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Parasram Arora

विशालता.... #शायरी

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आखिर तुमने अपने ह्रदय क़ो इतनी विशालता क्यों दे दी
तुम   पूरे ज़माने क़ो अपने भीतर समेट लेना चाहते हो क्या

लेकिन मुझसे   तुमने इतनी दूरी  क्यों  बना रखी है
इसमें भी तुम्हे कोई अपना नफा  नज़र  आ रहा है क्या

जिन्हे तुम ढूंढ रहे वे तो सफऱ पर  निकल चुके है
उनकी कमी  तुम्हे रुलाने लगी है क्या

तेरी ख्वाहिशों के  बादल अभी भी नजर आरहे तेरे  दिल के आसमान पर
कही वे  बादल  बिना  बरसे. ही  गुजर तो नही  गए  क्या 

तेरी गली से गुजरने में मुझे अभी भी डर लगता है
तूने अपनी गली में फैली हुई वहशत क़ो  काबू  कर लिया है क्या

ज़ब तू किसी से खफा नही तो तुझसे खफा कौन होगा
तेरे चेहरे पर आई इस उदासी क़ो कोई समझ नही पा रहा है  क्या

©Parasram Arora विशालता....

Manisha Keshav

Uma Vaishnav

समुन्द्र खारा है ..... अपनी विशालता के कारण,
क्यूँ कि उसने सारी दुनिया की कड़वाहट अपने में समेट ली है,और बदले में मीठे जल की बारिश की है।

©Uma Vaishnav #विशालता #समुद्र #खारा 

#findsomeone

Drjagriti

# दुख की विशालता को महसूस कीजिए #विचार

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Dalip Kumar 'Deep'

💕जब तक गहरे नही उतरोगे हृदय की विशालता। महसुस नहीं कर पाओगे😀 #drowning #drowning #विचार

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मानसिकता मज़बुत
करने के लिये चीज़ो
को पकड़ना छोड़ दो
पीछे भागना बंद करो
शांत हो जाओ फिर
कोई चीज़ अंदर रह
नहीं पायेगी...
संमदर कोई भी वस्तु
अपने अंदर नहीं रखता
कुछ भी डालो वो बाहर
उठा के रख देता है
छाँटता कुछ भी नहीं

©Dalip Kumar Deep 💕जब तक गहरे नही उतरोगे हृदय की
विशालता। महसुस नहीं कर पाओगे😀

#drowning 

#drowning

Shloak Vatsal

#lifequotes #DeepThought #youthpoetry #HindiPoem youtube link: Jivan ki Vishalta..... जीवन की विशालता... by Shloak Vatsal https://youtu. #कविता

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जीवन की विशालता 


जीवन एक नदी है हम धाराएं हैं उसमें बहतीं

जीवन विशाल महासागर है हम बूंदें हैं उसमें रहतीं

जीवन चलता समय है हम छोटे से पल हैं उसमें

जीवन विशाल सूर्य है हम किरणें हैं उससे निकलतीं।।


हम तरु पर लटके फल हैं कोई,जीवन हमारा माली है

हम घोड़े हैं किसी दौड़ के जिनकी डोर जीवन ने संभाली है

हम सरिता के चंचल पानी हैं जीवन विशाल बांध है

हम वानरों से नाचते गाते जीवन एक मदारी है।।


हम कठपुतलियां हैं रंगमंच की जीवन हमें नचाता है

हम छोटी छोटी वस्तु हैं जिनका जीवन निर्माता है

हम धूप में तपते प्राणी हैं जीवन पेड़ की ठंडी छाया है

हम तो उसके सेवक हैं जीवन स्वयं विधाता है।।


हम पत्थर के छोटे से टुकड़े जीवन विशाल चट्टान है

हम हवा में बहते धूलकण जीवन तेज़ तूफान है

जीवन की विशालता समझाने को इतना कहना ही काफी है

हम तो तुच्छ से प्राणी हैं जीवन स्वयं भगवान है।। #lifequotes #deepthought #youthpoetry #hindipoem 

youtube link: Jivan ki Vishalta.....
जीवन की विशालता...
 by Shloak Vatsal

https://youtu.

Divyanshu Pathak

Dedicating a testimonial to Divyanshu Pathakhappybirthdaytooupathakjiyqdidi# #YourQuoteAndMine Collaborating with Sudha Joshi जी आपने बहु #पाठकपुराण

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प्यार का उन्मुक्त आसमान.... 💕😊 Dedicating a testimonial to Divyanshu Pathak#happybirthdaytooupathakji#yqdidi#  #YourQuoteAndMine
Collaborating with Sudha Joshi जी आपने बहु

Pushpvritiya

हाँ मैं अल्पमति......... तुम वसुधैव कुटुंबकम का जाप लिए चलते हो, #कविता

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हाँ मैं अल्पमति.........                            

                  तुम वसुधैव कुटुंबकम का
           जाप लिए चलते हो,
                         मैंने तुममें अपनी 
                                    पूरी वसुधा माप ली........

           ज्ञान के क्षितिज पर विराजित तुम,
कहाँ तुम्हें मैं जान पाऊंगी 
                गृहस्थी पुस्तकालय मेरा 
     घटनाएं पुस्तक 
                               और अनुभव पृष्ठभूमि ज्ञान की......
                                                              
 कि मैं ताज नहीं 
हूँ वन तुलसी   
अवांछित 
                                    औषधीय गुण लिए तेरे आँगन निकल आई.........
 
