्फ उठाती है,
खिलती जाती पुनः मुस्कान,उम्र ज्यों-ज्यों चढ़ती जाती है।

आगे जाने की होड़,दौड़ने की रफ्तार कम जाती है,
दंत-नख संग धार जिह्वा की भी नर्म हो जाती है,
बल आजमाने वाले हाथ,आशीर्वादों से भर जाते हैं,
झुकते कमर-कंधों के साथ,दुआओं के कद बढ़ जाते हैं।

कद शरीर का छोटा हो जाता,सर बड़प्पन का उठ जाता है,
भ्रम,मोह और अधिकारों का,जब दिन-दिन टूटा जाता है,
सूरज समय का चढ़ता है, अहं अभिमानी झुक जाता है,
झुर्रियों भरी झपकती पलकों से,लौटा बचपन मुस्काता है। माथे पर चमकती लकीरों से,सालों की गिनती हो जाती है,
अनुभवी आँखों से स्नेह छलकता,परिपक्वता मुस्कुराती है,
मौन साक्षी बन कर देखती,हर क्षण का लु

Satish Chandra

#Triveni दर्जा है माँ का उसका कहलाता है वो बेटा जिसका, झुर्रियों के पीछे भी माँ, माँ ही हुआ करती है। #yqdidi - YourQuote Didi #yqbaba #loveyoumaa😘😘 #twg #FreakySatty

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दर्जा है माँ का उसका
कहलाता है वो बेटा जिसका,

झुर्रियों के पीछे भी माँ, माँ ही हुआ करती है। #triveni

दर्जा है माँ का उसका
कहलाता है वो बेटा जिसका,

झुर्रियों के पीछे भी माँ, माँ ही हुआ करती है।

#YQdidi - YourQuote Didi

Nammy S

मन को जवां बनाइये इन झुर्रियों को भगाइये। #yqdidi #yqquotes #Trending poetry love #झुर्रियां #चेहरे #nammy27

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चेहरे पर झुर्रियां
सिर्फ उम्र ढलने पर नही आती
जब इंसान अंदर से सूख रहा हो
तो भी वो चेहरे पर झलक जाती है। मन को जवां बनाइये
इन झुर्रियों को भगाइये।

#yqdidi #yqquotes #trending #poetry #love #झुर्रियां #चेहरे #nammy27

Insprational Qoute

नित्य नियमित सदावर्त कर वो पिता भरणपोषण करता था, दुःख,आँसू को पी वह जीवनकालचक्र में स्वतः ही फंसता था, संतान के सुख हेतु वह दिनरात परिश्रम क #yqbaba #yqdidi #काव्य_संगीत #collabwith_काव्य_संगीत #ks_contest_11 #वृदाश्रम

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✍️.. नित्य नियमित सदावर्त कर वो पिता भरणपोषण करता था,
दुःख,आँसू को पी वह जीवनकालचक्र में स्वतः ही फंसता था,
संतान के सुख हेतु वह दिनरात परिश्रम क

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #शमशान_का_सिपाही.. पूष की सर्द रात ढ़ले, ​चल रही थी मै अकेले, ​साँझ तो कब की सिमट चुकी थी, ​अँधियारे की चादर ताने, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #bestyqhindiquotes

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​पूष की सर्द रात ढ़ले,
​चल रही थी मै अकेले,
​साँझ तो कब की सिमट चुकी थी,
​अँधियारे की चादर ताने,
​दिन-भर के थके-मादे,
​रास्ते भी सुस्ता रहें थें,
​कुहरे की नर्म रजाई के सहारे,
​बस मेरे कदमों के पड़ते पद्चाप,
हर ​दर खटखटा रहे थें रास्तों के,
और..आधी रात के बीच,
​अपनी प्रेमिकाओं के लिए गाये,
​झींगुरों के प्रेमगीत,
गुंजायमान थें चहुँदिश, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे

#शमशान_का_सिपाही..

पूष की सर्द रात ढ़ले,
​चल रही थी मै अकेले,
​साँझ तो कब की सिमट चुकी थी,
​अँधियारे की चादर ताने,

Nitin Kr Harit

प्रिय, उस अंतिम समय में, जब मेरी ये देह हो निस्तेज, अपनी रश्मि खो दे, झुर्रियों के बीच में सौंदर्य, जब खुद को डुबो दे । जब मेरी आँखों के घेर #lifequotes #truelove #yqbaba #aaina #yqdidi #yqhindi

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प्रिय, उस अंतिम समय में,
जब मेरी ये देह हो निस्तेज, अपनी रश्मि खो दे,
झुर्रियों के बीच में सौंदर्य, जब खुद को डुबो दे ।
जब मेरी आँखों के घेरे, चुप, छिपा लें स्वप्न सारे,
करवटों से आह निकले, आह में तुमको पुकारे ।
तुम चले आना, मेरी, उस कल्पना के चिर निलय में,
हाँ, नहीं कुछ और चाहूं, प्रिय, उस अंतिम समय में ।। प्रिय, उस अंतिम समय में,
जब मेरी ये देह हो निस्तेज, अपनी रश्मि खो दे,
झुर्रियों के बीच में सौंदर्य, जब खुद को डुबो दे ।
जब मेरी आँखों के घेर

Nitin Kr Harit

कहती रही, जो हर सहर, बहती हवा, किसने सुना ? है बुजुर्गों के तले रहती दुआ, किसने सुना ? ऊंची ईमारत में रहे तो आदमी, उंचा है क्या ? एक जरा स #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #मौन

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कहती रही, जो हर सहर, बहती हवा, 
किसने सुना ?
है बुजुर्गों के तले रहती दुआ, 
किसने सुना ?
ऊंची ईमारत में रहे तो आदमी,
उंचा है क्या ?
एक जरा से दिल में रहता है खुदा,
किसने सुना ?

बूढ़ी मां की कब हुई अपनी कही,
किसने सुना ?
झुर्रियों की कोई कीमत कब रही,
किसने सुना ?
कल सबेरे ही गई थी घर से जो,
खुश थी बड़ी,
अब तलक ना जाने क्यूं लौटी नहीं,
किसने सुना ?

किसने सुना है रंज ओ गम, किसने सुनी है बेबसी,
कितनी भी तुम आवाज़ दो, पर सच कोई सुनता नहीं,
बस इसीलिए, अब मौन हूँ मैं।। कहती रही, जो हर सहर, बहती हवा, 
किसने सुना ?
है बुजुर्गों के तले रहती दुआ, 
किसने सुना ?
ऊंची ईमारत में रहे तो आदमी,
उंचा है क्या ?
एक जरा स
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