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Sulabh Bagde
सखे ग साजणी माझी ग तु प्रिये शोधू मि तुला कुठे... जीव माझा तुझा विना लागे ना ग इथे... सखे ग साजणी... माझी प्रिये... शोधू मि तुला इथे कुठे.. सखे ग साजणी माझी ग तु प्रिये शोधू मि तुला कुठे... जीव माझा तुझा विना लागे ना ग इथे... सखे ग साजणी... माझी प्रिये... शोधू मि तुला इथे कुठे.
Priya sapana pramod pawar
स्वप्नामध्ये दिसतेस तू, वाऱ्यात मला भासतेस तू माझ्या मनी असतेस तू खोल श्वासात वसतेस तू श्वासात तू भेटना मला माझ्या जगी ये ना जरा, नजरेतूनी सांगना मला माझीच तू आहेस ना? ओठांवरी नाव हे तुझे उगाच होती भास का नवे माझे मला काही न कळले, जीवाला तुझेच हे वेड लागले स्वप्नामध्ये दिसतेस तू, वाऱ्यात मला भासतेस तू माझ्या मनी असतेस तू खोल श्वासात वसतेस तू.. - प्रिया सपना प्रमोद पवार #Butterfly स्वप्नामध्ये दिसतेस तू...
pooja d
तुझ्या नावाची हळद लावून हातात हिरवा चुडा भरून । वाटत तुझ्या समोर यावं पुन्हा तुझी नवरी बनून ।। हे हास्य, ही लाजेची लाली पुन्हा एकदा चेहऱ्यावर यावी । पुन्हा एकदा तुझी नवरी बनण्याची वेळ माझ्यावर यावी ।। #माझी_लेखणी #स्वप्रेम #मी #नवरी #मराठीकविता
Samdarshi PrajaMandal
हे जगदीश्वर तुम्हें प्रणाम हे सर्वेश्वर तुम्हें प्रणाम । जहां देखता हूं वहां तुम ही तुम हो । झरनों में तुम हो, झीलों में तुम हो ।। पृथ्वी में तुम हो, शैलो में तुम हो सूरज में तुम हो, चंदा में तुम हो, जहां दृष्टि डालो वहां तुम ही तुम हो । जिधर देखता हूं उधर तुम ही तुम हो । तारों में तुम हो, सितारों में तुम हो । देवों में तुम हो, दनुजो में तुम हो । गंगा में तुम हो ,यमुना में तुम हो, हर मन में तुम हो, हर तन में तुम हो , धरा से गगन तक रमे तुम ही तुम हो । जिधर देखता हूं वहां तुम ही तुम हो ।। ग
yashu tiwari
एक बेटी क्या कहती है... ♥️ आपकी आवाज सुनकर ही सुकून का एहसास होने लगता है पापा आपकी उदासी एक अनकहा संबल आपके प्यार की खुशबु जैसे महके सुगंधित मंदिर की अगरबत्ती आपकी विश्वसनीयता मेरा खुद पर और गर्व महसूस करना आपकी छोटी सी मुस्कान मेरी बड़ी सी ताकत आप का हरपल का साथ ख़ुशी का एहसास इस जहा मे मेरे लिए आप से ज्यादा कोई खास नही है कोई भी नही...पापा, आपके भार तले दबी है मेरी हर एक साँस ।।आकांक्षा सिंह (romi) ग
Rajkamal Gupta
अल्फ़ाज़ मेरे दिल के, अल्फाज मेरे दिल के तन्हाईयाँ जो लिखी थी हमने सोचा न था कभी की नज़रो के सामने रहोगी हमारे पर हम दिल - ऐ - अल्फाज बयान ना कर पाएँगे । चाहना तो हम मे भी बहुत खूब लिखा है दिल - ऐ - दर्खाश्त, दरमीयाँ.... दिल भले मेरा जख्मी है, लेकिन सांसो में अब भी मगरूरी है मुर्खते - ऐ - जुबाने खारोफ कभी ऐहसास दिला न पाएँगे हम । ग