द्वार पर पड़ा वह पायदान.                            
           जिस पर रगड़ पग उसे मलिन कर 
                  स्वच्छ रख पाते हो गृह की छवि.........
                     
हाँ मैं वह छोटा सा कण,
वह तृण
                             वह बूंद जो निज अस्तित्व खो
 कांति, शांति, विशालता, भद्रता,अस्तित्व तक का 
मूल धारे हूं तुम्हारी.......
                                       हाँ मैं अल्पमति..........

@पुष्पवृतियां

©Pushpvritiya हाँ मैं अल्पमति.........                            

                  तुम वसुधैव कुटुंबकम का
           जाप लिए चलते हो,

N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत का संक्षिप्त परिचय 'महाभारत' भारत का अनुपम, धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है। यह हिन्दू धर्म #पौराणिककथा

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{Bolo Ji Radhey Radhey}
महाभारत का संक्षिप्त परिचय
'महाभारत' भारत का अनुपम, धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है। यह हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। यह विश्व का सबसे लंबा साहित्यिक ग्रंथ है, हालाँकि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है।

हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है, और इसे लिखने का श्रेय भगवान गणेश को जाता है, इसे संस्कृत भाषा में लिखा गया था। इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने अपने इस अनुपम काव्य में वेदों, वेदांगों और उपनिषदों के गुह्यतम रहस्यों का निरुपण किया हैं। इसके अतिरिक्त इस काव्य में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या तथा धर्मशास्त्र का भी विस्तार से वर्णन किया गया हैं।

महाभारत की विशालता और दार्शनिक गूढता न केवल भारतीय मूल्यों का संकलन है बल्कि हिन्दू धर्म और वैदिक परम्परा का भी सार है। महाभारत की विशालता महानता और सम्पूर्णता का अनुमान उसके प्रथमपर्व में उल्लेखित एक श्लोक से लगाया जा सकता है, जिसका भावार्थ है, 

'जो यहाँ (महाभारत में) है वह आपको संसार में कहीं न कहीं अवश्य मिल जायेगा, जो यहाँ नहीं है वो संसार में आपको अन्यत्र कहीं नहीं मिलेगा।'

यह कृति प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में लगभग १,१०,००० श्लोक हैं, जो यूनानी काव्यों इलियड और ओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक हैं।

विद्वानों में महाभारत काल को लेकर विभिन्न मत हैं, फिर भी अधिकतर विद्वान महाभारत काल को 'लौहयुग' से जोड़ते हैं। अनुमान किया जाता है कि महाभारत में वर्णित 'कुरु वंश' १२०० से ८०० ईसा पूर्व के दौरान शक्ति में रहा होगा। पौराणिक मान्यता को देखें तो पता लगता है कि अर्जुन के पोते परीक्षित और महापद्मनंद का काल ३८२ ईसा पूर्व ठहरता है।

यह महाकाव्य 'जय', 'भारत' और 'महाभारत' इन तीन नामों से प्रसिद्ध हैं। वास्तव में वेद व्यास जी ने सबसे पहले १,००,००० श्लोकों के परिमाण के 'भारत' नामक ग्रंथ की रचना की थी, इसमें उन्होने भरतवंशियों के चरित्रों के साथ-साथ अन्य कई महान ऋषियों, चन्द्रवंशी-सूर्यवंशी राजाओं के उपाख्यानों सहित कई अन्य धार्मिक उपाख्यान भी डाले। इसके बाद व्यास जी ने २४,००० श्लोकों का बिना किसी अन्य ऋषियों, चन्द्रवंशी-सूर्यवंशी राजाओं के उपाख्यानों का केवल भरतवंशियों को केन्द्रित करके 'भारत' काव्य बनाया। इन दोनों रचनाओं में धर्म की अधर्म पर विजय होने के कारण इन्हें 'जय' भी कहा जाने लगा। महाभारत में एक कथा आती है कि जब देवताओं ने तराजू के एक पासे में चारों 'वेदों' को रखा और दूसरे पर 'भारत ग्रंथ' को रखा, तो 'भारत ग्रंथ' सभी वेदों की तुलना में सबसे अधिक भारी सिद्ध हुआ। अतः 'भारत' ग्रंथ की इस महत्ता (महानता) को देखकर देवताओं और ऋषियों ने इसे 'महाभारत' नाम दिया और इस कथा के कारण मनुष्यों में भी यह काव्य 'महाभारत' के नाम से सबसे अधिक प्रसिद्ध हुआ। जय श्री कृष्ण। जय श्री राधे।।

©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey}
महाभारत का संक्षिप्त परिचय
'महाभारत' भारत का अनुपम, धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है। यह हिन्दू धर्म

Sunita D Prasad

#yqdidi #yqtales #बस,यूँ ही चलते-चलते.....५ समंदर दिन में जितना आबाद होता है न, रात में उतना ही वीरान..। होटल के कमरे से समंदर की विशालता

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बस,यूँ ही चलते-चलते.....५

               --सुनीता डी प्रसाद💐 #yqdidi  #yqtales 
#बस,यूँ ही चलते-चलते.....५

समंदर दिन में जितना आबाद होता है न, रात में उतना ही वीरान..। होटल के कमरे से समंदर की विशालता
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