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CM Chaitanyaa
जब बिजली गिर ही पड़ी सजनी, किस-किस पर दोष मैं डालूँ; त्रुटि अगर इन घटाओं की हो तो, इस अंबर को कहाँ सँभालूँ ? #yqdidi #yqhindi #yqpoetry #4liner #bestyqhindiquotes #बिजली #घटाएँ
Kaushal Kaushik
टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए ©Kaushal Kaushik टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए #बरसात #छतरी #मौषम#यादें
Suchita Pandey
जब दिल पे छा रही हों घटाएँ मलाल की, उस वक़्त अपने दिल की तरफ़ मुस्कुरा के देख। #lifelessons #malaalrehnede #suchitapandey #heal #heartly_thoughts #yqquotes जब दिल पे छा रही हों घटाएँ मलाल की, उस वक़्त अपने दिल की तरफ
Ashok Mangal
🙏आज के बढ़ते तनाव को कम करने के उपाय🙏 अमूमन हर शख्स के जीवन में आज बढ़ रहा तनाव । ज्ञान सुलभ, बहुत सारा, बढ़ा रहा मानसिक खिंचाव ।। लेखनी का आज के माहौल को एक ही है सुझाव । अपने अंदर की ज्ञान गंगा को चिंतन से बाहर लाव ।। अपने उपजे ज्ञान में कोई खोट हो ही नहीं सकती । मनन करने से हर समस्या सुलझती हुई दिखती ।। इन्टरनेट के ज्ञान से जीवन बात बिन बात सुलग रहे । जो सोच पाये खुद का, उनकी ज्ञान गंगा अविरल बहे ।। तनाव से मुक्ति के कुछ रामबाण उपाय । मोबाइल का उपयोग यथोचित किया जाय ।। 24 में से 12 घंटे मोबाइल से रहें दूर । 12 में से 6 घंटे आराम से सोएं जरूर ।। 6 में से 2 घंटे धर्म ध्यान जनसेवा में लगाएं । और 2 घंटे आपसी सामाजिक रिश्तों को दिये जायें ।। व्यापार को भी 12 घंटे से अधिक न दें । दो घंटे कुछ भी करने के लिये रक्खें ।। ( शेष अनुशेष में ) कुछ नहीं तो दुखियों का दुःख दर्द घटाएँ । कुछ समय लोगों की सोच सही दिशा दे सुदृढ़ बनायें ।। प्रभु ने जो खुशहाली बक्शी, उसका मोल करना सीखें ।
Pnkj Dixit
💝 चाँद चेहरे प .... जुल्फ घटाएँ घनेरी बहुत मुझे तो चाँद की आँख का काजल चुराना है मुझे तो ये झुमका मिरा दुश्मन लगे है मगर लगता ये चाँद के गाल का आशिक पुराना है २८/०२/२०२२ 🌷👰💓💝 ...✍️ कमल शर्मा‘बेधड़क’ ©Pnkj Dixit 💝 चाँद चेहरे प .... जुल्फ घटाएँ घनेरी बहुत मुझे तो चाँद की आँख का काजल चुराना है मुझे तो ये झुमका मिरा दुश्मन लगे है मगर लगता ये चाँद के गा
Satish Chandra
अंगुली के पोर पर रख जीवन की डोर थामा हाथ मोहब्बत़ का चल पड़ा तिश्नगी की ओर, सुहानी सी जो रूत थी उससे हो उठा दिल भावविभोर रात की कैकश़ा सिमटी मुझमें और अपना सा कर गई वो भोर, नजाकत़ से तृष्णा देती घटाएँ जैसे कोई चित़चोर समेटे हुए आतिश-ए-उन्सुर मोहब्बत़ की हयत़ ले चली अपनी ओर, अंगुली के पोर पर रख जीवन की डोर। #पोर #अंगुलीकेपोर #YQdidi #हिन्दी #ऊर्दू #जिंदगी #मोहब्बत़ #शाम_सवेरा #तृष्णा
विष्णुप्रिया
छलकते नेत्र अंबुद के, हिय अन्तस भिगोते है। पखारें भाव भीतर से, व्यथा के पल संजोते है। कलश दृग से जो बहती हैं वेदना की वो सरिता है । प्रक्षालित कर हृदय मेरा कलुषता को मिटाती है ॥ छलकते नेत्र अंबुद के, हिय अन्तस भिगोते है। पखारें भाव भीतर से, व्यथा के पल संजोते है । भिगाती जो ये बूंदे हैं, हृदय की पीर मिटती है, समाहित
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है, ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है. मिला है हुस्न तो इस हुस्न की हिफ़ाज़त कर, सँभल के चल तुझे सारा जहान देखता है. कनीज़ हो कोई या कोई शाहज़ादी हो, जो इश्क़ करता है कब ख़ानदान देखता है. घटाएँ उठती हैं बरसात होने लगती है, जब आँख भर के फ़लक को किसान देखता है. यही वो शहर जो मेरे लबों से बोलता था, यही वो शहर जो मेरी ज़बान देखता है. मैं जब मकान के बाहर क़दम निकालता हूँ, अजब निगाह से मुझ को मकान देखता है. परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है, ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है. मिला है हुस्न तो इस हुस्न की हिफ़ाज़त कर, सँभल के चल तुझे सारा जहान
Suchita Pandey
// वो खूबसूरत यादें // कितनी प्यारी थी हसीं तुम्हारी, कहाँ खो दिया उसे..ये उदास सी ख़ामोशी.. कहाँ से ले आयी हो तुम.. ख़ामोशी में उदासी, अब रही कहाँ.. तुम्हें देख लिया फ़िर से तो.. सारी उदासियाँ ख़ामोश हो गयीं है जैसे.. लेकिन..तुम इतने ख़ामोश- ख़ामोश से क्यों हो.. बात - बात पर खिलखिलाना, हँसना तो जैसे तुम्हारे फितरत में था.. याद है हमारी वो चंद मुलाक़ात, हम पहाड़ी पे गये थे..मौसम तो नहीं था, फिर भी घटाएँ उमड़ आयीं थी.. ऐसे में तुम कुछ कहना चाहते थे मुझसे, और मैं कुछ सुनना.. मैं कुछ और सोच रही थी, और तुम कुछ और कह रहे थे.. - सुचिता पाण्डेय✍ // वो खूबसूरत यादें // कितनी प्यारी थी हसीं तुम्हारी, कहाँ खो दिया उसे..ये उदास सी ख़ामोशी.. कहाँ से ले आयी हो तुम.. ख़ामोशी में उदासी, अब
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, पर उनकी क्या मजाल, जो हमारा कुछ बिगाड़ पाएं। नमस्ते लेखकों। कोलाब करे Pen n Popcorn के साथ और इस बैकग्राउंड को अपने शब्दों से निखारे। अटल बिहारी वाजपेयी भारत के दसवें प्रधानमंत्री थे।