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Praveen Jain "पल्लव"

#AdhureVakya वैभवशाली भारत अपनी पीढ़ी को सौप पाते #AdhureVakya #AdhureVakya

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कितना अच्छा होता अगर मैं 
पल्लव की डायरी
सारी निर्भरता सरकारों ने ले ली
कानूनी पाठ पढ़ाते है
अपनो हितों की पूर्ती करते
जनता को झंडावत में फसाते है
कितना अच्छा होता हम
राष्ट निर्माण में कुछ कर पाते
वैभव शाली भारत को
अपनी पीढ़ी को सौप पाते
साजिशों के दौर पनपे
आत्मा चीत्कार करती है
सियासतों के अधोपतन
गर्त की नींव रखते है
बुनियाद भारत की हिलाकर
विदेशियों के लिये नींव रखते है
                                  प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #AdhureVakya 
वैभवशाली भारत अपनी पीढ़ी को सौप पाते
#AdhureVakya 
#AdhureVakya

Santosh Jangam

#GaneshChaturthi कविता "केदारेश्वर मंदिर - कलाकुसर संगम" हे मंदिराच्या वैभवशाली वास्तुकला, समृद्ध इतिहास आणि आध्यात्मिक महत्त्वाचे वर्णन करत #मराठीकविता

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कुछ लम्हें ज़िन्दगी के

आभूषणों में तो आप खुद ज़रदार है ज़िन्दगी फ़क़त तुमको क्यों ज़चती सिर्फ चाँदी क्या पता ?? ज़रदार - वैभवशाली ©️✍️ सतिन्दर kuchलम्हेंज़ #Poetry #Shayari #नज़्म #गज़ल #shyari #satinder #gazhal #kuchलम्हेंज़िन्दगीke #रेख़्ता

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आभूषणों में तो आप खुद ज़रदार है ज़िन्दगी
फ़क़त तुमको क्यों ज़चती सिर्फ चाँदी क्या पता ??

           ज़रदार - वैभवशाली
©️✍️ सतिन्दर आभूषणों में तो आप खुद ज़रदार है ज़िन्दगी
फ़क़त तुमको क्यों ज़चती सिर्फ चाँदी क्या पता ??

           ज़रदार - वैभवशाली
©️✍️ सतिन्दर 

#kuchलम्हेंज़

Poetry with Avdhesh Kanojia

आवाहन-4 जोड़ना है हमको अब यदि टूटे भारत के खण्डों को। तो कमर कसो तैयार हो जाओ उठाओ अपने भुजदण्डों को? वीर प्राप्त हुए वीर गति को #कविता

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आवाहन-4

जोड़ना है हमको अब यदि
टूटे भारत के खण्डों को।
तो कमर कसो तैयार हो जाओ
उठाओ अपने भुजदण्डों को?

वीर प्राप्त हुए वीर गति को
क्या रह गए बाकी डरने को?
जीवन न समर्पित हो जो देश को
क्या जन्म लिया बस मरने को?

कर दो नष्ट अविलम्ब शत्रु को
और उसके हथकंडों को।
फैंको उखाड़ अब छिपे हुए सब
गद्दार रूपी सरकंडों को।।

जन्में हैं यहाँ हम पले यहाँ पर
भारत माँ का ऋण है हम पर।
होंगे न दूर कर्तव्य से चाहे
कितने प्रहार खाएँ तन पर।।

माँ भारती की देखो जो यह
वैभवशाली शान है।
उसके लिए यह जन्म तो क्या
सौ जन्म मेरे कुर्बान हैं।।

✍️अवधेश कनौजिया© आवाहन-4

जोड़ना है हमको अब यदि
टूटे भारत के खण्डों को।
तो कमर कसो तैयार हो जाओ
उठाओ अपने भुजदण्डों को?

वीर प्राप्त हुए वीर गति को

Poetry with Avdhesh Kanojia

आवाहन-4 जोड़ना है हमको अब यदि टूटे भारत के खण्डों को। तो कमर कसो तैयार हो जाओ उठाओ अपने भुजदण्डों को? वीर प्राप्त हुए वीर गति को #कविता

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जोड़ना है हमको अब यदि
टूटे भारत के खण्डों को।
तो कमर कसो तैयार हो जाओ
उठाओ अपने भुजदण्डों को?

वीर प्राप्त हुए वीर गति को
क्या रह गए बाकी डरने को?
जीवन न समर्पित हो जो देश को
क्या जन्म लिया बस मरने को?

