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Shilpa
मेरे सारी खबर रखते हो अखबार चलाते हो क्या? 2019#shilpapandya
कवि मनीष
सुना है जग को, तुम चलाते हो, जीवन का पहिया, तुम चलाते हो, जब भी आते हो तुम, साथ बहार आती है, गगन से आते हीं तेरे,
Rahul
Raj
करिश्मा ताब
वो तर्क करती है तो बर्दाश्त नहीं होता तुमसे वो जबाब मांगे तो हाथ उठ जाता है तुम्हारा वो चुपचाप सहन करले तो गुरूर बड़ता है तुम्हारा सब कहने की बातें हैं नारी सशक्त है ज्यादातर घरों में आज भी उसकी बात को तवज़्जो नहीं मिलती ज्यादा कमाती है तो पैसे की गर्मी घरेलू रहे तो कम अक़्ल और गवार अपनी बात मजबूती से रखने के लिये हर रोज जूझना पड़ता है कभी कभी तो अपमानित तक होती है मार खाती है जलील़ होती ताने मिलते हैं तू होती कौन है सपने और सिसकियाँ सब सहते मौन हैं ©®करिश्मा राठौर #औरत से पहले वो एक इंसान भी है ,उसको भी अपनी बात स्वतंत्रता से अपना तर्क रखने का अधिकार है जरा से तर्क वितर्क से तुम्हारा अहं क्यों आडे़ आ ज
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
बाहों में भर माथे को चूम खोकर एक दूसरे में क्या मुस्कुराते होंगे ? प्रेम में पति पत्नी क्या कुछ कह पाते होंगे कहाँ तो गले से लगा नज़्म कोई पढ़ जाते होंगे जीवन सफर में प्रेम जताने एक दूसरे के आगे दोनों झुक जाते होंगे, थोड़ा थोड़ा स्नेह बांट वो गृहस्थ के पहिये चलाते होंगे अनकहे प्रेम में हर रोज मन उनके भीग जाते होंगे.. डियर comrade इंस्टाग्राम पर जुडें 👇👇 ankurmadman ©Ankur Mishra बाहों में भर माथे को चूम खोकर एक दूसरे में क्या मुस्कुराते होंगे ? प्रेम में पति पत्नी क्या कुछ कह पाते होंगे कहाँ तो गले से लगा नज़्म को
kavi manish mann
शीर्षक - किसान का बेटा कृपया कैप्शन में ज़रूर पढ़ें ✍️ 🙏😊 👇 शीर्षक - किसान का बेटा हर दिन प्रातः ही उठकर, भोर में दौड़ लगाते हो। एक दिन वर्दी बदन में होगी, यही ख़्वाब सजाते हो।
Ajayy Kumar Mahato
तुम्हारे जीवन में फैला है प्रेम का उजियारा, तुम प्रेम लिखो। मेरे जीवन में फैला है ग़म का अंधियारा मैं ग़म लिखुँ। फिर क्यों तुम मेरे लफ्ज़ों पे सवाल उठाते हो, समझते नहीं मेरे शब्दों को, और मुझपर शब्दरूपी बाण चलाते हो। प्रेमास्पर्श पाकर तुम आल्हादित हो, मैं प्रेमप्रलय में तिनके सा प्लावित हूँ, तुम प्रेममय होकर प्रेम की बात लिखो, मैं क्षत-विक्षत हृदय की चीत्कार की बात लिखुँ। तुम उन्मुक्त प्रेम वन में विचरण करती, मृगया को चंचल लिखो। मैं प्रेमघात रक्ताक हृदय की करुणामय रुदन लिखुँ।। फैला है जीवन में तुम्हारे प्रेम का उजियारा, तुम प्रेम लिखो। मेरे जीवन में फैला है ग़म का अंधियारा मैं ग़म लिखुँ। ©Ajay ©Khamosh Zindagi तुम्हारे जीवन में फैला है प्रेम का उजियारा, तुम प्रेम लिखो। मेरे जीवन में फैला है ग़म का अंधियारा मैं ग़म लिखुँ। फिर क्यों तुम मेरे