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Subham Shiv
हमारा क़ातिल होने के लिए तुम्हें किसी तलवार की ज़रूरत नहीं, हमारा दिल खोलने के लिए तुम्हें किसी औजार की ज़रूरत नहीं। बस प्यार का इज़हार कुछ ऐसा हो कि कुछ और सोच हीं ना पाए हम, हमें हासिल होने के लिए तुम्हें किसी साज श्रृंगार की जरूरत नहीं। तुम बिना साज श्रृंगार के भी सुंदर हो... #vishi775 #ATप्यारकाइज़हारऐसाहो • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ #aestheticthoughts #pyaar #yq
Poonam Singh
सुगंध लहराते सरसों के खेतों की गुंजन कोयल के मधुर गीतों की, सुंगध फूलों से भरी डालियों की गुंजन फूलों पर मंडराती भवरों की, सुगंध महकती गेदों के फूलों की गुंजन चह-चहाती हुई गौरैयों की, सुगंध हवाओं की हसीं वादियों की गुंजन खिलती उड़ती तितलियों की, आई बेला हर्ष, यौवन, साज श्रृंगार की आई बेला प्रीत, प्यार, मिलनसार की। _पूनमसिंह सुगंध लहराते सरसों के खेतों की गुंजन कोयल के मधुर गीतों की, सुंगध फूलों से भरी डालियों की गुंजन फूलों पर मंडराती भवरों की, सुगंध महकती ग
🇮🇳always_smile11_15
🍃सावन की मेहंदी🍃 (read in caption)....✍️ ©🇮🇳always_smile11_15 हूँ "में, मिथिला की लाड़ली, "कान्हा" तुम हो मेरे आधार हूँ "सीता" माँ नगरी की, हैं जहाँ "राम-कृष्ण" का आधार "मीरा-राधा" बनी इस जग में वि
Ankur tiwari
Black कुछ होता है दिल के भीतर कुछ बाहर से ही खलता है जब नैन तेरे मुझको देखे दिल मेरा बड़ा मचलता है कभी यादों में कभी वादों में हर बार यूं ही आ जाते हो बस गए हो कुछ यूं रग रग में लहू सा दौड़े जाते हो साज श्रृंगार तुम्हारा यूं तो कितना पावन लगता हैं सजती हो तुम सादगी से रूप मनभावन सा लगता हैं मेरे स्वप्नों में आने वाली तुम वही परी मस्तानी हो जिससे मुझको हैं प्रेम हुआ तुम मेरी वही दीवानी हो ©Ankur tiwari #Morning कुछ होता है दिल के भीतर कुछ बाहर से ही खलता है जब नैन तेरे मुझको देखे दिल मेरा बड़ा मचलता है कभी यादों में कभी वादों में हर बार
Shree
कायदे जब ये कह कर सिखाए जाएंगे कि कपड़े ठीक से पहनो, शर्म-लाज, साज-श्रृंगार कम किया करो, कह कर बुरी नजर से बचाएंगे। कामकाज, रहने के ढंग बताए जाएंगे कि कल कोई शिकायत ना आए घर। कसीदे कढ़ाई और सिलाई शौक नहीं,देवन फरियाने के काम आएंगे। जब पुरुष 'आजादी' का नाम दे बहन बेटियों का हक उन तक पहुंचाएंगे। समझौते की उम्र नहीं होती। अब बस, अन्यथा पीढ़ियों तक पछताएंगे। ___________________________ समझौते की उम्र नहीं होती... स्त्री और समाज कायदे जब ये कह कर सिखाए जाएंगे कि कपड़े ठीक से पहनो, शर्म-लाज, साज-श्रृंगार कम किया करो, कह कर बु
Anu
मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में मैने किया है साज श्रृंगार कान्हा तेरे स्वागत में माखन मिश्री का भोग लगाया हाँ भोग लगाया तुम देर न करना गोपाल मेरे घर आने में मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में चारो दिशाओं में बिजली कड़के हाँ बिजली कड़के यमुना भी मारे उफान कान्हा तेरे स्वागत में मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में सबकी अँखियाँ तरस गई है हाँ तरस गई है तुम आना यूं ही दिन रात मेरे घर आँगन में मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में जन्म से पहले जगराता हैं हाँ जगराता है कोई सोयेगा नहीं आज रात कान्हा तेरे स्वागत में मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में गरजे बदरा बरसे बरखा हाँ बरसे बरखा मैने सजाया हैं पालना गोपाल जल्दी आ जाना मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में आप सभी को हमारी और से कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं🎂🎂🎂🎂🍫🍫🍫🍫🎊🎊🎉🎉🍹🍹 मेरे आँगन में खिला है गुलाब कान्हा तेरे स्वागत में मैने किया है साज श्रृंगार कान्हा तेरे स्वागत में माखन मिश्री का भोग लगाया हाँ भोग
