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نمیش
गहराई कहाँ से पिन्हाँ होगी मेरी निगहों मैं वक्त ही कहाँ क़दमो को चलने सारी राहों मैं पिन्हाँ hidden
पिन्हाँ hidden
read moreस्मृति.... Monika
बहुत सुनी ज़माने की अब तो खुद की सुन ले मन जाते -जाते जीवन में रह न जाए कोई चुभन मतलबपरस्त इस दुनिया में कोई किसी का यहाँ कहाँ? रिश्तों का शोर बहुत है पर दर्द मेरा पिन्हा ही रहा मैं भी तन्हा, तू भी तन्हा तू न मुझसे जुदा, न मैं तुझसे जुदा दोनों ही हैं एकदूजे के गम से गमज़दा| ©स्मृति.... Monika #RAINGIF #दर्द मेरा पिन्हा ही रहा
Prakhar Kushwaha 'Dear'
सफ़र में गिरा, मेरा लम्हा कहीं, मिला ना मुझे, रहा पिन्हा कहीं, मैं लौटूं भी कैसे, जिए बिन उसे, मैं बैठा रहा, होके तन्हा कहीं। पिन्हा - hide (छुपा हुआ) #dearsdare #yqdidi #yaadein #yqbaba #microtale
पिन्हा - hide (छुपा हुआ) #dearsdare #yqdidi #yaadein #yqbaba #microtale
read morePrakhar Kushwaha 'Dear'
न किरदार कोई न किस्सा रहेंगे, गुमनाम महफ़िल का हिस्सा रहेंगे। हम दीवाने हैं मर कर गुज़रते नहीं, धड़कते हुए दिल में ज़िंदा रहेंगे। जो चलता ज़िसम साथ दे न सका, तो बनकर सदा तेरे पिन्हा रहेंगे। चेहरे पे मेरे मायूसी दिखेगी, वादा है तुझ बिन के तन्हा रहेंगे। लोग शादी-लगन में हमें गाएंगे, बनकर यूँ बन्नी औ बन्ना रहेंगे। हर निशा मैं तुझी में उतर आऊंगा, झील हम तुम्हारे ही चन्दा रहेंगे। कहते मोहब्बत है धब्बा 'डिअर', फ़िर हम ख़ुशी से ही गन्दा रहेंगे। पिन्हा - आंतरिक, रूहानी #dearsdare #gazal #yqdidi #ghazal #yqghazal #yqgazal #love #life
Ashraf Fani【असर】
एक तन्हाई से मैं रोज़ यहाँ मिलता हूँ फिर भी कहते हैं लोग तन्हा हूँ कैसे भूलोगे मुझे और कहाँ जाओगे अब तो मैं साँसों में भी *पिन्हा हूँ फिर भी कहते हैं लोग तन्हा हूँ *पिन्हा-छुपा ©Asar【असर】 एक तन्हाई से मैं रोज़ यहाँ मिलता हूँ फिर भी कहते हैं लोग तन्हा हूँ कैसे भूलोगे मुझे और कहाँ जाओगे अब तो मैं साँसों में भी *पिन्हा हूँ फिर भी
एक तन्हाई से मैं रोज़ यहाँ मिलता हूँ फिर भी कहते हैं लोग तन्हा हूँ कैसे भूलोगे मुझे और कहाँ जाओगे अब तो मैं साँसों में भी *पिन्हा हूँ फिर भी #शायरी
read moreAbhysheq Shukla
तुमसे राब्ता है कुछ ऐसा, की तेरे हर असरार का पासबान हूँ.. मसाफत की फ़िक्र मत कर, तेरा हर आज़ार मेरी रूह मैं पिन्हा हैं..! असरार. - राज पासबान - रक्षक मसाफत- दुरी पिन्हा - छिपा हुआ आजार - तकलीफ #quotes #lifequote #lifequotes #yqbaba #quote #yqtales #motivational
असरार. - राज पासबान - रक्षक मसाफत- दुरी पिन्हा - छिपा हुआ आजार - तकलीफ #Quotes #lifequote #lifequotes #yqbaba #Quote #yqtales motivational #Inspiration #motivationalquotes
read moreshahnawaz nazar official
वो माहजबीं हुस्न की इन्तिहा से गए देख आरीफ़ कयी इमां से गए वो दशना पिन्हां था सुर्ख लबों के अन्दर हम बोसा ज़न किया हुए ज़ां से गए ©shahnawaz nazar official दशना खंजर। पिन्हां छुपा हुआ। सुर्ख लाल। बोसा ज़न चुमने वाला। #Poetry #shahnawaznazar #lovepoetry #farsicombination #shayri Sahib khan صاح
