Find the Latest Status about बरसने लगे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बरसने लगे.
Fastar Shiva Raghav
हस्ती मिट गई नाम कमाने में उम्र बीत गई खुशी पाने में एक पल में ना जुदा होना हमसे हमें तो बरसने लगे हैं आपको पाने में
हस्ती मिट गई नाम कमाने में उम्र बीत गई खुशी पाने में एक पल में ना जुदा होना हमसे हमें तो बरसने लगे हैं आपको पाने में #शायरी #nojotophoto
read moreChitra Mahur
तुम क्या दूर हुए मुझसे, मेरी आंखों के आंसू बादल बन नवम्बर में भी बरसने लगे ©Chitra Mahur तुम क्या दूर हुए मुझसे मेरी आंखों के आंसू बादल बन नवम्बर में भी बरसने लगे #baarish #rain #Aansu #baadal #November #tum #Door #Aankho #Rain
Bajrangautam
बदल गया जमाना। "देखो मौसम भी अब बरसने लगे, और जाग गए सारे अरमां। बदलते बदलते बस हम रह गए, और बदल गया सारा जहां।।" #मौसम #बरसने #बदल #जमाना
बदल गया जमाना। "देखो मौसम भी अब बरसने लगे, और जाग गए सारे अरमां। बदलते बदलते बस हम रह गए, और बदल गया सारा जहां।।" #मौसम #बरसने #बदल #जमाना #शायरी #nojotophoto #bajrangbhagat #bajrangautam #aapkejazbaat
read morexyz
// प्रेम // ••••••••• एक अंजान से हुई थी पहली मुलाकात, न जाने कैसे वो गहरे रिश्ते में बदल गयी। उससे जुड़ने लगे थे कुछ यूँ मेरे जज़्बात, कि ये मुलाकात मोहब्बत में बदल गयी। प्रेम की डोर प्रतिदिन मजबूत होती गयी, खुशियों के मेघ थे खुलकर बरसने लगे। मेरे मन उपवन को थी हरियाली भा गयी, मेरे पैर थे उसकी यादों में थिरकने लगे। उसकी शरारत भरी आँखें मुझे छेड़ जाती थीं, मेरे मन को उसकी ये शैतानियाँ रास आती थीं। उसकी प्यारी बातें जब मुझे याद आती थीं, मेरे लबों पर सदा एक मुस्कान छा जाती थी। काश! ये दूरियाँ उस रब ने बनाई न होती, तो मेरी आँखों से कभी भी बहते न मोती। // प्रेम // एक अंजान से हुई थी पहली मुलाकात, न जाने कैसे वो गहरे रिश्ते में बदल गयी। उससे जुड़ने लगे थे कुछ यूँ मेरे जज़्बात, कि ये मुलाकात म
// प्रेम // एक अंजान से हुई थी पहली मुलाकात, न जाने कैसे वो गहरे रिश्ते में बदल गयी। उससे जुड़ने लगे थे कुछ यूँ मेरे जज़्बात, कि ये मुलाकात म #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #wallpaperzone #tishiyapa #wallpaperzonesonnetchallenge #day5ofoctoberpoetrychallenge
read moreMG Plus
हमने छत को टपकने से रोका नहीं है तुम्हें है बरसना तो आकर बरस लो। उनकी यादों में दिन रात तड़पै हुए हैं। तुम्हें है तड़पना तो आकर तड़प लो। है गलियों में उनकी समंदर की लहरें ,बहने गए थे बिखर के हैं आए हैं रिश्ते अधूरे मोहब्बत में मेरे, वो सुनते नहीं है किसको सुनाए आखिरी साँस तक हम ही रोते रहेंगे तुम्हें भी है रोना तो आकर सिसक लो.. करवट लिए याद में मैंने उनकी वो गैरों की यादों के हक़दार हैं भरते नहीं है ज़ख्म जो हैं दिल के हर मरहम यक़ीनन अब बेकार है दिए ज़ख्म शायद कभी ना भरेंगे, तुम्हें भी है देना गले को कतर दो बंद आँखों से उनकी खामियां भी देखी हरकतें भी देखी नाकामियाँ भी देखी हम लड़ते रहे बेवजह दोस्तों से वो कहते रहे तुमने गलतियाँ ना देखी आज आसमा भी रोके बरसने लगे हैं , तुम्हें है संभलना तो हमसे सबक लो ... ©MG Plus हमने छत को टपकने से रोका नहीं है तुम्हें है बरसना तो आकर बरस लो। उनकी यादों में दिन रात तड़पै हुए हैं। तुम्हें है तड़पना तो आकर तड़प लो। ह
