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Devesh Dixit
कोमल (दोहे) कोमल हिय को जानिये, ईश्वर का वरदान। कहती है सद्भावना, उस सा नहीं महान।। बालक सम व्यवहार हो, नहीं कपट के पास। कोमल वाणी भी रहे, जगह बनाता खास।। वे ही उसको चाहते, जिनके ह्रदय समान। कोमलता का राज हो, जाने सकल जहान।। कोमल जिसका आचरण, मिले उसे सम्मान। ईश्वर का वह लाड़ला, उसका रखते ध्यान।। जिसने पाया ईश को, उसे मिला वरदान। कोमलता के साथ ही, उसे मिली पहचान।। ............................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कोमल #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi कोमल (दोहे) कोमल हिय को जानिये, ईश्वर का वरदान। कहती है सद्भावना, उस सा नहीं महान।। बालक सम
#कोमल #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi कोमल (दोहे) कोमल हिय को जानिये, ईश्वर का वरदान। कहती है सद्भावना, उस सा नहीं महान।। बालक सम #Poetry #sandiprohila
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मत रौंदो मुझे मैं फूल हूँ गुलाब का । महकते आँगन का, प्यार के इजहार का । जरिया हूँ मैं, मत रौंदो मुझे । मत रौंदो मुझे, मैं फूल हूँ गुलाब का । जुडा था अपने परिवार से, आँधी ने बिखेर दिया । वक्त की मार ने, परिवार से जुदा कर दिया । मेरी एक –एक बालक समान पत्ती, का नहीं कोई ठिकाना । सब देखते मुझे ऐसे, जैसे हूँ कोई अनजाना । जुड़ा था जब परिवार से, तो गुलदस्ते में सजा दिया । जुदा होते ही परिवार से, ठोकर से उड़ा दिया । पड़ी हैं मेरी पत्तियां जहाँ – तहां, कोई रौंद कर चला गया । मैं समेट भी न सका, कहता ही रह गया । मत रौंदो मुझे, मैं फूल हूँ गुलाब का । ……………………………………………… देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मत_रौंदो_मुझे #nojotohindi #nojotohindipoetry मत रौंदो मुझे मैं फूल हूँ गुलाब का । महकते आँगन का, प्यार के इजहार का । जरिया हूँ मैं,
#मत_रौंदो_मुझे #nojotohindi #nojotohindipoetry मत रौंदो मुझे मैं फूल हूँ गुलाब का । महकते आँगन का, प्यार के इजहार का । जरिया हूँ मैं, #Poetry #sandiprohila
read morePriyanka Jaiswal
बालकामगार मी बालकामगार मी तुम्हाला काय सांगू माझी व्यथा, बालमजुरी करणे गुन्हा आहे, असेच म्हणते सारी जनता पण बालमजुरी करायची मी, का थांबाऊ सांग, त्याच्याशिवाय कशी विझेल, आमच्या भुकेची आग.. अंथरुणाला खिळून बाबा माझे झोपले आहे... 4 पैशांसाठी आई माझी, लोकांच्या घरी भांडी घासत आहे... लहान आहे बहीण खूप, कशी भागऊ सांगा तिची भूक... बघून माझ्या आईचे हाल, कप बश्या धुतो मी टपरीवर, हातभार लावण्यासाठी तिला, गजरे विकतो कधी सिग्नलवर.. आमच्याकडे बघून कोणी दाखवतो सहानुभूती, तर कोणी निघून जातो रागात... खूप काही सहन करावं लागत, जीवन जगण्यासाठी या जगात.. मुलांना श्याळेत जाताना बघून, वाटतो त्यांचा हेवा.. अशी ही गरिबी आम्हालाच का दिली तू देवा.... खेळण्याचे,शिकण्याचे वय आमचे, पण बालपण हे आमचे कधीच संपून गेले, सांग ना रे देवा अशे किती गुन्हे आम्ही केले... कशी समझवू मी तुम्हाला, परिस्थिती माझ्या मनाची... फक्त एकच दिवस नका दाखऊ मया,ठेऊन स्टेटस् मोबाईल वर बालकामगार दिनाची... ©Priyanka Jaiswal #बालकामगार मी
Devesh Dixit
