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AJAY NAYAK
ऐ नारी तू करुणा की देवी है नारी तू ममता की परिछायी है बस तू चला चल अपने पग पग। जीवन है तेरा मुश्किलों से भरा पड़ा हर मोड़ पर तूझे ही देनी पड़ती है अग्निपरीक्षा फिर भी तू चला चल अपने पग पग। तेरा हृदय अंदर से जितना कोमल है तू बाहर से भी उतनी ही है ज्यादा नरम तू रूक न चला चल अपने पग पग। तू मूर्ती है मानवता के रूप की तू है विश्वास का जीता जागता उदाहरण तू ठहर न चला चल अपने पग पग। तूझे जिसने खो दिया, वो हर लड़ाई गया हार तूझे जिसने पा लिया, वो पूरा जग ही गया जीत तू बस चला चल अपने पग पग। –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #Women #womenempowerment #poem #nayaksblog #Nari ऐ नारी तू करुणा की देवी है नारी तू ममता की परिछायी है बस तू चला चल अपने पग पग। जीवन है ते
Jai Bhim
Alok Agarwal
हम अपने अपने घरों में शायद एक बहोत आराम की जिंदगी जीते हैं, और इसका पूरा श्रेय जाता है उन सारे जाँबाज सैनिकों को जो अपने परिवार की फिक्र किए बिना, ना जाने कितनी कठिन से कठिन परिस्थितियों में, हाथों में बंदूक लिए, सरहदों पर डटे रहते हैं। कारगिल विजय दिवस पर भारत के तमाम सैनिकों को दोनों हाथों से सलाम और कारगिल के शहीदों को नमन। 🙏🙏🙏 उनके लिए, मेरी तरफ से एक छोटी सी कोशिश भेंट के रूप में, इस पोस्ट के अनुशीर्षक में...!!! आज आई है एक मुसीबत, भारत माँ संकट में है उसकी लाज़ बचाने को तो, वो सैनिक सदा तत्पर है बढ़ा रहा है अपने कदम वो, दुश्म
वो फिर आएगी
दिवाली से पटाखे छीन लो , छीन लो होली से रंग और गुलाल, मूर्ती विसर्जन मे डालो अड़चन, बंदिशे लगाओ जितनी हो दिलमे मलाल... (Caption मे पढें) दिवाली से पटाखे छीन लो, छीन लो होली से रंग और गुलाल, मूर्ती विसर्जन मे डालो अड़चन, लगाओ बंदिशे जितनी हो दिल मे मलाल, संक्रांति की पतंग से मा
Namit Raturi
कुत्ता प्यारा लगा तो पुच्कारा, दुसरे का रंग भेद पसंद ना आया तो मारा, पक्षपात करते हो,फिर न्याय की बात करते हो, कैसे आइने मे खुद के अक्स से ऑखों मे ऑखें भरते हो? नस्ल नस्ल का फर्क करते हो,फिर जात पात के फर्क पे भाषण देते हो, बकरे को काट के,कुत्ते को घर का आधा राषन देते हो, देख के मैले दिलों को अब अक्स भी शर्म के मारे ओढ गया शोल है, read full poetry in caption Happy earth day please dont take it personal, just enjoy the poetry #RatNam “आखिर जानवर कौन है?” झटका हो या हो हलाल, खून का रंग तो आखिर रहेगा लाल, कही चिखें तो कही आहें, क्या उन्हें दर्द नहीं होता,क्या चलती नही
Namit Raturi
आखिर जानवर कौन है? caption me पढें ।। Note - You may agree or disagree to this poem,just dont get offended. Just my old poetry from 2014. आखिर जानवर कौन है?” झटका हो या हो हला
इकराश़
