Find the Latest Status about फारस from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, फारस.
chirag mittal
तुम खुली किताब सी हो पर क्या करू फारसी मुझे समझ नहीं आती!! 😛😛😛😛 #yqbaba #YQdidi #fun #bhi #zaroori #hai #funny #फारसी
आशुतोष आर्य "हिन्दुस्तानी"
कायर सा दिखता है संयम जब हद से ज्यादा कर दें। क्या सम्मान बचा है शांति का चोला ओढ़नेवालों का? चैन नहीं आ सकता जबतक नरसंहार मचा करके। खून नहीं पी लेता हूँ मैं देश तोड़नेवालों का।। ©आशुतोष आर्य "हिन्दुस्तानी" 'अखण्ड राष्ट्र भारत' अमर रहे!🇮🇳 #आशुतोष_आर्य #आशुतोष_आर्य_हिन्दुस्तानी #अखण्ड_भारत #लक्ष्य_एक_अखण्ड_भारत #राष्ट्रप्रेम #राष्ट्र_गीत #दे
Tera Sukhi
बिछड़ गया वो हमनशीं क्या तारीफ़ करूँ कैसी तेरी बेवफाई कैसी तेरी बेख़ुदी मुलाकात तो कर कभी तुझे भी पता चले मेरी रूह तुझ से मिलने आएगी जिस्म कर बैठा ख़ुदख़ुशी हमनशीं फारसी भाषा से उर्दू भाषा में आया शब्द है, जिसका सामान्य अर्थ है—साथी, सहयोगी बिछड़ गया वो हमनशीं #wohumnashin #collab #yqbhaijan #yo
vishnu thore
सोड आता वेदनांचा गाव तू काळजाच्या ने किनारी नाव तू येत नाही सोबतीला फारसे बेनकाबी होत जाती आरसे बाळगावा का उराशी घाव तू ही कुणाची साद येते लाघवी अंतरीचा घाव सारा जागवी आसवांनी घे दवाचा ठाव तू... - विष्णू थोरे,चांदवड.(नाशिक). सोड आता वेदनांचा गाव तू काळजाच्या ने किनारी नाव तू येत नाही सोबतीला फारसे बेनकाबी होत जाती आरसे
yogesh atmaram ambawale
कधी कधी आपण सहजच काहीतरी लिहितो, जास्त विचार केलेला नसतो. नेमकं तेच लोकांना फार आवडलेलं असतं. आणि कधी कधी खूप विचार करून, छान असं काही लिहीलेलं असतं. पण त्याकडे मात्र फारसं कुणाचं लक्ष नसतं. होतं असं कधी कधी #collabratingwithyourquoteandmine #yqtaai #collab #मराठीलेखणी #कधीकधी #आवडतंमला #yqmarathiquotes कधी कधी आपण सहजच काहीतरी
SURAJ आफताबी
कागज पर छापी जो एक छन्द पूछे एक ही प्रश्न कलम क्यों उठाई तुमने जब औरो ने उठाये अश्न देख हृदय दशा तुम ही बताओ कैसे लेता प्रतिकार हर एक चेहरे में तुम ही हुये दृष्टिगत जो बन्द किये चश्म! जिन आँखों में तस्वीर तुम्हारी उन हाथों को कैसे भाये दश्न मैं कवि, तुम अराधना और तुम्हारा ही आलेखन मेरा यश्न सब जन तज मैने कागज़ को बनाया अपना कुटुम्ब जहाँ स्याही में हर रंग तेरा और बूँद होठों के तिल जैसा जश्न! हाथों में है उठाई कलम अब कैसे उठे कोई शस्त्र की तरफ कदम ! अश्न- पत्थर प्रतिकार- बदला दश्न- छुरी, चाकू यश्न- एक फारसी शब्द जिसका अर्थ वही होत
अल्पेश सोलकर
निरखून पाऊले चालत होता.. लागली असावी कधी ठेच कदाचित... आयुष्य गेलं मजुरी करून हिशेबात अजुनी उधारी कदाचित... फिरतो मोकाट जसा गुरांसारखा दाव्याची सवय नसावी कदाचित... कालपर्यंत तर भेटायचं ठरलं होत.. आज विश्वास उडून गेला असेल कदाचित... जमिनीवरून वाद फारसे दिसत नव्हते असावा ७/१२ कोरा कदाचित.. निरखून पाऊले चालत होता.. लागली असावी कधी ठेच कदाचित... आयुष्य गेलं मजुरी करून हिशेबात अजुनी उधारी कदाचित... फिरतो मोकाट जसा गुरांसारखा दाव
Ravi Shankar Kumar Akela
प्यार, इश्क, मोहब्बत, इनमें केवल एक ही अंतर है वह है 'भाषाओं का अंतर '। अलग-अलग धर्मों के हिसाब से प्रेम को अलग-अलग रूप में परिभाषित किया जाता है, जैसे कि हिंदू धर्म में प्यार, इश्क एक उर्दू शब्द है और इसी प्रकार मोहब्बत, उर्दू और फारसी का मिलाजुला रूप है, लेकिन तीनों शब्दों के वास्तविक अर्थ केवल "प्रेम "ही है। ©Ravi Shankar Kumar Akela #paani प्यार, इश्क, मोहब्बत, इनमें केवल एक ही अंतर है वह है 'भाषाओं का अंतर '। अलग-अलग धर्मों के हिसाब से प्रेम को अलग-अलग रूप में परिभाषित