माँ की बाँहें माँ की बाँहें बुला रहीं इशारे से अपने लाल को देख कर उसको मुस्कुरा रही सीने से लगा कर जान को पल में हंँसे पल में रोए खेले उसके साथ वो मांँ की ममता ऐसी होए हर पल चाहे उसे पास वो लगे जरा सी खराश उसे अत्यधिक घबराए वो बेशक खुद ही उपचार कर सके पर डॉक्टर के पास ले जाए वो बालक की प्यारी सी मुस्कान पे खुद भी ऐसे खिलखिलाए वो मानो पहुंँची हो विष्णु धाम पे और उनसे मिल के आई हो मेरा बालक कहकर ऐसे प्यार से गले लगाए वो ओझल न हो जाए कहीं आंँखों से आंँचल में ऐसे छिपाए वो मांँ की बांँहे बुला रहीं इशारे से अपने लाल को देख कर उसको मुस्कुरा रही सीने से लगा कर जान को ……………….......... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #mothers_day #माँ_की_बाँहें #nojotohindi #nojotohindipoetry माँ की बाँहें माँ की बाँहें बुला रहीं इशारे से अपने लाल को देख कर उसको मुस्कु
#mothers_day #माँ_की_बाँहें #nojotohindi #nojotohindipoetry माँ की बाँहें माँ की बाँहें बुला रहीं इशारे से अपने लाल को देख कर उसको मुस्कु #Poetry #sandiprohila
read moreDevesh Dixit
टूटा हुआ तारा (दोहे) टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस। मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा है पास।। गिरता मुझको देख कर, सबको रहती चाह। माँगे सभी मुराद भी, दिल से कहते वाह।। पीड़ा को समझें नहीं, हैं बालक नादान। घर भी अब ये छूटता, रहा नहीं आसान।। धरती पर जब भी गिरा, समा गया हूँ जान। कैसी मुझसे कामना, कहाँ रहा सम्मान।। अद्भुत है ये जिंदगी, अकसर करे कमाल। मैं भी था समझा नहीं, जिसका मुझे मलाल।। ............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #टूटा_हुआ_तारा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi टूटा हुआ तारा (दोहे) टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस। मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा ह
#टूटा_हुआ_तारा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi टूटा हुआ तारा (दोहे) टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस। मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा ह #Poetry #sandiprohila
read moreअदनासा-
Bharat Bhushan pathak
जय जय जय कात्यायिनी माई। कृपा करो माँ सदा सहाई।। हम सभी बालक हैं अज्ञानी। मार्ग दिखाओ माँ कल्याणी।। ©Bharat Bhushan pathak #navratri#माँ_कात्यायिनी जय जय जय कात्यायिनी माई। कृपा करो माँ सदा सहाई।। हम सभी बालक हैं अज्ञानी। मार्ग दिखाओ माँ कल्याणी।।
#navratri#माँ_कात्यायिनी जय जय जय कात्यायिनी माई। कृपा करो माँ सदा सहाई।। हम सभी बालक हैं अज्ञानी। मार्ग दिखाओ माँ कल्याणी।। #Poetry
read moreMunni
White ''mera iss qadar uske jindegi se yun hi nikal jana mehej ek ittefaq keh layega.. magar.. mere jaane se usey thora bhi dukh na hoga , sayed usey isi pall ka barson se intejar hoga...'' ©Munni #SAD #Mehez ittefaq kehlayega... @ Raj_Xoxo KK क्षत्राणी Ak.writer_2.0 SK.. S.V SINGH Sheel Sahab 0 Niaz (Harf) sana naaz babban Maaahi..
Munni
White ''rehne dein kuch baatain yun hi aankahin si.. kuch jawab teri meri khamoshi me hi aatke aacche hein...'' !!! ©Munni #SAD #kuch aankahin baatain... #nojoto @ Heartless Maaahi.. R. Ojha नादान बालक... Ak.writer_2.0 AbhiJaunpur KK क्षत्राणी Sachin Dubey Arsh