Vedantika
चरणों पर गिरा हुआ एक फूल। वो मंदिर के बाहर बैठी हुई थी। आज उसे भरपेट खाना मिलने की उम्मीद थी। आज मंदिर को गेंदे के सुंदर पीले फूल से सजाया गया था। मंदिर की प्राचीरों पर गेंदे की लंबी-लंबी मालाए लटकी हुई थी। मंदिर के अंदर बाहर सब जगह आज पीले फूल दिखाई दे रहे थे जैसे एक दिन उसकी शादी से पहले उसके घर मे दिखाई दे रहे थे। उसकी आँखों के सामने अपनी ज़िंदगी का वो वक़्त किसी फ़िल्म की तरह घूम गया, जब उसकी शादी होने वाली थी। उसे गेंदे के पीले फूल बहुत पसंद थे।…… आज उसकी हल्दी की रस्म होने जा रही थी जिसमें इन्हीं पीले गेंदे के फूलों को पीसकर मिलाया गया था। उसने भी पीले कपड़े पहने थे। उसकी सहेलियाँ उसे
RUPAL SINGH 'भारतीय नारी'
मूँदकर आँख जिसने प्रेम को पूजा था कभी, मैंने उसके दिल में नफरत की आग को जलते देखा है। तमाम वादों की बुनियाद पर रिश्ता बनाकर, मैंनें लोगों को अक्सर मुकरते देखा है। अच्छे वक्त में मुँह दिखाकर बुरे वक्त में नज़रें घुमा ली, मैंनें
N S Yadav GoldMine
सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ आज इस कथा के बिना अधूरा है करवाचौथ का व्रत जानें आपके शहर में चांद निकलने का समय जरूर पढ़िए !! 🌹🌹 {Bolo Ji Radhey Radhey} करवा चौथ 2022 :-:- 🌝 आज सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ है। हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के द्वारा रखा जाना वाला यह एक खास व्रत है। करवा चौथ के पर्व में सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर शाम के चंद्रोदय होने तक व्रत रखती हैं। करवा चौथ में महिलाएं दिन भर निराहार और निर्जला व्रत रखते हुए अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करती हैं। व्रती महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करती हैं, और दिन भर उपवास रखते हुए शाम के समय करवा माता की पूजा, आरती और कथा सुनती हैं। इसके बाद शाम को चंद्रमा के निकलने का इंतजार करती हैं और जब चांद के दर्शन होते हैं तो सभी सुहागिन महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देते हुए अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं। सभी सुहागिन महिलाएं व्रत पूरा करने के बाद अपने सास-ससुर और बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हुए करवा चौथ का पारण करती हैं। करवा चौथ 2022 शुभ योग :- करवा चौथ पर सर्वार्थसिद्ध योग बन रहा है। ज्योतिष में इस योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। सर्वार्थसिद्धि योग से करवा चौथ की शुरुआत होगी। इसके अलावा शुक्र और बुध के एक ही राशि में यानी कन्या राशि में मौजूद होंगे। ऐसे में लक्ष्मी नारायण योग बनेगा। वहीं बुध और सूर्य के एक राशि में मौजूद होने पर बुधादित्य योग बनेगा। वहीं शनि और गुरु स्वयं की राशि में मौजूद रहेंगे। इस तरह के शुभ योग में पूजा करना बहुत ही शुभ लाभकारी रहता है। पूजाविधि :- 🌝 इस दिन सुहागिन स्त्रियां सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत रखने का संकल्प लेती हैं और सास द्वारा दी गई सरगी का सेवन करती हैं। सरगी में मिठाई, फल, सैंवई, पूड़ी और साज-श्रृंगार का सामान दिया जाता है। इसके बाद करवा चौथ का निर्जल व्रत शुरू हो जाता है, जो महिलांए निर्जल व्रत ना कर सके वह फल, दूध, दही, जूस, नारियल पानी ले सकती हैं। व्रत के दिन शाम को लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं, इस पर भगवान शिव, माता पार्वती,कार्तिकेय,गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित कर दें अन्यथा शिव परिवार की तस्वीर भी रख सकते हैं। 