एक नामुकम्मल दास्तां (भाग: तृतीय (प्रथम)) अनुशिर्षक में पढ़ें माँ ने उसे कम से कम पच्चीस बार फ़ोन मिलाया होगा। हर बार एक ही ज़वाब, "जिस ग्राहक से आप बात करना चाह रहे हैं, वो या तो बंद है या पहुँच से बाहर
shubham hirode
पत्थर को क्यों पूजते हैं लोग भक्ति क्या हैं? लेकिन मैं पहले ही कह चुका हूँ कि मूर्ति में भगवान होते ही नहीं हैं.... इसे कुछ इस तरह से समजो तो समझ आ जाये एक बालक जिसके माता पिता गुजर जाते हैं। तो वह अपने माता पिता की मूर्ति बनाता हैं।और रोज उसे पूजता भी हैं।अपने मन से अपने आत्मविश्वास से की मेरे माता पिता सुन रहे हैं।उसे पूरा विश्वास होता हैं।अपने माता पिता की मूर्ति पर की मेरे माता पिता मेरे साथ ही हैं हरदम, ये सब उसकी मातृभक्ति एवं उसकी पितृभक्ति थी।जो उसे उस बनाई हुई,मूर्ति में अपने माता पिता को दिखाती थी।उनके होने का एहसास कराती थी।ये मन से की हुईं भक्ति ये आन्तरिक मन से किया हुआ विस्वास ही को भगवान कहते हैं।तबी तो में कहता हूँ,की मूर्ती में भगवान नहीं होते भक्त की भक्ति उस मूर्ती में भगवान का वास करवाती हैं।उसे भगवान दिखलाती हैं,उसी प्रकार प्रतेक मूर्ति को पूजने वाला ही अपनी भक्ति भाव से उस मूर्ति में भगवान को देखता हैं मेहसूस करता हैं.......लेकिन जब उस बालक को या किसी भक्त को कोई देखे तो उसे यह सब समझ से परे ही लगेगा।क्यों कि वह उस भक्ति/भक्तिभाव को उस आत्मविश्वास को उतनी अच्छे से समझ ही नहीं पायेगा यहीं अन्तर होता हैं एक भक्त और भक्ति एवम पत्थर की मूरत को ना मानने वालों मैं। I hop की आप सभी को पसंद आये मेरे विचार इसे मैने अपने भाई के साथ लिखा है। पत्थर को क्यों पूजते हैं लोग भक्ति क्या हैं? लेकिन मैं पहले ही कह च
yogesh atmaram ambawale
देव कुठे गेला तुमचा ? (Caption मध्ये वाचावे) कुठे गेला तुमचा देव ? #collabratingwithyourquoteandmine #देवालय #देऊळबंद #कोरोनासंदेश #माझादेव #yqtaai कोरोना व्हायरस चा संसर्ग होऊ नये म्हण
Sarita Prashant Gokhale
*🌺 सर्व गणेशभक्तांना गणेशोत्सवाच्या हार्दिक शुभेच्छा 🌺* शीर्षक :- देवा तू माझा श्रीगणेशा देवा तूच माझा विनायका श्रीगणेशा शुभाषिश हो द्यावा मजला प्रथमेशा !! धृ!! भाद्रपद मासी चतुर्थीला आगमन ठाई ठाई जल्लोष करती भक्तगण ओढ दर्शनाची पुरवी भक्तांची आशा !!१!! धुप,दीप,नैवेद्य,आरती पुष्पहार मोदकाचा प्रसाद ठेवला हातावर स्वागताला जल्लोषात वाजे ढोल ताशा !!२!! तुझ्या पाऊली शोभतो, वाहन उंदीर सा-या संकटाचा तूच बाप्पा तारणहार उमटे चेहर्यावर तुझ्यामुळे हास्यरेषा !!३!! दहा दिवस घरोघरी, सजे मखर भक्त गाती आरतीसंगे नाम गजर एकदंता,ओमकारा तू स्वयंप्रकाशा !!४!! अधिपती,गणपती,दुखहर्ता मूर्ती विघ्नहारी तू मोरया मनोरथ पुर्ती चौदा विद्या, चौसष्ट कलांचा गणाधिशा !! ५!! ©Smita Raju Dhonsale *🌺 सर्व गणेशभक्तांना गणेशोत्सवाच्या हार्दिक शुभेच्छा 🌺* शीर्षक :- देवा तू माझा श्रीगणेशा देवा तूच माझा विनायका श्रीगणेशा शुभाषिश हो द्याव