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गजेन्द्र सिंह गज्जी
दो महीने से खडी है तकनीकी खराबी ठीक ही नही हो पा रही है लालबहादुर शास्त्री अंतरास्ट्रीय एयरपोर्ट बाबतपुर पर 27 अप्रैल को गो फर्स्ट का विमान इंजन में आई तकनीकी खराबी के चलते ग्राउंड कर दिया गया था। यह विमान दिल्ली से वाराणसी आ रहा था तभी पायलट को विमान में तकनीकी खराबी की जानकारी हुई। पायलट ने किसी तरह विमान की सुरक्षित लैंडिंग वाराणसी एयरपोर्ट पर की। दूसरे दिन दिल्ली से आई तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने विमान को ठीक करने का प्रयास किया, लेकिन तकनीकी खराबी दूर नही हो पाई, और विमान को एप्रन पर ग्राउंड कर दिया गया। ©गजेन्द्र सिंह गज्जी दो महीने से खडी है तकनीकी खराबी ठीक ही नही हो पा रही है लालबहादुर शास्त्री अंतरास्ट्रीय एयरपोर्ट बाबतपुर पर 27 अप्रैल को गो फर्स्ट का विमान
ÅJÎT KÙMÅR
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मैं अजीत कुमार पिछले 3 दिनों से बीमार था आप सोचेंगे कि मैं इस बात को सोशल मीडिया पर क्यों रखने जा रहा हूं! पहले दिन में रात लगभग 1:00 बजे मे
read moreVibha Katare
" सर्वनाम का अत्याधिक प्रयोग व्यर्थ भ्रम की उत्पत्ति का कारक होता है । जहाँ संज्ञा आवश्यक है वहाँ सर्वनाम को आराम ही करने दीजिये । " - सर्वनामों से त्रस्त एक संज्ञा सर्वनाम की सम्पूर्ण व्यथा और कथा अनुशीर्षक में पढ़िए। संभवतः आदिकाल में जब प्रकृति विभिन्न स्तरों पर सृजनरत थी, तब भाव और संवादों की नवकोपल भी भाषा रूपी तरु के उद्भव की ओर अग्रसर रही होंगी और सं
संभवतः आदिकाल में जब प्रकृति विभिन्न स्तरों पर सृजनरत थी, तब भाव और संवादों की नवकोपल भी भाषा रूपी तरु के उद्भव की ओर अग्रसर रही होंगी और सं #yqdidi #hinditales #व्याकरण #Rant #संज्ञा #सर्वनाम #भाषाज्ञान
read moreडॉ जे सी सोनी
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read morei am Voiceofdehati
WHATSAPP NEW PRIVACY POLICY: सावधानी ही समाधान (अनुशीर्षक में पढ़ें) WHATSAPP NEW POLICY: सावधान इण्टरनेट, संचार क्रान्ति में वरदान तो जरूर साबित हुआ और देखते ही देखते पूरी मानव सभ्यता की अहम जरूरत बन भी गया।
WHATSAPP NEW POLICY: सावधान इण्टरनेट, संचार क्रान्ति में वरदान तो जरूर साबित हुआ और देखते ही देखते पूरी मानव सभ्यता की अहम जरूरत बन भी गया। #Whatsapp #yqbaba #yqdidi #Privacy #jago_india_jago #voiceofdehati #yqlifelessons #साभार_webduniya
read moreKamaal Husain
कोशिश और सिर्फ कोशिश एक हैरतअंगेज दास्ताँ पढें कैप्शन में कोशिश का अंदाजा शायद लग जाए नमस्कार लेखकों।🌸 Collab करें आज इस पर और अपने ख्याल व्यक्त करें। Check out our pinned post 🎊 #rzpartners #rzhindiquest238 #yqdidi #yqr
नमस्कार लेखकों।🌸 Collab करें आज इस पर और अपने ख्याल व्यक्त करें। Check out our pinned post 🎊 rzpartners rzhindiquest238 yqdidi yqr
read moreRakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि
आलोक कुमार
बस यूँ ही चलते-चलते ......... जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त
आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त
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