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neelu
White जो आपके पास है वह किसी के पास नहीं है.. वह आंखें जो खुली आंखों से ख्वाब देख सकते हैं वह हाथ जो लेने देने में फर्क नहीं करते हैं दिल जो सही और गलत में भेद कर सकता है निरंतर सत्य की तरफ जाता दिमाग... जो आपके पास है वह किसी के पास नहीं है आसमान की ऊंचाई...जमीन की गहराई होसलो का शिखर...किरदार की सच्चाई दाल रोटी के स्वाद से ..अब तक खीर क्यों नहीं आई जो आपके पास है वह किसी के पास नहीं है... सच की आग..झूठ की कठिनाई कमजोरी का बहाना.. मेहनत की भरपाई तूफानों का रुख और आंधियों की लड़ाई जो आपके पास है वह किसी के पास नहीं है... ©neelu #sad_shayari जो आपके पास है वह किसी के पास नहीं है.. वह आंखें जो खुली आंखों से ख्वाब देख सकते हैं वह हाथ जो लेने देने में फर्क नहीं करते है
#sad_shayari जो आपके पास है वह किसी के पास नहीं है.. वह आंखें जो खुली आंखों से ख्वाब देख सकते हैं वह हाथ जो लेने देने में फर्क नहीं करते है #Poetry
read moreAnkur tiwari
White कभी आया था एक शक्श अजनबी सा जिंदगी में कुछ दिन के लिए मेरे जीवन का रुख ही मोड़ दिया जिनसे बातें करके कभी वक्त का पता नही चलता था अंजान एक बात क्या हुई उसने बोलना ही छोड़ दिया @अंजान ©Ankur tiwari #Night कभी आया था एक शक्श अजनबी सा जिंदगी में कुछ दिन के लिए मेरे जीवन का रुख ही मोड़ दिया जिनसे बातें करके कभी वक्त का पता नही चलता था अ
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी दौड़ जिंदगी की,गाड़ी घोड़ो तक विचलित मन हो रहे है आनन्द परमानन्द सब गायब है हैसियत के फूल खिल रहे है दिखावा ही चलन बना है जिंदगी का दिल कितनो के तोड़े है कीमत बस्तुओं की बची है यहाँ पर बस पुतलो की तरह रुख हमारे हो गये संघर्षो में संवेदना मर गयी धन दौलत चपेट बैठे है परस्पर जीने की कला हम सब भूल बैठे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #car पुतलो की तरह रुख हमारे हो गये #nojotohindi
#car पुतलो की तरह रुख हमारे हो गये #nojotohindi #कविता
read moreHritik Gupta
White हवाओं का रुख बदलते देखा है बादलों को बिन मौसम बरसते देखा हैं बेसक मैंने कई ठोकरें खाई है ऐसे ही नहीं h.g संभल कर चलना सीखा है..... ©Hritik Gupta #sad_quotes #हवाओं का रुख
#sad_quotes #हवाओं का रुख #शायरी
read moreSrinivas
आंधियों से कह दो अपना रुख मोड़ लें, हम जब चलते हैं तो तूफान भी रास्ता छोड़ देते हैं। ©Srinivas #Motivated आंधियों से कह दो अपना रुख मोड़ लें, हम जब चलते हैं तो तूफान भी रास्ता छोड़ देते हैं।
#Motivated आंधियों से कह दो अपना रुख मोड़ लें, हम जब चलते हैं तो तूफान भी रास्ता छोड़ देते हैं। #विचार
read moreShivkumar बेजुबान शायर
White कुछ यादें ही फकत को छोड़ जाएगा वो जिंदगी से जब रिश्ता को तोड़ जाएगा वो उछल बैठ जाता,ब्ख्वाबों सा कभी जो उन आंखों से रुख, मोड़ जाएगा वो खुद को कहता रहा, जिनका हमसफर उन ख्वाहिशों के पर,न्मरोड़ जाएगा वो साथ रहता कभी, जिनकी हर आह में आंख से आंसू उनके,न्निचोड़ जाएगा वो भर रहा ' शकुचंद्र ' , दिल में गुब्बार एक ये जज़्बात का घड़ा, फोड़ जाएगा वो ©Shivkumar #emotional_sad_shayari #Emotional #Emotionalhindiquotestatic #EmotionalHindi #Nojoto कुछ यादें ही फकत को छोड़ जाएगा वो जिंदगी से जब #रिश्
#emotional_sad_shayari #Emotional #Emotionalhindiquotestatic #EmotionalHindi कुछ यादें ही फकत को छोड़ जाएगा वो जिंदगी से जब रिश् #कविता #रिश्ता #आंसू #हमसफर #जज़्बात
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- नज़्म हम आपसे उठाते हैं । आपको देख मुस्कराते हैं ।।१ आज बरसो हुए लिए फेरे । गिफ्ट तुमको चलो दिलाते हैं ।।२ प्यार कब बाँटते यहाँ बच्चे । प्यार तो और ये बढाते हैं ।।३ हाथ जब भी लगा तेरे आटा । रुख से लट तब हमीं हटाते हैं ।।४ जब भी आयी विवाह तारीखें । घर को खुशियों से हम सजाते हैं ।।५ घर के बाहर कभी न थी खुशियाँ । सोचकर शाम घर बिताते हैं ।।६ दीप बुझने न दूँ मुहब्बत का । नाम का तेरे सुर लगाते हैं ।।७ है खुशी का महौल घर में अब । बच्चे किलकारियां लगाते हैं ।।८ हाथ मेरा न छोड देना कल । जी न पाये प्रखर बताते हैं ।।९ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- नज़्म हम आपसे उठाते हैं । आपको देख मुस्कराते हैं ।।१
ग़ज़ल :- नज़्म हम आपसे उठाते हैं । आपको देख मुस्कराते हैं ।।१ #शायरी
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२ हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से । जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३ न था अपना कोई उसका मगर फिर भी । उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४ सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता । तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५ बताती हार है अब उन महाशय की । उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६ नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों । जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७ सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली । जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८ लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे । न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९ किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे । खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ
ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ #शायरी
read moreNaveen
खानाबदोस थे हम, रुख किया था उनकी और मुक्कमल हुए थे हम, सफ़र अनमोल था उनकी और प्यार हुआ था मुझे, पनाह मिली थी उनकी और #SAD #memoriesforever
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