कर दो नष्ट अविलम्ब शत्रु को
और उसके हथकंडों को।
फैंको उखाड़ अब छिपे हुए सब
गद्दार रूपी सरकंडों को।।

जन्में हैं यहाँ हम पले यहाँ पर
भारत माँ का ऋण है हम पर।
होंगे न दूर कर्तव्य से चाहे
कितने प्रहार खाएँ तन पर।।

माँ भारती की देखो जो यह
वैभवशाली शान है।
उसके लिए यह जन्म तो क्या
सौ जन्म मेरे कुर्बान हैं।।

✍️अवधेश कनौजिया© आवाहन-4

जोड़ना है हमको अब यदि
टूटे भारत के खण्डों को।
तो कमर कसो तैयार हो जाओ
उठाओ अपने भुजदण्डों को?

वीर प्राप्त हुए वीर गति को

Poetry with Avdhesh Kanojia

#भारत #bharat #India #IndianArmy #Indian poetry #poem आवाहन-4 जोड़ना है हमको अब यदि टूटे भारत के खण्डों को। तो कमर कसो तैयार हो जाओ

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आवाहन-4
जोड़ना है हमको अब यदि
टूटे भारत के खण्डों को।
तो कमर कसो तैयार हो जाओ
उठाओ अपने भुजदण्डों को?

वीर प्राप्त हुए वीर गति को
क्या रह गए बाकी डरने को?
जीवन न समर्पित हो जो देश को
क्या जन्म लिया बस मरने को?

कर दो नष्ट अविलम्ब शत्रु को
और उसके हथकंडों को।
फैंको उखाड़ अब छिपे हुए सब
गद्दार रूपी सरकंडों को।।

जन्में हैं यहाँ हम पले यहाँ पर
भारत माँ का ऋण है हम पर।
होंगे न दूर कर्तव्य से चाहे
कितने प्रहार खाएँ तन पर।।

माँ भारती की देखो जो यह
वैभवशाली शान है।
उसके लिए यह जन्म तो क्या
सौ जन्म मेरे कुर्बान हैं।। #भारत #bharat #india #indianarmy #indian #poetry #poem 


आवाहन-4

जोड़ना है हमको अब यदि
टूटे भारत के खण्डों को।
तो कमर कसो तैयार हो जाओ

हरीश वर्मा हरी बेचैन

स्वतंत्रता का संदेश सुनकर.. राजे रजवाड़े जमींदार.. वैभवशाली चौकीदार.. गुण्डे और बदमाश!! सहम गये चौक गये! जनतंत्र का पहला वार! लागू हुआ संविध

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स्वतंत्रता का संदेश सुनकर..
राजे रजवाड़े जमींदार..
वैभवशाली चौकीदार..
गुण्डे और बदमाश!!
सहम गये चौक गये!
जनतंत्र का पहला वार!
लागू हुआ संविधान!
ध्वस्त हुआ जमींदार!
बैकों का हुआ राष्ट्रीय करण!
बदल रहा था संसार!
बने सरकारी संस्था अनेक!
जनता जिसमें थी आधार!
देख भविष्य की गड़बड़झाला!
रजवाड़ों ने राह निकाला!!
जाति धरम के दल बनाये!
खाकी कुर्ता पहन कर आये!
नफरत के बीजों को बो कर!
जनमानस को छल से भटकाये!
चन्दा और धन्दा को पकड़े!
कारपोरेट को गले से लगाये!
जनतंत्र का ले कर नाम!
रूप बदल कर फिर वो आये!
रोजगार और गरीबी लाचारी!
दिल से इनको कभी न भाये!
ले कर झुनझुना दे कर झुनझुना!
मजलूमों को है बहलाये!
हरी आज फिर गांधी सुभाष की..
चन्द्रशेखर आजाद की जरूरत है!
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हरीश वर्मा हरी बेचैन
8840812718 स्वतंत्रता का संदेश सुनकर..
राजे रजवाड़े जमींदार..
वैभवशाली चौकीदार..
गुण्डे और बदमाश!!
सहम गये चौक गये!
जनतंत्र का पहला वार!
लागू हुआ संविध

swaranjali sawan

हिन्द एवं हिन्दी ने आज अपना एक और रत्न स्वर्ग में विराजमान देवों के सुपुर्द कर दिया, उनके अन्तिम संस्कार के साथ ही उनकी आगामी यात्रा को ईश्व

