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AB
✿~ _____________ अपनी अधिकांश वेदनाओं से मुक्त होने का एक ही उपाय है अंजुली में भर कर प्रवाहित कर देना उन्हें पुरे मन से किसी शांत नदी में ताकि वह पुनः मन को कुरेद न पाए और न ही कारण बन पाए ह्रदय आघात का. ©अल्प _____________ ✿~ शांत नदी वह आत्मा जिसमें इतना साहस हो कि वह हमारी सभी वेदनाओं को आत्मसात कर सकें उन्हें अवशोषित कर सकें. वो कहते हैं ना समझा तो सब देते हैं
शांत नदी वह आत्मा जिसमें इतना साहस हो कि वह हमारी सभी वेदनाओं को आत्मसात कर सकें उन्हें अवशोषित कर सकें. वो कहते हैं ना समझा तो सब देते हैं #anintrovertsdiary
read moreSunita D Prasad
#अतिरिक्त.... मेघों ने.. अतिरिक्त जल बरसा दिया..! धरा ने भी, कुछ जल कर अवशोषित/संग्रहित.. अतिरिक्त, बहा दिया..। सागर सहर्ष समाहित करता रहा.... सबका अतिरिक्त..! और होता गया दिन-ब-दिन खारा..! तुम्हारे कंधों पर सिर टिकाते ही.. न जाने क्यों.. वही खारापन पाती हूँ ।। --सुनीता डी प्रसाद💐💐 #अतिरिक्त.... मेघों ने.. अतिरिक्त जल बरसा दिया..! धरा ने भी, कुछ जल कर अवशोषित/संग्रहित..
#अतिरिक्त.... मेघों ने.. अतिरिक्त जल बरसा दिया..! धरा ने भी, कुछ जल कर अवशोषित/संग्रहित.. #yqbaba #yqdidi #yqpowrimo
read moreKalam_Kasturi
जैसे एक पेड़ की जड़े इंकार कर दे फैलने से और जल अवशोषित करने से तो क्या उस दरख़्त का विकास हो पायेगा? एक न एक दिन वो धराशायी हो जायेगा ठीक वैसे
जैसे एक पेड़ की जड़े इंकार कर दे फैलने से और जल अवशोषित करने से तो क्या उस दरख़्त का विकास हो पायेगा? एक न एक दिन वो धराशायी हो जायेगा ठीक वैसे #nojotopoetry #nojotohindi #nojotophoto
read moreDas Sumit Malhotra Sheetal
सफेद रंग शुद्धता और पवित्रता की निशानी, सफेद रंग अमन-चैन और शांति की निशानी। ये रंग गर्मी को ज़्यादा अवशोषित नहीं करता, गर्मी के मौसम में सफेद कपड़े ज़्यादा पहनते। सफेद रंग का भी हर जगह भिन्न-भिन्न महत्व, भारत में शोक समय सफेद रंग हमेशा पहनते। पश्चिम देशों में विपरीत रंग हमेशा ही पहनते, शोक के समय काला रंग हमेशा सब पहनते। सफेद रंग शांति का प्रतीक सभी सदा मानते, युद्ध के समय सुलह का प्रतीक भी तो मानते। सफेद रंग नेता ही ज़्यादातर हमेशा से पहनते, पाक-साफ़ दिखाने के लिए हमेशा ही पहनते। सौहाद्रता का प्रतीक हमेशा मानते हुए पहनते, पवित्रता शुद्धता शांति का प्रतीक सदा मानते। ©Das Sumit Malhotra Sheetal सफेद रंग शुद्धता और पवित्रता की निशानी, सफेद रंग अमन-चैन और शांति की निशानी। ये रंग गर्मी को ज़्यादा अवशोषित नहीं करता, गर्मी के मौसम मे
सफेद रंग शुद्धता और पवित्रता की निशानी, सफेद रंग अमन-चैन और शांति की निशानी। ये रंग गर्मी को ज़्यादा अवशोषित नहीं करता, गर्मी के मौसम मे #कविता
read moreSandeep Kothar
