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Chandrasen Singh
क्यों लहूलुहान ज़िंदगी करती है मुझको तसब्बुर में भी कत्लेआम करती है मुझको #लहूलुहान ज़िंदगी ©Chandrasen Singh #लहूलुहानज़िंदगी
Anjali Jain
धर्म के नाम पर एक दूसरे का विश्वास खो बैठे सत्य पर विश्वास नहीं होता पर, झूठ को सत्य मान बैठे जीने के लिए भेजा था ईश्वर और अल्लाह ने दोनों को बहुत थोड़ी सी चाहिए थी जमीन, जीने के लिए पूरा आसमान पाने के लिए एक दूसरे को लहूलुहान कर बैठे!! ©Anjali Jain लहूलुहान कर बैठ 17.02.23
लहूलुहान कर बैठ 17.02.23 #विचार
read moreAnuj Ray
लहूलुहान है सांसे अब तक" लहूलुहान है सांसे अब तक, हर एक आंसू से, दर्द का दरिया सुबह निकलता है। किस किसको दिखाऊं ,दिल के ज़ख्मों के हरे दाग़, राख के ढेरों से धुंआ अभी भी निकलता है। कराहती रहती है सूनी रातों में मोहब्बत, उसकी चीख़ों से थोड़े ,आफताब रास्ता बदलता है। हर रोज़ टूटते हैं लाखों दिल फिर भी, ए मोहब्बत , तेरी खुदाई का कारोबार फिर भी चलता है। ©Anuj Ray # लहूलुहान है सांसें अब तक"
# लहूलुहान है सांसें अब तक" #शायरी
read moreरौशन कुमार प्रिय
कविता:- दिल्ली लहूलुहान है kavya Kumari Akash yadav mini shaayar Neeraj Mishra Ajay yaduvanshi D_Radhe
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White फकत ये जिंदगी भी जेरो जबर की आदी है, निजात_ए_मौत ही इसकी आजादी है//१ उस जांसिता की नजर में नहीं कोई शहजादी है, कैद में जिसके बेगुनाह बेपनाह आबादी है//२ जो लहूलुहान रखता है अपने*कफस में परिंदो को,बेशक वो सरकशी में घिनौना*यज़िदी है//३ भूख,बेरोजगारी से बेहाल तो मानवता की बर्बादी है जो*तिश्ना_लब मारे गए वो सब तेरे फरियादी है//४ देखो*मुफलिसी में दिल मोम रखती है जो रब की बंदी देख"शमा तेरे शहर का अमीरे शहर भी*इमदादी है// #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #election2024 फकत ये जिंदगी भी जेरो जबर की आदी है, निजाते_मौत ही इसकी आजादी है//१ उस जांसिता की नजर में नहीं कोई शहजादी है,कैद में जिसके बेग
#election2024 फकत ये जिंदगी भी जेरो जबर की आदी है, निजाते_मौत ही इसकी आजादी है//१ उस जांसिता की नजर में नहीं कोई शहजादी है,कैद में जिसके बेग #shamawritesBebaak
read moreArchana Tiwari Tanuja
कदमों की आहट सुनते ही मै पीछे मुड़ी, भयावह आकृति दो परछाइयां थी खड़ी। डरी, सहमी,व्यथित,रुदन करती बोली वो, सुनाने लगी जुल्म की दास्तां सांसें उखड़ी।। क्या दोष था मेरा जो स्मिता लूटी हैवानों ने? लहूलुहान हुआ लाश मेरी झाड़ी में हैं पड़ी। चीखी,चिल्लाई,गिड़गिड़ाई जोड़े हाथ कितने। लाज बचाने की खातिर मैं बल भर थी लड़ी। तड़पती-भटकती है रुह मेरी कितने वर्षों से, कब लगेगी मेरे उन गुनाहगारों को हथकड़ी? नारी होना ही बना अपराध दूषित समाज में, आप बीती सुनाने को तुझसे आज हूं जुड़ी।। अर्चना तिवारी तनुज ©Archana Tiwari Tanuja #horrorstories #hountedstories #selfrespect #womensrights #humenity #nozotoEnglish #nozotohindi #nozotowrites #MyThoughts 22/02/2023 कदम
#horrorstories #hountedstories #selfrespect #womensrights #humenity #nozotoEnglish #nozotohindi #nozotowrites #MyThoughts 22/02/2023 कदम #सस्पेंस
read moreNisheeth pandey
हर घड़ी क्यों काटों में उलझने की बातें करते हो । काँटों में उलझ कर यूँ क्यों ख़ुद को लहूलुहान करते रहते हो ।। छोटी सी है ये जीवन की कहानी । गुलाब के लिए पंखुड़ियां क्यूं नहीं संयोजते हो ।। बहती खुंशबू में डुबकी लगा मज़ा ले लो जी। गुलाब की जान हथेली पर रख प्यार को गुलाबी क्यों नही करते ।। आज ही प्यार के फुल के पौधे कुछ बो डालो जी। आंगन कल की हो फूलों की बगियाँ जैसी क्यों नहीं सोचा करते ।। यकीनन है सफर जीवन की काटों से भरी। राह में गुलाबों की खुंशबू लेते क्यों नहीं चला करते ।। निशीथ मशगूल है अपने जीवन के द्वंद्व में आजकल। खाली वक्त भी कहाँ खाली है नियति के खेल में आजकल ।। -- @निशीथ ©Nisheeth pandey #Gulaab हर घड़ी क्यों काटों में उलझने की बातें करते हो । काँटों में उलझ कर यूँ क्यों ख़ुद को लहूलुहान करते रहते हो ।। छोटी सी है ये जीवन