दशना खंजर। पिन्हां छुपा हुआ। सुर्ख लाल। बोसा ज़न चुमने वाला। Poetry #shahnawaznazar #lovepoetry #farsicombination #shayri Sahib khan صاح #शायरी
read moreVishal Vaid
अगर अपनी कहानी चाहिए थी तुम्हे आवाज़ उठानी चाहिए थी जलाये खत तो मैंने राख उठाई तुम्हारी इक निशानी चाहिए थी बरी, मुजरिम को फिर से कर दिया है सजा कुछ तो सुनानी चाहिए थी जो ये तलवारें ले कर चल रहे है दवा उनको लगानी चाहिए थी ग़ज़ल में लहज़ा आना लाज़िमी था ज़ुबाँ हिन्दोस्तानी चाहिए थी बहर में कहना ही काफी नहीं है ग़ज़ल भी पुर-मआनी चाहिए थी ये ज़ख्म ए पिन्हाँ भर भी सकते थे 'अंश' तिरी शीरी-ज़बानी चाहिए थी 1222 1222 122 ग़लतियों से ज़रूर अवगत कराएं पुर मआनी --- अर्थ से भरी हुई ज़ख्म ए पिन्हाँ -- छिपे हुए घाव/ प्यार के घाव शीरी-ज़बानी --- मीठी बोली
1222 1222 122 ग़लतियों से ज़रूर अवगत कराएं पुर मआनी --- अर्थ से भरी हुई ज़ख्म ए पिन्हाँ -- छिपे हुए घाव/ प्यार के घाव शीरी-ज़बानी --- मीठी बोली #yqbaba #yqdidi #bestyqhindiquotes #vishalvaid #विशालवैद
read more... मोलिका
बूंद-बूंद उतर रहा है, उनका अक्स आईने पर, मुसलसल घुल रहा है मुझमें उनकी आदत की तरहा..!! गाहे-गाहे :- कभी कभी, पिन्हा :- hidden OPEN FOR COLLAB✨ #ATheartdrawn • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful word
गाहे-गाहे :- कभी कभी, पिन्हा :- hidden OPEN FOR COLLAB✨ #ATheartdrawn • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful word #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #aestheticthoughts #yqaestheticthoughts
read moreParastish
शराब जैसी हैं उसकी आँखें, है उसका चेहरा किताब जैसा बहार उस की हसीं तबस्सुम, वो इक शगुफ़्ता गुलाब जैसा वो ज़ौक़-ए-पिन्हाँ, वो सबसे वाहिद, वो एक इज़्ज़त-मआब जैसा वो रंग-ए-महफ़िल, वो नौ बहाराँ, वो नख़-ब-नख़ है नवाब जैसा उदास दिल की है सरख़ुशी वो, वो ज़िन्दगी के सवाब जैसा वो मेरी बंजर सी दिल ज़मीं पर, बरसता है कुछ सहाब जैसा कभी लगे माहताब मुझ को, कभी लगे आफ़ताब जैसा हक़ीक़तों की तो बात छोड़ो, वो ख़्वाब में भी है ख़्वाब जैसा न वो शफ़क़ सा, न बर्ग-ए-गुल सा, न रंग वो लाल-ए-नाब जैसा जुदा जहां का वो रंग सबसे, है उसके लब का शहाब जैसा उसी से शेर-ओ-सुख़न हैं मेरे, उसी से तख़्लीक़ मेरी सारी वो अक्स-ए-रू है मेरी ग़ज़ल का, मेरे तसव्वुर के बाब जैसा ©Parastish शगुफ़्ता - cheerful ज़ौक़-ए-पिन्हाँ - hidden desire वाहिद - unique इज़्ज़त-मआब- most esteemed; respected नख़-ब-नख़ - row by row, line by l
शगुफ़्ता - cheerful ज़ौक़-ए-पिन्हाँ - hidden desire वाहिद - unique इज़्ज़त-मआब- most esteemed; respected नख़-ब-नख़ - row by row, line by l #ghazal #sher #parastish
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