शायद ही आप में से कुछ इस बात को जानते होंगे..! पूरी दुनिया को 70% Oxygen समंदर से मिलता हैं.. बचा हुआ 30% पेड़ पौधों से.. इसका अर्थ ये नहीं की पेड़ों का भी महत्व 30% हो जाता हैं। पेड़-पौधे वातावरण से हानिकारक कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके हमें ऑक्सीजन (शुद्ध वायु) प्रदान करते हैं। बारिश करवाने में पेड़ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जिससे हमें पीने के लिए पानी उपलब्ध हो पाता हैं। हमें पेड़ पोधों के साथ समंदर को भी सुरक्षित रखना हैं। संदीप कोठार संदर्भ: यूट्यूब/गूगल सर्च शायद ही आप में से कुछ इस बात को जानते होंगे..! पूरी दुनिया को 70% Oxygen समंदर से मिलता हैं.. बचा हुआ 30% पेड़ पौधों से.. इसका अर्थ ये नह
शायद ही आप में से कुछ इस बात को जानते होंगे..! पूरी दुनिया को 70% Oxygen समंदर से मिलता हैं.. बचा हुआ 30% पेड़ पौधों से.. इसका अर्थ ये नह #Science #Ocean #nojotohindi #unknown #nojotoenglish #gyan #ansuni #nojotogyan #WorldOceanDay
read morePankaj Singh Chawla
जनन क्रिया... (Read in Caption) सफेद पंखुड़ियों के मध्य, सुनहरी रंग में विद्यमान, अनेको कोमल पुंकेसर को, सुरक्षा प्रदान करती पंखुड़ियाँ, सूचक है प्रजनन का, सहायक बनती है मधु,
सफेद पंखुड़ियों के मध्य, सुनहरी रंग में विद्यमान, अनेको कोमल पुंकेसर को, सुरक्षा प्रदान करती पंखुड़ियाँ, सूचक है प्रजनन का, सहायक बनती है मधु, #yqbaba #YourQuoteAndMine #pchawla16 #yqrestzone #collabwithrestzone #rzpicprompt1598
read moreसंवेदिता "सायबा"
अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस 'वन और स्वास्थ्य' फूल कभी खुशबू न्यौछावर करती है सीमा में क्या? खिलती जो उपवन में कलियां महक रहें बंधन में क्या? भ #कविता #hindipoetry #savelife #SaveNature #saveforest #samvedita #संवेदिता #internationaldayofforests
read moreAB
" अरिहंत " मैं ज्यादातर अपने मन के माहौल के मुताबिक लिखा करती हूँ. और ख़ासकर तब लिखा करती हूँ जब मन बहुत कुंठित होता है और मुझे सुनने वाला कोई नहीं
मैं ज्यादातर अपने मन के माहौल के मुताबिक लिखा करती हूँ. और ख़ासकर तब लिखा करती हूँ जब मन बहुत कुंठित होता है और मुझे सुनने वाला कोई नहीं
read moreअशेष_शून्य
इसलिए तो मैं कहती हूं ... ....इस दुनिया के आत्मा की दीवारें हमारे प्रेम के रंग____ ________"हमारे ख़ुदरंग इश्क़" में रंगी जानी चाहिए; ताकि ईश्वर की सबसे सुंदर प्रेम कृति "जीवन" को संरक्षित किया जा सके । -Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में) लॉन में खड़े हो के जब भी निहारो, लगता है "आसमां ज़मीं का आईना ही तो है" भोर से सांझ तक के कारवाँ में बदलते रहते वर्ण
लॉन में खड़े हो के जब भी निहारो, लगता है "आसमां ज़मीं का आईना ही तो है" भोर से सांझ तक के कारवाँ में बदलते रहते वर्ण #yqdidi #yqhindipoetry #yqaestheticthoughts #अशेष_शून्य
read moreअशेष_शून्य
क्योंकि मैं "रंगहीन" हूं; और तुम भी।। _______© Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में) मैं रंगहीन हूं और तुम भी तुम्हें यकीं नहीं अंधेरे में देखो तुम्हें मेरी और तुम्हारी चमड़ी में कोई फर्क दिखता है क्या?
मैं रंगहीन हूं और तुम भी तुम्हें यकीं नहीं अंधेरे में देखो तुम्हें मेरी और तुम्हारी चमड़ी में कोई फर्क दिखता है क्या? #lifegoeson #yqhindiquotes #yqaestheticthoughts #अशेष_शून्य
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