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Devwritesforyou
अज्ञात
Sonu Goyal
Kapil Nayyar
Sethi Ji
इस नवरात्रि गैरों को अपना बनाओ उसने दोस्तों का हाथ बढ़ाओ नवरात्रि में देती हैं माता रानी हम सब को अपने दर्शन नवरात्रि का हर दिन अपने परिवार के साथ हर्ष और उल्हास से मनाओ मेरी सुन ले कर पुकार ज्योता वालियां जो नवरात्रि के बाद आपसे मुँह मोड़ लेते हैं भरी महफ़िल अपनों का दिल तोड़ देते हैं जो लोग सबके सामने बनते हैं अच्छे और अकेले में औरत की खुशियों को नोच लेते हैं आप ऐसे दुष्टों का संहार करो और अपने भक्तों का बेड़ापार करो ऐ माता रानी , भक्तों की आस जगा दो दे कर अपने दर्शन , यह नवरात्रि हम सब के लिए खास बना दो 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 🌼 जय माता दी 🌼 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 ©Sethi Ji 🩷🌟 शुभ नवरात्रि 🌟🩷 माता रानी की ज्योति जले निरंतर तेरी ख़ुशी हैं माता रानी की भक्ति के अंदर नवरात्र के पांचवें दिन भक्तों को अभीष्ट फल प्र
Anil Ray
भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये... अजर-अमर शाश्वत अनंत है आत्मतत्व वेदों ने गाया ब्रह्म सत्य भौतिक जगत मिथ्या ऋषि-मुनियों ने दोहराया एक ही तो आत्मा है जो परमात्मा अंश कहलाये पुरुष प्रधान समाज के उपासक लड़का-लड़की में भेद करायें भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये। मातृशक्ति के ही है 'द्वंद्व' यह दोनों ही स्वरूप आधुनिक युग में भी, क्यों समझे इन्हें कुरूप सर्वजगत है उस मातृशक्ति का ही सुंदर रूप फिर भी सितम है कैसा इन पर हम ज़ुल्म ढाये भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये। एक तत्व से निर्मित लड़का-लड़की है एक समान महिला अत्याचारों के खिलाफ धारण करें हम कमान जो आया है वह जायेगा यही सृष्टि का है विधान मौत सनातन इस जग में फिर हम क्यों घबराये भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये। लड़की के बिना जीवन क्या सकल जगत अधुरा जननी बन बस यही तो है इस जीवन का आधारा समानता हो जीवन में तभी होगा नवनिर्माण पूरा ईश्वर की रचना में सभी समान है सभी में प्रेम समाये भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये। मौलिक रूप में सब समान है समझा गये भारतरत्न अम्बेडकर संविधान में शामिल की है समानता समस्याओं को झेलकर समतामूलक समाज स्थापित करे इन अत्याचारों को भेदकर आओं मिलकर इस असमानता शासन को जड़ से मिटायें भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये। यहाँ अपनी एक ही धरती एक ही है अपना गगन सफ़रे-जिंदगी में चले दिलों में लेकर एक ही लगन मातृत्व के असीम प्रेम में मानवता रहे सदा मगन आह्वान करता 'अनिल राय' मिलकर हम ज्ञान का दीप जलायें भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये। मानव सृष्टि की सृजनहार और पालनहार मातृशक्ति की चरण-वंदना के साथ आप सभी को "महिला समानता दिवस" की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं💐💐💐💐🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 ©Anil Ray #womanequality भरा अंधविश्वास जगत में आओं भ्रम को दूर भगाये...✍🏻 अजर-अमर शाश्वत अनंत है आत्मतत्व वेदों ने गाया ब्रह्म सत्य भौतिक जगत मिथ्
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Mili Saha