#Gulaab हर घड़ी क्यों काटों में उलझने की बातें करते हो । काँटों में उलझ कर यूँ क्यों ख़ुद को लहूलुहान करते रहते हो ।। छोटी सी है ये जीवन #Artist #creative #कविता #talaash #FriendshipDay #Streaks #Parchhai #TereHaathMein #BehtaLamha #ChaltiHawaa
read moreNisheeth pandey
टूटते रिश्ते बिखरता परिवार को देख कुझ लिखने की कोशिश ..... *********** उलाहनामय शराब में डूबा डूबा इंसान रहा बौरा... त्याग रहा प्रेम और प्रसन्नतामय संसार ... परुष ढूंढ रहा स्त्री में देवी सीता सा ... स्त्री कहती तुम में कहां मर्यादा राम सा .... कोई सीता का उलाहना दे रहा... कोई राम का उलाहना दें रहा... ताना बाना के चक्रव्यूह में श्राप की गठरी में ... उलझा गया इंसान .... उलाहना के इस पगठंडी पर बेवड़ा सा डगमगाता इंसान .... कोई इधर लुढकता.... कोई उधर गिराता अपना ईमान .... बदचलन के दलदल पर .... देखना नहीं अपनी अपनी मर्यादा या संस्कार ..... बस एक दूसरे का चिरहरन में हैं लगे पड़े,.... हो रहा एक दूसरे के आत्मा का चरित्र लहूलुहान कभी.... हो रहा एक अर्धनरनारीश्वर के विश्वास का संघार कभी ,.... बन रहा जीवन बस अनियंत्रण का आघार .... खुद रच रहा व्याकुल मन का संसार ..... #निशीथ ©Nisheeth pandey #forbiddenlove उलाहनामय शराब में डूबा डूबा इंसान रहा बौरा... त्याग रहा प्रेम और प्रसन्नतामय संसार ... परुष ढूंढ रहा स्त्री में देवी सीता
#forbiddenlove उलाहनामय शराब में डूबा डूबा इंसान रहा बौरा... त्याग रहा प्रेम और प्रसन्नतामय संसार ... परुष ढूंढ रहा स्त्री में देवी सीता #lovequotes #Remember #कविता #Likho #walkalone #Streaks #निशीथ #Parchhai #Tuaurmain #BhagChalo
read moreRavendra
जानलेवा हमले में पिता पुत्र लहूलुहान बहराइच के कोतवाली नानपारा अंतर्गत नगर क्षेत्र के मोहल्ला घसियारन टोल का पूरा मामला क़स्बा नानपारा नि #न्यूज़
read moreNisheeth pandey
जो साख से टूट गया उसे जाने दो, फिर से नव कोंपल सजाने दो। टूट के बिखरे सूखते पत्तियों का मोह देखों, सुख कर भी कहा अपने साख का खाद बनने दो । मर कर भी फिर से जीना, सुनो पत्तियों, कभी न व्यर्थ जाना। शायद पेड़ ने पत्तियों को पाठ पठाया, क्या खूब संकल्प पत्तियों ने उठाया। पेड़ और पत्तियों का जीवन अंतिम साँस तक संधर्ष से है भरा ग्रीष्म में तपती झुलसती है , अंगारों के सम जलती है। शुष्क हवा के थपेड़ों से, फिर पत्ता पत्ता दहलती है। नीले आकाश पर घनघोर बादल जब छाते हैं, पत्ते पत्ते तन मन को भीगोने से नहीं बचा पाते हैं। जीव जंतु मनुख तोड़ मेमोर जाते हैं, फिर भी नए कोपलों संग चलते जाते है। अवरोध बहुत आते हैं लेकिन, पर कभी वीर की भांति नहीं घबराते हैं। पेड़ रहता अडिग है अपने सपने के लिये चीख़ चीख़ कहता सपनों को साकार बनाने दो। संधर्ष दौर कहाँ कम होता जब आते भीषण झंझावात, तो कुछ पेड़ पत्ते फूल और फल गिर जाते हैं, नवीन सृजन को वो अपने, फिर बीज अंकुरित कर जाते हैं। ऐसा ही जीवनचक्र होता है, तूफ़ान तो आते जाते रहते हैं, नियति के तूफ़ानों से, अब जी भर के टकराने दो। अंकुरित से पेड़ तक बनने का सफर सरल न होता , पथ में अनेक विघ्न आते है। जो बाधाओं से न विचलित होते, वही पेड़ फलदायी मंज़िल पाते है। जो मानव ज़ख्म से लहूलुहान हो कर भी उठ जाते है, वह मानव इतिहास रच जाते है। इतिहास के नए कोंपल पर, एक फलदाई साख बन जाने दो। जो साख से टूट गया उसे जाने दो, फिर से नव कोंपल सजाने दो। #निशीथ ©Nisheeth pandey #Sukha जो साख से टूट गया उसे जाने दो, फिर से नव कोंपल सजाने दो। टूट के बिखरे सूखते पत्तियों का मोह देखों, सुख कर भी कहा अपने साख का खाद बनन
#Sukha जो साख से टूट गया उसे जाने दो, फिर से नव कोंपल सजाने दो। टूट के बिखरे सूखते पत्तियों का मोह देखों, सुख कर भी कहा अपने साख का खाद बनन #lovequotes #Remember #कविता #Aasmaan #Ambitions #Streaks #Chhavi #निशीथ #titliyan #merasheher #ManKeUjaale
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