🌝 एक लोटे में जल भरकर उसके ऊपर श्रीफल रखकर कलावा बांध दें व दूसरा मिट्टी का टोंटीदार कुल्लड़(करवा) लेकर उसमें जल भरकर व ढक्कन में शक्कर भर दें,उसके ऊपर दक्षिणा रखें,रोली से करवे पर स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद धूप, दीप, अक्षत व पुष्प चढाकर भगवान का पूजन करें,पूजा के उपरांत भक्तिपूर्वक हाथ में गेहूं के दाने लेकर चौथमाता की कथा का श्रवण या वाचन करें। तत्पश्चात् रात्रि में चंद्रमा के उदय होने पर चंद्रदेव को अर्ध्य देकर बड़ों का आशीर्वाद लें। व्रत की कथा :- 🌝 प्राचीन काल में एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी। एक बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी सहित उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने भी करवा चौथ का व्रत रखा। रात्रि के समय जब साहूकार के सभी लड़के भोजन करने बैठे तो उन्होंने अपनी बहन से भी भोजन कर लेने को कहा। इस पर बहन ने कहा- भाई, अभी चांद नहीं निकला है। चांद के निकलने पर उसे अर्ध्य देकर ही मैं आज भोजन करूंगी। साहूकार के बेटे अपनी बहन से बहुत प्रेम करते थे, उन्हें अपनी बहन का भूख से व्याकुल चेहरा देख बेहद दुःख हुआ। 🌝 साहूकार के बेटे नगर के बाहर चले गए और एक पेड़ पर चढ़ कर अग्नि जला दी। घर वापस आकर उन्होंने अपनी बहन से कहा- देखो बहन, चांद निकल आया है। अब तुम अर्ध्य देकर भोजन ग्रहण करो। साहूकार की बेटी ने अपनी भाभियों से कहा- देखों, चांद निकल आया है, तुम लोग भी अर्ध्य देकर भोजन कर लो। ननद की बात सुनकर भाभियों ने कहा-बहन अभी चांद नहीं निकला है, तुम्हारे भाई धोखे से अग्नि जलाकर उसके प्रकाश को चांद के रूप में तुम्हें दिखा रहे हैं। 🌝 साहूकार की बेटी अपनी भाभियों की बात को अनसुनी करते हुए भाइयों द्वारा दिखाए गए चांद को अर्ध्य देकर भोजन कर लिया। इस प्रकार करवा चौथ का व्रत भंग करने के कारण विध्नहर्ता भगवान श्री गणेश साहूकार की लड़की पर अप्रसन्न हो गए। गणेश जी की अप्रसन्नता के कारण उस लड़की का पति बीमार पड़ गया और घर में बचा हुआ सारा धन उसकी बीमारी में लग गया।साहूकार की बेटी को जब अपने किए हुए दोषों का पता लगा तो उसे बहुत पश्चाताप हुआ। उसने गणेश जी से क्षमा प्रार्थना की और फिर से विधि-विधान पूर्वक चतुर्थी का व्रत शुरू कर दिया। 🌝 उसने उपस्थित सभी लोगों का श्रद्धानुसार आदर किया और तदुपरांत उनसे आर्शीवाद ग्रहण किया। इस प्रकार उस लड़की की श्रद्धा-भक्ति को देखकर एकदंत गणेश जी उस पर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवनदान प्रदान किया। उसे सभी प्रकार के रोगों से मुक्त करके धन, संपत्ति और वैभव से युक्त कर दिया। इस प्रकार यदि कोई भी छल-कपट, अंहकार, लोभ, लालच को त्याग कर श्रद्धा और भक्ति भाव पूर्वक चतुर्थी का व्रत पूर्ण करता है, तो वह जीवन में सभी प्रकार के दुखों और क्लेशों से मुक्त होता है और सुखमय जीवन व्यतीत करता है। ©N S Yadav GoldMine सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ आज इस कथा के बिना अधूरा है करवाचौथ का व्रत जानें आपके शहर में चांद निकलने का समय जरूर पढ़िए !! 🌹🌹 {Bolo Ji Radh
Unconditiona L💓ve😉
किसी मंदिर के मुहाने पे, खंडित एक और देवी मूरत..! तृष्कार, बेबसी और असीमित पीड़ा की जिसकी है सूरत..! ( भाव अनुशीर्षक में..) 🌺जिसमें पूरी रचना पढ़ने और समझने की शक्ति न हो, कृपया वो कमेंट न करें 🙏🙏 ********************* 🌺विधवा 🌺 ______