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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
इक नेक खुशखल्क बशर जो गर्विदा हुआ है मूझपर, वो करके सलाम शहरे हरम में मिला है मुझको//१ मैं मशगूल थी मेरे खालिक की इबादत में,वो खुद नहीं रब के फजले करम में मिला है मुझको//२ वो मेहरबान फिदा तो है खुसूसन मुझी पर मगर इजहारे़ शरम में मिला है मुझको//३ एक रोज कहना ही था मुझे आमीन,वो नमाजे तहज्जुद की दुआए रहम में मिला है मुझको//४ "शमा"शहरे हरम गवाह है उस नेक खुशखल्क बशर का, के वो मेरे मुनव्वर धरम में मिला है मुझको//५ ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Wochaand इक नेक खुशखल्क बशर जो गर्विदा हुआ है मूझपर,वो करके सलाम शहरे हरम में मिला है मुझको//१ मैं मशगूल थी मेरे खालिक की इबादत में,वो खुद
#काव्यार्पण
Vedantika
गुज़रती रही ज़िंदगी आशोब-ए-सफ़ऱ में ख़ुशियाँ कब निकली हमें तो गुमां ना हुआ #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #आशोब #उर्दुकीपाठशाला #writinggyan #wordoftheday #yqbaba #yqdidi
Krish Vj
ज़र्रा-ज़र्रा बना आशोब हैं सत्य की राह में फ़क़त धैर्य और विश्वाश से मंज़िल मिली हैं #yqdidi #collabwithकोराकाग़ज़ #satya #urdu #urduhindi_poetry #learn आशोब:_ रुकावट
विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )
शहरे दिल में आया हूँ मैं तेरी राहों में चला आता हूँ मैं तेरे साथ होना चाहता हूँ मैं पर तेरे काबिल नहीं होता हूँ मैं तेरी दुनिया में खुशी ढूंढता हूँ पर मेरा इस शहर से कोई नाता नहीं है तेरी बातों में मगन रहता हूँ पर तेरे दिल का रास्ता नहीं है मैं अकेला हूँ इस शहर में तेरे बिना जीवन बेकार है मेरा तुमसे मिलना चाहता हूँ मैं पर मेरा इस शहर में कोई काबिल नहीं है शहरे दिल में दाखिल होना था मेरा किस्मत में तेरे साथ होकर जीना था मुझे लेकिन तेरे काबिल नहीं होता हूँ मैं क्योंकि मेरी दुनिया कुछ और होती है ©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) शहरे दिल सें आया हूँ मैं...........
vinay vishwasi
मानऽ ए भईया मानऽ काहाना हामार। नाया जुग में चलऽ अब शहर बाजार। गाँव में होत बाटे देखऽ अब दुर्गतिया। शहर में चमकत बाटे बिजुली के बतिया। होतही साँझ घारवा हो जाता आन्हार। मानऽ ए भईया मानऽ काहाना हामार। नाया जुग में चलऽ अब शहर बाजार। सुनऽ ए बाबू सुनऽ बतिया हामार। बुझऽ ना तूँ अब हमके एतनो गावांर। हमहूँ जानिलाँ बाबू शहरिया के बतिया। डी एम कलेक्टर बाने हमरो संघतिया। गऊँवो में अब लउकत बाटे बिजुली के तार। सुनऽ ए बाबू सुनऽ बतिया हामार। बुझऽ ना तूँ अब हमके एतनो गावांर। शहरे में बाटे भईया सब सुख के साधानावा। खुश होइ जाइ तहरो देखि के मानावा। छोड़ि के सब चलऽ आपन घर- बार। मानऽ ए भईया मानऽ काहाना हामार। नाया जुग में चलऽ अब शहर बाजार। अपनो तऽ बाटे बाबू बड़ी खेती-बरिया। कइसे सब छोड़िके जइबऽ बोलऽ शहरिया। माई बाप होइ जइहें अपनो लाचार। सुनऽ ए बाबू सुनऽ बतिया हामार। बुझऽ ना तूँ अब हमके एतनो गावांर। नाहीं छुटि पइहें भईया बाप महतरिया। भलहीं छुटि जाव ई सपना शहरिया। मिटे नाहीं देइब हम आपन संसकार। मानि हम गइनी अब बतिया तोहार। #भोजपुरी #गाँवशहर #विश्वासी मानऽ ए भईया मानऽ काहाना हामार। नाया जुग में चलऽ अब शहर बाजार। गाँव में होत बाटे देखऽ अब दुर्गतिया। शहर में चमकत
Ashutosh Kumar Upadhyay
ये कौन फकीर है छोड़ युट्यूब इन्स्टाग्राम इन्हा अपना लक्ष्य खोज रहा है कभी दिल जलाओ , कभी दिल दुखाओ आजकल यही शहरे ए आम है, समझाया लोंगो ने कई बार इसे, जिंदगी बिताना ही इन्हा बड़ा काम है तो ये क्या ढूंढता फिर रहा है ये कौन फकीर है इन्हा अपना लक्ष्य खोज रहा है Dedicated to all YQ writers ये कौन फकीर है छोड़ युट्यूब इन्स्टाग्राम इन्हा अपना लक्ष्य खोज रहा है कभी दिल जलाओ , कभी दिल दुखाओ आजकल यही
साहस
आशोब पैदा हुई है ज्यादा,नाउम्मीदी को लिए। आगोश अदा की है सदा,उम्मीद सरफिरी किए।। #आशोब -रूकावट #जिंदगी #इंसान #शायरी #उर्दुकीपाठशाला #collabwithकोराकाग़ज़ #princesslappi #YourQuoteAndMine Collaborating with Shahjadi Beg
Mithun Raj Kumar
हर किसी से बिछार गया हूं मैं कौन दिल में मेरा, मालाल रखे, शहरे हासती का आज नाबी हूं मैं, कौन आखिर, मेरा ख्याल रखे, ©Mithun Raj Kumar हर किसी से बिछार गया हूं मैं कौन दिल में मेरा, मालाल रखे, शहरे हासती का आज नाबी हूं मैं, कौन आखिर, मेरा ख्याल रखे,
Mithun Raj Kumar