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HintsOfHeart.
"इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है इतने मौलिक बनो कि जितना स्वयं सृजन है" ©HintsOfHeart. #द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी -हिन्दी के साहित्यकार जिन्होंने बाल साहित्य पर 26 पुस्तकें लिखीं, जिससे वे 'बच्चों के गांधी' भी कहलाते हैं।
HINDI SAHITYA SAGAR
आज देखो बने है सदन ही सदन, साथ राधा ही कृष्ण के संग में खड़ी। दोष मेरा था क्या ये बता दो सभी। क्यों द्वारिका में अकेले पड़ी रह गयी? ©HINDI SAHITYA SAGAR आज देखो बने है सदन ही सदन, साथ राधा ही कृष्ण के संग में खड़ी। दोष मेरा था क्या ये बता दो सभी। क्यों द्वारिका में अकेले पड़ी रह गयी? #Hindi #h
HINDI SAHITYA SAGAR
न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मिणी। साथ कृष्ण रहे ज़िंदगी भर मेरी, नाम उनका हुआ रह गयी मैं पड़ी। आज देखो बने है सदन ही सदन, साथ राधा ही कृष्ण के संग में खड़ी। दोष मेरा था क्या ये बता दो सभी। क्यों द्वारिका में अकेले पड़ी रह गयी? -शैलेन्द्र ©HINDI SAHITYA SAGAR #janmashtami न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मिणी। साथ कृष्ण रहे ज़िंदगी भर मेरी, नाम उनका हुआ रह गयी मैं पड़ी। आज
HINDI SAHITYA SAGAR
कविता : रुक्मिणी का विरह न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मणि। साथ उनका रहा बस घड़ी दो घड़ी। नाम उनका हुआ रह गयी मैं पड़ी। आज देखो बने है सदन ही सदन, साथ राधा ही कृष्ण के संग-संग खड़ी। दोष मेरा था क्या ये बता दो सभी? द्वारिका में अकेले क्यूँ पड़ी रह गयी? ©HINDI SAHITYA SAGAR कविता : रुक्मिणी का विरह न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मणि। साथ उनका रहा बस घड़ी दो घड़ी। नाम उनका हुआ रह गयी मैं
Mr RN SINGH
copyright policy ©Mr RN SINGH #ye यार मेरे तुम बनो द्वारिका धीश #MrRNSINGH #sudama #krishasudama #poem #poem✍🧡🧡💛 #Poet #Poetry
HINDI SAHITYA SAGAR
कविता : रुक्मिणी का विरह न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मणि। साथ उनका रहा बस घड़ी दो घड़ी। नाम उनका हुआ रह गयी मैं पड़ी। आज देखो बने है सदन ही सदन, साथ राधा ही कृष्ण के संग-संग खड़ी। दोष मेरा था क्या ये बता दो सभी? द्वारिका में अकेले क्यूँ पड़ी रह गयी? ©HINDI SAHITYA SAGAR #andhere कविता : रुक्मिणी का विरह न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मणि। साथ उनका रहा बस घड़ी दो घड़ी। नाम उनका हुआ
HINDI SAHITYA SAGAR
न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मणि। साथ उनका रहा बस घड़ी दो घड़ी। नाम उनका हुआ रह गयी मैं पड़ी। आज देखो बने है सदन ही सदन, साथ राधा ही कृष्णा के संग में खड़ी। दोष मेरा था क्या ये बता दो सभी। द्वारिका में क्यों अकेले पड़ी रह गयी। ©HINDI SAHITYA SAGAR #titliyan न मैं मीरा बनी न ही राधा बनी, देखो बस रह गयी बनके मैं रुक्मणि। साथ उनका रहा बस घड़ी दो घड़ी। नाम उनका हुआ रह गयी मैं पड़ी। आज देखो