हमने छत को टपकने से रोका नहीं है तुम्हें है बरसना तो आकर बरस लो। उनकी यादों में दिन रात तड़पै हुए हैं। तुम्हें है तड़पना तो आकर तड़प लो। ह #Truth #writersofinstagram #poem #poetrybyManishGupta #MGPlus #LookingDeep #mymgplus #sastaashayar
read moreDr. AJATSHATRU MANIK BHAGAT
उम्मीद 2020 जब कभी तुम खो जाओगे ज़िन्दगी की गलियों में उन अंधेरी गलियो में उन उलझे उलझे रिश्तो में रोशनी होगी सवेरा होगा उलझनों को सुलझाना ना उनमे खुद ही उलझ जाना नए तरीकों से ही होगी ज़िन्दगी अब तो बसर ना उम्मीदे अब तो सारी होगी हम पर अब बेअसर रोशनी होगी सवेरा होगा चलते जाना ही है सफ़र ना रुकना तू भी हमसफ़र देख नई उचाइयां उड़ चले हम आकाश भी अपना करे नई परिधी नई चुनौतियों का मिल के हम सामना करे रोशनी होगी सवेरा होगा नई चुनौती को चुने मिलकर नए सपने बुने तब काटो भरी इन रहो फूल भी बरसने लगे रोशनी होगी सवेरा होगा जब कभी तुम खो जाओगे जिंदगी की गलियों में उन अंधेरी गलियो में उन उलझे उलझे रिश्तो में रोशनी होगी सवेरा होगा ©Dr. AJATSHATRU MANIK BHAGAT #boat उम्मीद 2020 जब कभी तुम खो जाओगे ज़िन्दगी की गलियों में उन अंधेरी गलियो में उन उलझे उलझे रिश्तो में रोशनी होगी सवेरा होगा उलझनों को
संगीत कुमार
तन भींगा मन भींगा सावन का महीना आ गया दिल में रौनक छा गया प्रेम धुन मन में बजने लगा जीवन हरियाली से भर गया तन भींगा मन भींगा बाग बगीचा फूलो से खिल उठे मोर पक्षी सब नृत्य करने लगे जग पक्षी की किलकारी से गूंज उठे मेघ से जल अमृत बन बसुधा पर बरसने लगे नदी तालाब जल परिपूर्ण हुए तन भींगा मन भींगा शिवालय में पूजन होने लगा मानो देवता धरती पर उतर आये गीत गान सब होने लगा लोग खुशी से झूम उठे उल्लास से उर भर गया तन भींगा मन भींगा क्या मनोरम दृश्य जग में छा गया पेड़ पौधों में हरियाली दिखने लगा घाटी फूलों की खुशबू से महंकने लगा सरिता में निर्मल नीर बहने लगा दृश्य मन को खूब भा गया तन भींगा मन भींगा प्रेम का मौसम छा गया बर्षा की रिमझिम फुहारो में मन नाचने लगा एक दूसरे से बाँहों में लिपट पड़ा प्रेम - संगीत गुनगुनाने लगा मानो उर उमंग से भर गया तन भींगा मन भींगा © (संगीत कुमार /जबलपुर ) ✍🏽✍स्व-रचित 🌹🌹 तन भींगा मन भींगा सावन का महीना आ गया दिल में रौनक छा गया प्रेम धुन मन में बजने लगा जीवन हरियाली से भर गया तन भींगा मन भींगा बाग बगीचा फ
तन भींगा मन भींगा सावन का महीना आ गया दिल में रौनक छा गया प्रेम धुन मन में बजने लगा जीवन हरियाली से भर गया तन भींगा मन भींगा बाग बगीचा फ
read moreSugandh mishra "abhi"
जिम्मेदार कौन था ? इंसान या विज्ञान ? (Read caption )👇 ✍️Sugandh Mishra पहले इंसान आया, फिर विज्ञान आया फिर इंसान ने विज्ञान को पहचाना फिर इंसान और विज्ञान एक हुए फिर दोनों ने मिलकर हथियार बनाए