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हे ज्ञान ज्योति के दिव्य पुंज तुमको शत् बार नमन मेरा!
हे शब्द, भाव से युक्त कुंज तुमको शत् बार नमन मेरा!
हे राजनीति शाश्र्वत प्रसंग तुमको शत् बार नमन मेरा!
हे राष्ट्र ध्वजा के शीर्ष रंग तुमको शत् बार नमन मेरा!
हे जीवन की ऊर्जित तरंग तुमको शत् बार नमन मेरा!
हे युवा राष्ट्र की उर उमंग तुमको शत् बार नमन मेरा!
हे नव भारत के परम् हंस तुमको शत् बार नमन मेरा!
माँ सरस्वती के दिव्य अंश तुमको शत् बार नमन मेरा!
-स्वरांजलि 'सावन'
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 हिन्द एवं हिन्दी ने आज अपना एक और रत्न स्वर्ग में विराजमान देवों के सुपुर्द कर दिया, उनके अन्तिम संस्कार के साथ ही उनकी आगामी यात्रा को ईश्व

#maxicandragon

#हिंदू कौन बताएगा तुमको के तुम कौन हो कैसे हिंदू विश्व भ्रमण करता था जो होता था केन्द्र बिंदू जहाँ हिमालय गंगा जमुना और सभ्यता सिंधू हर #Poetry #Shiv #Sadharanmanushya #साधारणमनुष्य

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#हिंदू 
कौन बताएगा तुमको के तुम कौन हो कैसे हिंदू 
विश्व भ्रमण करता था जो होता था केन्द्र बिंदू

जहाँ हिमालय  गंगा जमुना और सभ्यता  सिंधू
हर दिन दिन तिल तिल मरता आज सो रहा हिंदू 

तुम आजाद थे आजाद ही रहे वैभवशाली हिंदू 
उठो जगो लडो तुम फिर से विश्व विजयी तुम हिंदू 

तोडो जकडन जात पात की बनजाओ एकल हिंदू 
लहराओ पताका जीत ले आओ फिर से अपनी सिंधू

ज्ञान शास्त्र जो बोध कराए वो ही है हिंद और हिंदू 
शून्य से  संरचना करदे वो गुरू ज्ञानी है हिंदू 

संस्कृति सभ्यता जो लाए अजर अमर है हिंदू 
मरे मरुस्थल जो फूल खिलाए हैं कर्मठ वो हिंदू 

त्याग तपस्या ऋषि मुनि जन करते तत्पर किंतू
जन मानस कर्तव्य कह रहा कुंभकर्ण बनो न तुम हिंदू 

संकुचित संकीर्ण सरल न रहो विराट फिर बनो हिंदू
तेज प्रतापी बनो पराक्रमी विकराल बनो तुम हिंदू 

नष्ट हो रहा है साहस शक्ति यज्ञ करो तुम हिंदू 
हवन कुंड  ज्वाला सी अग्नि प्रज्वलित करो रे हिंदू 

अंत से पहले अनंत युगो तक का प्रण ले लो सब हिंदू 
निकलो घर से जीत लो जग को अब शिव बनो रे हिंदू 

#साधारणमनुष्य
#Sadharanmanushya

©#maxicandragon #हिंदू 
कौन बताएगा तुमको के तुम कौन हो कैसे हिंदू 
विश्व भ्रमण करता था जो होता था केन्द्र बिंदू

जहाँ हिमालय  गंगा जमुना और सभ्यता  सिंधू
हर

Divyanshu Pathak

ऋग्वेद काल 1500- 1000 ई.पूर्व से लेकर उत्तर वैदिक काल 1000 - 600 ई पूर्व तक हमने- दुनिया को - ऋग्वेद,यजुर्वेद,सामवेद और अथर्ववेद जैसे चार ग् #Collab #YourQuoteAndMine #तुमतक #पाठकपुराण

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मेरे देश की आत्मा उत्साह और शौर्य का ऊर्जा पुंज है।सभ्यताओं की जननी है।संस्कारों की खान है।त्याग,तपस्या,प्रेम, भक्ति और शक्ति का भण्डार है।हमें ज्ञात है कि- मोहन जोदड़ो,हड़प्पा, धौलावीरा,कालीबंगा, राखीघड़ी और गनवेरीवाला वृहत्तर भारतबर्ष की प्राचीनतम सभ्यताओं में सुमार हैं।1. सार्गोन अभिलेख - 2600 - 1800 ईसा पूर्व का बताते हैं।2. जॉन मार्शल इसे - 3200 - 2750 ईसा पूर्व का।3. माधोंस्वरूप वत्स - 3500 - 2700 ईसा पूर्व कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि दुनिया में सबसे पहले हम आए।

कैप्शन- में पढ़ें ऋग्वेद काल 1500- 1000 ई.पूर्व से लेकर उत्तर वैदिक काल 1000 - 600 ई पूर्व तक हमने- दुनिया को - ऋग्वेद,यजुर्वेद,सामवेद और अथर्ववेद जैसे चार ग्
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