// भस्मासुर को शिव का वरदान // पूर्व काल में भस्मासुर नाम का हुआ करता था एक राक्षस, समस्त विश्व में राज करने की प्रबल इच्छा जिसमें भरकस, इसी प्रयोजन हेतु करने लगा, भगवान शिव की घोर तपस्या, शिव ने तब प्रसन्न होकर उसकी गहन तपस्या का फल दिया, वर मांगने कहा जब, भस्मासुर ने मांगा अमरत्व का वरदान, शिव बोले नहीं दे सकता यह वर, है यह सृष्टि विरुद्ध विधान, अमृत्व के अतिरिक्त जो मांगना मांग लो बोले शिव भगवान, तब भस्मासुर ने, दौड़ाई बुद्धि और बदल कर मांगा वरदान, जिसके भी सिर पर मैं, हाथ रखूँ, वो वहीं पर भस्म हो जाए, दीजिए मुझे यही एक वरदान जिससे मेरा कल्याण हो जाए, भगवान शिव से वरदान लेकर, उन्हीं को भस्म करने चला, भ्रष्ट हुई बुद्धि भस्मासुर की, त्रिकाल देव को ही हराने चला, जैसे -तैसे खुद को बचा कर, शिव पहुंँचते नारायण के पास, संपूर्ण कथा सुनाकर नारायण को मदद करने की कही बात, तब विष्णु भस्मासुर का अंत करने को मोहनी रूप बनाते हैं, भगवान नारायण अपने रूपजाल में भस्मासुर को फंँसाते हैं, देख रूप मोहिनी का भस्मासुर रखता है विवाह का प्रस्ताव, उसी से विवाह करूंँगी जो नृत्य जाने मोहनी देती है ज़वाब, नृत्य नहीं जानता था भस्मासुर मांगी उसने मोहनी की मदद, तुरंत तैयार हो गई मोहनी, भस्मासुर की थी यह बेला सुखद, मोहनी ने अपने सर पे रख दिया हाथ नृत्य सिखाते सिखाते, भस्मासुर भूल गया शिव से मिला वरदान, नृत्य करते-करते, रख दिया उसने अपने सर पर हाथ, भस्म हो गया भस्मासुर, भगवान विष्णु की मदद से शिव की विकट समस्या हुई दूर। ©Mili Saha भस्मासुर को शिव का वरदान // भस्मासुर को शिव का वरदान // पूर्व काल में भस्मासुर नाम का हुआ करता था एक राक्षस, समस्त विश्व में राज करने की प
Pushpvritiya
Feminism का भार इस भार से ज़्यादा भारी जान पड़ा....... बड़ा हल्का कर दिया पुरूषों के अस्तित्व को... जो अस्तु में तो है पर धिक्कारित्....... वह ढोएगा....जताएगा...पर कभी उतारेगा नही....अस्वीकारेगा नही.... शायद यही पुरूष की प्रकृति है.. और यही प्रकृति का विधान........ शायद...... @पुष्पवृतियां . . ©Pushpvritiya दोपहिए पर अपने से तिगुणी भार को बिठाए...ढोए जा रहा था...जाने मां थी..भार्या या भगिनी...पिछली सीट जो महिलाओं के लिए लगभग संरक्षित....सुरक्षित
Shakuntala Sharma
नवरात्रि मां दुर्गा के नव अवतार का ही रूप है! नौ दिन तक माता के व्रत आराधना करने से मन चाह फल की प्राप्ति होती। यह भी कहा जाता है। भैरु नाथ के प्रकोप के कारण माता एक गुफा में छिप कर नौ महिने तक निवास करते हुए शिव की आराधना करती रही । नौ महिने के इस सफर के कारण ही गुफा को गर्भ गुफा भी कहा जाने लगा । शिव की आराधना के फलस्वरूप माता की कृपा से शिशु भी मां के गर्भ में नौ महिने तक रहता है। नौ महिने बाद जब माता गर्भ गुफा से बाहर आई I भैरु का वध करने लिये दौड़ी परन्तु भैरू ने माता के चरण पकड़कर क्षमा याचना की तब माता ने भैरु को वरदान दिया कि जहां जहां माता की पूजा आराधना होगी वही भैरु की भी पूजा होगी । चैत्र मास के इन नौ नवरात्री को हमारे नये साल के रूप में मनाया जाता है। ©Shakuntala Sharma #navratri नौ दिन माता दुर्गा की आराधना व पूजा का महा उत्सव है। हिन्दु धर्म में चैत्र मात्र से ही नई साल का प्रारम्भ होना माना जाता है।